अब ब्रैंड प्रमोशन नहीं पड़ेगा महंगा! बेंगलुरु का यह स्टार्टअप दे रहा किफ़ायती सर्विसेज़
"एक ऐसा स्टार्टअप जो स्टार्टअप्स को बताता है कि उनकी सर्विस या प्रोडक्ट के मुताबिक़ उन्हें किस ब्रैंड नेम के साथ आगे बढ़ना चाहिए और किस तरह से अपने उत्पाद या सर्विस की पैकेजिंग करनी चाहिए।"
ऑन्त्रप्रन्योर बनकर अपने दम पर एक नई कंपनी की शुरुआत करना, कोई आसान काम नहीं होता। आपको एक अच्छी टीम तैयार करनी पड़ती है, कैपिटल या निवेश जुटाना पड़ता है, अपने प्रतिभागियों पर नज़र रखनी पड़ती है और ग्राहकों का भरोसा जीतना पड़ता है। इन सबके अलावा, ब्रैंड का नाम और ग्राहक या उपभोक्ताओं की नज़र में उसकी इमेज भी बहुत मायने रखती है और ये सभी कारक भी किसी स्टार्टअप की सफलता में अहम भूमिका निभाते हैं।
वैसे तो भारत में बहुत सी ब्रैंडिंग एजेंसियां हैं, लेकिन छोटे और मध्यम स्तर के स्टार्टअप्स को ध्यान में रखते हुए, उनमें से ज़्यादात एजेंसियां बेहद महंगी हैं। इस समस्या का हल निकालते हुए, बेंगलुरु आधारित स्टार्टअप विनर ब्रैंड्स स्टार्टअप्स को हर प्रकार के ब्रैंडिंग सॉल्यूशन्स मुहैया कराता है। विनर ब्रैंड्स स्टार्टअप्स को बताता है कि उनकी सर्विस या प्रोडक्ट के मुताबिक़ उन्हें किस ब्रैंड नेम के साथ आगे बढ़ना चाहिए और किस तरह से अपने उत्पाद या सर्विस की पैकेजिंग करनी चाहिए। इतना ही नहीं, विनर ब्रैंड्स स्टार्टअप्स को अपने प्रोडक्ट या सर्विस ग्राहकों तक पहुंचाने में भी मदद करता है।
कैसे हुई शुरुआत?
अमित स्वामी नाम के एक बिज़नेसमैन, अपने फ़ैमिली बिज़नेस से जुड़े हुए थे। वह आगरा में अपने परिवार का कन्ज़्यूमर रीटेल बिज़नेस संभाल रहे थे। इस दौरान ही उन्होंने अपने दोस्तों प्रीतम पर्वतम और अशर अली से अपने वेंचर की ब्रैंडिंग के लिए मदद मांगी। लंबी रिसर्च के बाद, उन्हें एहसास हुआ कि अधिकतर ब्रैंडिंग एजेंसियां बहुत मंहगी हैं और जो एजेंसियां कम फ़ीस चार्ज करती हैं, उनकी सर्विसेज़ ब्रैंड के हिसाब से उपयुक्त ही नहीं होतीं। अशर मानते हैं कि क्रिएटिव एजेंसियां ब्रैडिंग को मूलरूप से एक क्रिएटिव एक्सरसाइज़ समझती हैं और इस वजह से उनका पर्याप्त ध्यान बिज़नेस स्ट्रैटजी की ओर नहीं होता।
अशर और प्रीतम ने तय किया कि वह मार्केट में मौजूद इस कमी को एक अच्छे अवसर के रूप में भुनाएंगे। इस फ़ैसले के बाद उन्होंने अपनी नौकरियां छोड़ दीं और विनर ब्रैंड्स की शुरुआत की। उन्होंने अगस्त, 2017 में एक ऑनलाइन ब्रैंडिंग असिस्टेन्स सर्विस के रूप में इसकी शुरुआत की। अशर ने जानकारी दी कि विनर ब्रैंड्स क्लाइंट्स के लिए एक इन-हाउस वर्चुअल ब्रैंड मैनेजर के रूप में काम करता है। कंपनी क्लाइंट्स के लिए ब्रैंड नेम तय करने, लोगो डिज़ाइन करने और वेबसाइट तैयार करने आदि का काम करती है। कंपनी ट्रेडमार्क और वेब डिवेलपमेंट आदि से जुड़ीं सर्विसेज़ भी मुहैया कराती है।
शुरुआती चुनौतियां
अक्सर ऑन्त्रप्रन्योर्स ब्रैंडिंग के महत्व को ठीक ढंग से भांप नहीं पाते और यह विनर ब्रैंड्स के लिए काफ़ी बड़ी चुनौती थी क्योंकि कंपनी को ऐसे कई क्लाइंट्स को अपने साथ जोड़ना था। कंपनी ने बताया कि अभी भी कई ब्रैंड ऐसे हैं, जो सिर्फ़ ऑनलाइन मॉडल पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर पाते। इस बात को ध्यान में रखते हुए, विनर ब्रैंड्स ने अपने उपभोक्ताओं को दो भागों में बांट दिया- नई जेनरेशन के और तकनीकी रुझान रखने वाले ऑन्त्रप्रन्योर्स और दूसरे वे जो पूरी तरह से परंपरागत माध्यमों पर निर्भर होते हैं। हाल में, विनर ब्रैंड्स के लगभग 90 प्रतिशत उपभोक्ता, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता के हैं।
विनर ब्रैंड्स की शुरुआत करने से पहले प्रीतम ओरेकल कंपनी में बतौर मार्केटिंग मैनेजर काम कर रहे थे और अशर एक बुटिक मार्केटिंग फ़र्म चलाते थे। विनर ब्रैंड्स की कोर टीम में ब्रैंड मैनेजर्स, डिज़ाइनर्स, कॉन्टेन्ट और कम्यूनिकेशन एक्सपर्ट्स शामिल हैं। कंपनी के 15 इन-हाउस कर्मचारी, 50 फ़्रीलांस पार्टनर्स और 15 से अधिक बुटिक एजेंसी पार्टनर्स हैं।
विनर ब्रैंड्स देशभर से फ़्रीलांसर्स हायर करता है। कंपनी के साथ जुड़े लगभग 90 प्रतिशत फ़्रीलांसर्स, डिज़ाइन हेट या आर्ट डायरेक्टर जैसी अहम भूमिकाएं निभा चुके हैं। विनर ब्रैंड्स, मार्केटिंग सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए बतौर ऐग्रीगेटर काम नहीं करता। अन्य फ़्रीलांस ऐग्रीगेटर्स के अंतर्गत फ़्रीलांसर्स सीधे क्लाइंट्स से संपर्क में रहते हैं, जबकि विनर ब्रैंड्स अपने क्लाइंट्स से संपर्क में रहता है और ज़रूरत के हिसाब से अपने फ़्रीलांसर्स को काम बांटता है।
विनर ब्रैंड्स एजेंसियों के लिए भी बतौर ऐग्रीगेटर काम नहीं करता। कंपनी क्लाइंट्स के सामने अपने पास उपलब्ध फ़्रीलांसरों और ऐजेंसियों को ध्यान में रखते हुए क्लाइंट्स के सामने विकल्प पेश करती है। विनर ब्रैंड्स अपनी इन सर्विसेज़ के लिए क्लाइंट्स से फ़ीस चार्ज करता है। विनर ब्रैंड्स अपने क्लाइंट्स को कस्टमाइज़्ड ब्रैंडिंग पैक्स का विकल्प देता है। साधारण ब्रैंड नेम पैक की क़ीमत 21,999 रुपए रखी गई है। ब्रैंड लोगो पैक की क़ीमत 23,999 रुपए रखी गई है। वहीं विनर ब्रैंड्स, पैकेजिंग डिज़ाइन पैक के लिए 29,999 रुपए चार्ज करता है। क्लाइंट्स ई-कॉमर्स साइट्स पर अपने प्रोडक्ट लॉन्च करने में भी विनर ब्रैंड्स की मदद ले सकती हैं।
विनर ब्रैंड्स एक बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप है, जो अभी तक एक साल में 180 क्लाइंट्स के लिए 300 प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुका है। इन क्लाइंट्स में से 55 प्रतिशत तक विनर ब्रैंड्स के रिपीट कस्टमर्स हैं। कंपनी का दावा है कि हर महीने उनके रेवेन्यू में 50 लाख रुपए तक का इज़ाफ़ा हो रहा है।
कंपनी की क्लाइंट लिस्ट में छोटी और बड़ी सभी तरह की कंपनियां शामिल हैं, लेकिन उनका फ़ोकस मुख्य रूप से छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों पर ही रहता है। भविष्य में कंपनी वैश्विक स्तर पर अपने ऑपरेशन्स को बढ़ाने और अपने प्रोफ़ाइल में और भी सर्विसेज़ जोड़ने की योजना पर काम कर रही है। कंपनी अपने क्लाइंट्स को डिजिटल मार्केटिंग, पब्लिक रिलेशन्स और मीडिया प्लानिंग आदि की सर्विसेज़ मुहैया कराने के बारे में भी विचार कर रही है।
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