परमाणु ऊर्जा विभाग की बड़ी खोज, न्यूट्रास्युटिकल 'अक्टोसाइट' कैंसर की देखभाल में बदलाव लाने को तैयार
इस सफलता को हासिल करने में डीएई संस्थानों और उद्योग के बीच सहयोग महत्वपूर्ण रहा है. यह कैंसर देखभाल के लिए वैज्ञानिक नवाचार और व्यावहारिक समाधानों के समन्वय का एक महत्वपूर्ण क्षण है.
रेडियोथेरेपी से उपचार करा रहे कैंसर रोगियों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में परमाणु ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों और मेसर्स IDRS लैब्स प्रा. लिमिटेड बेंगलुरु ने अक्टोसाइट (AKTOCYTE) टैबलेट विकसित करने के लिए मिलकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञ; टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई; कैंसर में प्रशिक्षण अनुसंधान और शिक्षा के लिए उन्नत केंद्र, नवी मुंबई ने रेडियोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ IDRS प्रयोगशाला के साथ सहयोग किया.
अक्टोसाइट टैबलेट्स के, विशेष रूप से रेडियोथेरेपी-प्रेरित सिस्टिटिस (मूत्र में रक्त) से पीड़ित पेल्विक कैंसर रोगियों के उपचार में उल्लेखनीय परिणाम देखने को मिले हैं. अक्टोसाइट टैबलेट से उपचार कराने वाले रोगियों में अभूतपूर्व तरीके से सुधार हुआ, जिससे मूत्राशय को शल्य चिकित्सा से हटाने की आवश्यकता समाप्त हो गई. कैंसर रेडियोथेरेपी, पुनर्योजी न्यूट्रास्युटिकल, इम्युनोमोड्यूलेटर और एंटीऑक्सीडेंट के सहायक के रूप में डिज़ाइन की गई टैबलेट्स, कैंसर देखभाल में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक हैं.
अक्टोसाइट को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत संचालित भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से मंजूरी मिल गई है. यह नियामक मंजूरी अक्टोसाइट टैबलेट की सुरक्षा और अनुपालन पर जोर देती है, जो स्वास्थ्य पेशेवरों और रोगियों दोनों को इसकी प्रभावकारिता एवं गुणवत्ता के बारे में आश्वासन प्रदान करती है.
अक्टोसाइट टैबलेट ने रेडियोथेरेपी से गुजर रहे पेल्विक कैंसर के रोगियों में उल्लेखनीय प्रभाव प्रदर्शित किया है, जिससे महत्वपूर्ण सुधार होता है और सर्जिकल उपायों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है.
टैबलेट एक पूरक से कहीं अधिक काम करती है. अक्टोसाइट को कैंसर रेडियोथेरेपी के गुणवर्धक औषधि, एक पुनर्योजी पौष्टिक-औषधि, रोग-प्रतिरक्षा को बढ़ाने वाला और एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में देखा जा रहा है, जो कैंसर देखभाल में इसकी बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित करता है.
जनवरी 2024 में अक्टोसाइट टैबलेट के बाजार में आने की उम्मीद है और यह कैंसर उपचार प्रोटोकॉल में एक परिवर्तनकारी उपाय बनने के लिए तैयार है.
इस सफलता को हासिल करने में डीएई संस्थानों और उद्योग के बीच सहयोग महत्वपूर्ण रहा है. यह कैंसर देखभाल के लिए वैज्ञानिक नवाचार और व्यावहारिक समाधानों के समन्वय का एक महत्वपूर्ण क्षण है.
परमाणु ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों और उद्योग जगत के बीच सहयोग से कैंसर रोगियों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार का मार्ग प्रशस्त हुआ.