Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

भाई-बहन ने मिलकर पिता के घाटे में चल रहे कारोबार को बदला मुनाफे में, हासिल की 250% की ग्रोथ

अग्निम गुप्ता और स्तुति गुप्ता ने ग्वालियर में अपने आयुर्वेदिक हेल्थकेयर बिजनेस को पुनर्जीवित करने में अपने पिता की मदद करने के लिए अपनी कॉर्पोरेट नौकरियां छोड़ दी। आज, Amrutam एक आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल ब्रांड के रूप में उभरा है, और इसकी यह यात्रा अविश्वसनीय से कम नहीं है।

Palak Agarwal

रविकांत पारीक

भाई-बहन ने मिलकर पिता के घाटे में चल रहे कारोबार को बदला मुनाफे में, हासिल की 250% की ग्रोथ

Wednesday July 28, 2021 , 8 min Read

2000 के दशक के मध्य में, जब भारत में आयुर्वेद बाजार में तेजी देखी जा रही थी, पतंजलि आयुर्वेद और श्री श्री तत्व जैसे ब्रांडों ने प्रसिद्धि हासिल की। लगभग उसी समय, ग्वालियर स्थित एक फार्मा कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर अशोक गुप्ता (58) ने कंज्यूमर्स के लिए गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेदिक प्रोडक्ट लाने के दृष्टिकोण के साथ 2006 में Amrutam लॉन्च करने का फैसला किया।


अशोक ने अपनी पत्नी चंद्रकांता गुप्ता के साथ अपनी बचत से आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल और हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स को बनाने और बेचने के लिए एक छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी शुरू की।


आयुर्वेद का ज्ञान प्राप्त करने और एक दशक से अधिक समय तक इंडस्ट्री में रहने के बाद, अशोक ने एक अच्छे नेटवर्क और बिजनेस में दक्षता हासिल कर ली। दुर्भाग्य से, उनका बिजनेस चल नहीं पाया और उन्हें बड़ा नुकसान होने लगा। लेकिन अशोक ने हार नहीं मानी और 10 साल तक लगातार काम करते रहे।


2016 में, बिजनेस को एक बड़ा वित्तीय झटका लगा और वह बंद होने की कगार पर था। लेकिन नियति की अपनी योजनाएँ थीं, और अशोक के बच्चों अग्निम गुप्ता और स्तुति गुप्ता ने बेंगलुरु में अपनी कॉर्पोरेट नौकरियां छोड़ दी और अपने पिता के बिजनेस को बचाने के लिए कमान अपने हाथों में ली।

गुप्ता परिवार

गुप्ता परिवार

जो बिजनेस अगस्त 2017 में एक महीने में एक ऑर्डर मिलने के बाद फिर से शुरू हुआ, वह अब 2.78 करोड़ रुपये के कारोबार के साथ प्रति माह 4,000 ऑर्डर प्राप्त कर रहा है। कंपनी ने वित्त वर्ष 21 में रेवेन्यू में 250 प्रतिशत की बढ़ोतरी का भी दावा किया है।


YourStory के साथ बातचीत में, अग्निम और स्तुति ने अपने पिता की बिजनेस ज़र्नी के बारे में बात की, जिसके कारण उन्होंने अमृतम का निर्माण किया, और आयुर्वेद के बारे में लोगों को शिक्षित करने के उनके विज़न के बारे में बताया।

कैसे हुई शुरूआत

हलवाई के एक निम्न-आय वाले परिवार से आने वाले अशोक गुप्ता का शुरूआती जीवन आसान नहीं था। उन्होंने 12 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था, और गुजारा करने के लिए छोटे-मोटे काम करने लगे। 20 साल की उम्र तक, उन्होंने ग्वालियर में दीनदयाल औषधि नामक एक आयुर्वेदिक कंपनी में डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में फुल-टाइम काम करना शुरू कर दिया था।


आयुर्वेद में दृढ़ विश्वास होने के कारण, उन्होंने आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में बहुत कुछ पढ़ा और आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल की समझ हासिल की। 90 के दशक की शुरुआत में, वह चिरायु फार्मास्युटिकल्स नामक एक दूसरी कंपनी में शामिल हो गए और ग्वालियर और आसपास के क्षेत्रों में एक दशक से अधिक समय तक खुदरा विक्रेताओं और डॉक्टरों को आयुर्वेदिक दवाएं डिस्ट्रीब्यूट करने का काम किया।


समय के साथ, उन्होंने निर्माताओं और अन्य ब्रांडों के साथ एक मजबूत नेटवर्क बनाया। साथ ही उन्होंने इन प्रोडक्ट्स में गुणवत्ता की कमी भी देखी, जिससे वह परेशान हो गए।


अग्निम और स्तुति ने YourStory को बताया,

“हमारे पिता ने कंपनी से बात की लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी गई। उन्होंने भारी मन से 2006 में कंपनी छोड़ दी और अमृतम को एक हॉलिस्टिक वेलनेस और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट कंपनी के रूप में लॉन्च करने का फैसला किया।"


अशोक ने कंपनी में अपनी बचत से निवेश किया और प्रोडक्ट्स बनाना शुरू किया, लेकिन बिजनेस चल नहीं पाया। वह 10 वर्षों तक कोशिश करते रहे, लेकिन सब व्यर्थ रहा।


स्तुति कहती हैं, "लेकिन तब भी पिताजी ने डिस्ट्रीब्यूशन नहीं छोड़ा और मुझे लगता है कि यह एक सही विकल्प था, अन्यथा सर्वाइव करना मुश्किल होता।"


जब बिजनेस बंद होने की कगार पर था, तब अग्निम और स्तुति ने अपने पिता की मदद करने का फैसला किया।

डिजिटल अपनाना

अग्निम पेशे से आर्किटेक्ट हैं और उनका बेंगलुरु में स्टार्टअप था और स्तुति स्कॉटलैंड से पोस्ट-ग्रेजुएशन करने की भी योजना बना रही थीं। लेकिन परिवार के हालात बिगड़ते देख उन्होंने वापस लौटने का फैसला किया।


स्तुति कहती है, “हमारी माँ हमें पहले से ही व्यवसाय में शामिल होने के लिए कह रही थीं, लेकिन हमने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन जब हमने देखा कि व्यापार टूट रहा है, तो हम वापस ग्वालियर चले गए।”

अमृतम का फेस क्लींजर

अमृतम का फेस क्लींजर

जुलाई 2017 में, अग्निम और स्तुति ने अमृतम को नया रूप दिया और अपने प्रोडक्ट्स को रीब्रांड किया। मेडिकल स्टोर और डॉक्टरों को हर्बल दवाओं की आपूर्ति से, अमृतम ने प्रीमियम पर्सनल और साथ ही हेल्थकेयर OTC प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन, अपनी वेबसाइट के जरिए और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर्स (D2C) बेचना शुरू किया। उन्होंने प्रोडक्ट्स को फिर से पैक किया और उन्हें अलग तरह से लेबल किया।


स्तुति का कहना है कि कंपनी तब तक परंपरागत रूप से चल रही थी। जब उन्होंने बिजनेस में प्रवेश किया, तो उन्होंने सबसे पहले ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई। अग्निम को टेक्नोलॉजी की जानकारी थी और उन्होंने खुद वेबसाइट बनाई और सोशल मीडिया पर भी ले गए और फेसबुक पर पोस्ट करना शुरू कर दिया।


अग्निम और स्तुति शुरू में चिंतित थे क्योंकि उनके पास कोई ग्राहक नहीं था। वे बस लैपटॉप स्क्रीन के सामने बैठे थे और बिक्री होने का इंतजार कर रहे थे। एक महीने के बाद, अगस्त 2017 में, अमृतम को वाराणसी से अपना पहला ऑनलाइन ऑर्डर मिला, और तब से, पीछे मुड़कर नहीं देखा।

चॉइस मायने रखती है

जैसा कि बिजनेस धीरे-धीरे बढ़ रहा था, स्तुति कहती है, अमृतम को एक प्रमुख भारतीय आयुर्वेदिक ब्रांड के साथ एक OEM के रूप में साझेदारी करने का प्रस्ताव मिला।


जैसा कि उन्होंने प्रोडक्ट्स के पहले बैच को डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन तभी एक और झटका लगा, कांच की सभी बोतलें टूट गईं। स्तुति का कहना है कि उन्होंने फिर एक और बैच बनाया, लेकिन ब्रांड ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उन्होंने प्रोडक्ट्स को वैक्यूम सील नहीं किया है। बहुत हाथ-पैर मारने के बावजूद, डील कैंसिल हो गयी और वे वापस उसी मोड़ पर खड़े थे।


वह बताती हैं, "ये चीजें हमारे लिए नई थीं और हम ब्रांड के साथ डील नहीं कर सके, लेकिन तस्वीर की दूसरी साइड को देखकर हम और अधिक दृढ़ हो गए कि हम वास्तव में बाजार में अपना नाम बना रहे थे। हमने खुद को भटकने से रोक लिया और D2C ब्रांड बनाने पर ध्यान देना शुरू कर दिया।"


अग्निम और स्तुति ने 2018 में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के साथ-साथ सोशल मीडिया एडवर्टाइजमेंट्स की शुरुआत की, जिसके बारे में उनका कहना है कि इसने उन्हें, ग्राहकों को आकर्षित किया। आज अमृतम को एक महीने में करीब 4,000 ऑर्डर मिलते हैं और RoC के मुताबिक, वित्त वर्ष 20 में इसने 69 लाख रुपये की बिक्री की।


स्तुति का कहना है कि ब्रांड ने वित्त वर्ष 21 में 2.78 करोड़ रुपये का कारोबार किया और इसके प्रोडक्ट्स की शुरुआत 500 रुपये से हुई।

कोविड-19 के दौरान बिजनेस

स्तुति बताती है, “COVID-19 ने ऑनलाइन शॉपिंग को बढ़ावा दिया और हमने वित्त वर्ष 20-21 में 250 प्रतिशत की वृद्धि देखी। यह देखते हुए कि अधिकांश ब्रांड केवल आयुर्वेद के नाम पर स्किनकेयर या हेयरकेयर प्रोडक्ट्स बेच रहे हैं, हम वेलनेस और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स, दोनों के लिए वन-स्टॉप-शॉप हैं। हम इन-हाउस डॉक्टरों द्वारा ऑनलाइन आयुर्वेदिक परामर्श भी प्रदान करते हैं। हमारे आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स के साथ हमारे हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स की लोकप्रियता बढ़ी है।"


जैसा कि अमृतम 'एशेंसियल' की श्रेणी में आता है, महामारी के दौरान इसका संचालन बहुत लंबे समय तक नहीं रुका। जबकि दूसरे व्यवसायों ने विज्ञापन चलाना बंद कर दिया, स्तुति का कहना है कि महामारी की पहली लहर के दौरान ब्रांड ने विज्ञापनों को 8-10X बढ़ा दिया।

अमृतम का ट्रैवल एशेंसियल किट

अमृतम का ट्रैवल एशेंसियल किट

ब्रांड के पास लगभग 1,000 SKUs हैं, और स्तुति का दावा है कि यह आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स की पेशकश करके हेल्थकेयर कैटेगरी में अपने प्रतिस्पर्धियों से अलग है।


अमृतम के पास अब दो लीगल एंटीटिज़ हैं जो एक मैन्युफैक्चरिंग सेटअप और एक D2C ब्रांड में विभाजित हैं। फैक्ट्री को मैनेज करने का काम अशोक करते हैं और D2C ब्रांड का संचालन अग्निम और स्तुति द्वारा किया जाता है। अमृतम की नज़र वित्त वर्ष 22 में D2C ब्रांड के तौर पर 8 करोड़ रुपये के कारोबार पर है।

चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं

स्किनकेयर रेंज में Kama Ayurveda जैसे ब्रांड के साथ प्रतिस्पर्धा करना, कंपनी के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक ब्रांड के लिए सही फिट होना है।


“हम अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को ग्वालियर से मूव नहीं कर सकते, और लोग यहां रिलोकेट नहीं होना चाहते हैं। यह हमें सही प्रतिभा खोजने में कठिन समय देता है।”


एक और चुनौती जिसका कंपनी को सामना करना पड़ा, वह थी बिजनेस प्रोसेस को डिजिटाइज करना, और इसने ERP को एक समाधान के रूप में पाया, जिसे अब लागू किया जा रहा है।


भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए, स्तुति और अग्निम का कहना है कि उन्होंने अपने कारखाने के बगल में खाली जगह में एक हर्बल गार्डन तैयार किया है जहाँ वे ऐसी फसलें उगाने की योजना बना रहे हैं जो उनके प्रोडक्ट्स के लिए कच्चे माल के रूप में उपयोग की जाएँगी। इसके अलावा, उन्होंने 2019 में 'अमृतम रीसायकल प्रोजेक्ट' भी लॉन्च किया, जहां वे कारखाने द्वारा उत्पन्न कचरे को पुन: उपयोग करने के लिए रीसायकल करते हैं। निकट भविष्य में, दोनों रिफिल कॉन्सेप्ट के साथ अमृतम के बेस्ट सेलिंग प्रोडक्ट्स के लिए एल्यूमीनियम बोतल पैकेजिंग लॉन्च करेंगे।