घाटे में चल रही BYJU’s को केवल 7 दिन में चुकाने हैं 2000 करोड़ रुपये, Aakash Educational डील पर मंडराया संकट
आकाश एजुकेशनल सर्विसेज के अधिग्रहण के लिए समझौते की शर्तों के अनुसार, जून, 2022 में कंपनी द्वारा विक्रेताओं को 1,983 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था. इसे 23 सितंबर, 2022 तक के लिए टाल दिया गया है.
कई महीनों की देरी के बाद अपना ऑडिटेड फाइनेंशियल रिपोर्ट फाइल करने वाली देश की दिग्गज एजुकेशनल-टेक्नोलॉजी (एडटेक) कंपनी बायजू
को 95 मिलियन डॉलर (7.58 अरब रुपये) के आकाश एजुकेशनल सर्विस के सौदे को पूरा करने के लिए 2000 करोड़ रुपये चुकाने के लिए केवल आठ दिन बचे हैं. कंपनी की आधिकारिक फाइनेंशियल रिपोर्ट के अनुसार, बायजू को ये पैसे VC फंड ब्लैकस्टोन को चुकाने हैं.आकाश एजुकेशनल सर्विसेज के अधिग्रहण के लिए समझौते की शर्तों के अनुसार, जून, 2022 में कंपनी द्वारा विक्रेताओं को 1,983 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था. इसे 23 सितंबर, 2022 तक के लिए टाल दिया गया है. आकाश में ब्लैकस्टोन की 38 फीसदी की हिस्सेदारी है और बायजू ने आकाश के अधिग्रहण की करीब 75 फीसदी हिस्सेदारी चुकता कर दी है.
यदि बायजू 23 सितंबर तक भुगतान पूरा करने में विफल रहता है, तो कंपनी को सौदे को पूरा करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से समयसीमा बढ़ाने की मांग करनी होगी. आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, एक नॉन-रेजिडेंट (ब्लैकस्टोन) और रेजिडेंट (बायजू) के बीच इक्विटी हस्तांतरण के मामले में, बायर द्वारा हस्तांतरण समझौत की भुगतान की तारीख से 18 महीने की अवधि के भीतर भुगतान किया जा सकता है.
बता दें कि, अप्रैल, 2021 में बायजू ने करीब 7.58 अरब रुपये में नकद और स्टॉक डील में आकाश एजुकेशनल सर्विसेज को खरीदने की घोषणा की थी. आकाश के प्रमोटरों और ब्लैटस्टोन को अपनी हिस्सेदारी बायजू को बेचनी थी और सौदा पूरा होने पर ब्लैकस्टोर और आकाश एजुकेशनल सर्विसेज के फाउंडर्स को बायजू में माइनॉरिटी हिस्सेदारी मिलती.
ब्लैकस्टोन पहले से ही बायजू में एक निवेशक है और ट्रैक्सएन पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, निजी इक्विटी फर्म के पास बायजू में लगभग 0.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है. एक बार लेन-देन पूरा हो जाने के बाद, ब्लैकस्टोन को बायजू में लगभग एक प्रतिशत और हिस्सेदारी मिलेगी, जबकि आकाश एजुकेशनल सर्विसेज के प्रमोटर्स, चौधरी परिवार को कंपनी में लगभग 2 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी. दस्तावेजों के अनुसार, राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने अभी तक बायजू और आकाश एजुकेशनल सर्विसेज के सौदे को मंजूरी नहीं दी है.
FY21 में BYJU's को 4588 करोड़ का घाटा
बता दें कि, पिछले कई महीनों से विवादों में घिरी बायजू BYJU'S ने आखिरकार कई महीने की देरी बाद अपना ऑडिटेड फाइनेंशियल अकाउंट जारी किया और यह कंपनी को हुए भारी नुकसान को दिखाता है. कंपनी का 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष का घाटा 19 गुना बढ़कर 4,588 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. कंपनी को वित्त वर्ष 2019-20 में 231.69 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
हालांकि, इसके बावजूद बायजू के को-फाउंडर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बायजू रविंद्रन ने बताया कि हालांकि, पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में हमारा राजस्व चार गुना होकर 10,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
कंपनी ने अपना IPO भी 2023 के अंत तक के लिए टाल दिया है जबकि अपने 200 सेंटर्स को इस साल के अंत तक बढ़ाकर 500 करने का लक्ष्य है. बायजू की आने वाले वर्ष में कुल 10,000 और शिक्षकों को नियुक्त करने की योजना है. वर्तमान में कंपनी में लगभग 50,000 कर्मचारी कार्यरत हैं.
BYJU's का विवादों से नाता
देश की सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप BYJU'S की कुल वैल्यूएशन 23 अरब डॉलर (18.33 खरब रुपये) है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में बायजू की फंडिंग गायब होने का दावा किए जाने के बाद जुलाई में कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने देश के फ्रॉड रेगुलेटर को पत्र लिखकर BYJU'S के फाइनेंसेस की जांच करने की मांग की थी.
इसके बाद कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) ने कंपनी से जवाब मांगा था कि उसने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए अपनी ऑडिट रिपोर्ट अभी तक क्यों फाइल नहीं की है.
Edited by Vishal Jaiswal