कौन हैं कैप्टन जोया, दुनिया के सबसे लंबे हवाई रूट पर बिना रुके जहाज उड़ाने वाली पायलट
दिल्ली से न्यूयॉर्क के लिए निकले जहाज में एक बुजुर्ग यात्री की तबीयत बिगड़ी तो जोया ने बीच रास्ते से जहाज वापस दिल्ली की ओर मोड़ लिया.
“कहां से शुरू करूं. क्या कहूं. मैं बिलकुल नि:शब्द हूं. 8 साल की नन्ही जोया ने कभी नहीं सोचा था कि तारे को छूकर देखने का उसका एक नन्हा सा सपना एक दिन उसकी पूरी जिंदगी बदल देगा. यह खुशी, यह उपलब्धि उस नन्ही जोया के नाम.”
अभी जब चारों ओर जोया अग्रवाल का नाम है, जोया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर यह पोस्ट लिखकर उस नन्ही जोया को शुकराना भेजा है, जो 8 साल की उम्र में सितारों को छूकर देखना चाहती थी. यूं तो जोया एयर इंडिया की पायलट और कैप्टन हैं, लेकिन उनकी ताजा उपलब्धि ये है कि सैन फ्रांसिस्को स्थित विमानन संग्रहालय ने उन्हें अपने यहां जगह दी है. उस संग्रहालय में एविएशन से जुड़ी बहुत सारी ऐतिहासिक चीजें हैं, लेकिन किसी जीते-जागते इंसान को वहां पहली बार जगह मिली है.
जोया ने एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान कहा, “मुझे यह देखकर बहुत खुशी और अचंभा हुआ कि एविएशन के इतिहास से जुड़ी तमाम यादगार चीजों के बीच लिविंग बीइंग (जीती जागती चीज) मैं ही हूं. मैं अपनी खुशी शब्दों में बयां नहीं कर सकती.”
लड़कियों की रोल मॉडल कैप्टन जोया
सैन फ्रांसिस्को विमानन संग्रहालय ने कहा है है कि जोया को संग्रहालय में जगह दिए जाने की मुख्य वजह है उनका अभूतपूर्व फ्लाइंग कॅरियर. दुनिया के सबसे लंबे हवाई रूट और नॉर्थ पोल की लंबी दूरी तय करने वाली वह पहली भारतीय महिला पायलट हैं. साथ ही वह स्त्री सशक्तिकरण की मिसाल भी हैं. आज लड़कियां जोया को एक रोल मॉडल की तरह देखती हैं. जोया की उपलब्धियां उन्हें सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा देती हैं.
बोइंग एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली वह सबसे कम उम्र की महिला पायलट
जोया ने पिछले साल नॉर्थ पोल के ऊपर 16 हजारा किलोमीटर की रिकॉर्ड दूरी तय करके अपना नाम इतिहास में दर्ज कर लिया था. नॉर्थ पोल के ऊपर हवाई जहाज उड़ाने वाली वह पहली भारतीय पायलट हैं. पहली बार जोया अग्रवाल ने एयर इंडिया का विमान लेकर ऑल विमेन क्रू के साथ दुनिया के सबसे लंबे हवाई रूट सैन फ्रांसिस्को से लेकर बंगलुरू तक में नॉन स्टॉप उड़ान भरी और रास्ते में तकरीबन 16 हजार किलोमीटर नॉर्थ पोल के ऊपर हवाई जहाज उड़ाया.
जोया सीनियर एयर इंडिया पायलट हैं, जो बोइंग 777 एयरक्राफ्ट उड़ाती हैं. 2013 में बोइंग एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली वह सबसे कम उम्र की भारतीय महिला पायलट बनीं.
जब बीच रास्ते विमान लौटा लिया जोया ने
2015 में एक बार और जोया खबरों में आई थीं, जब उन्होंने एक पैसेंजर की जान बचाने के लिए न्यूयॉर्क के रास्ते से हवाई जहाज घुमाकर वापस दिल्ली लौटा लिया था. हुआ यूं कि नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एयर इंडिया का एक विमान न्यूयॉर्क के लिए उड़ा, लेकिन तभी रास्ते में एक बुजुर्ग यात्री की तबीयत काफी खराब हो गई. उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.
न्यूयॉर्क का रास्ता लंबा था. अगले छह घंटों से पहले कहीं विमान लैंड करने की सूरत नहीं थी. ऐसे में जोया ने आनन-फानन में एक फैसला किया. उन्होंने जहाज को वापस घुमाया और दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर लैंड किया. उन बुजुर्ग व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाया गयाऔर उनकी जान बच गई.
जब पूरी दुनिया में कोविड महामारी फैली तो भारत सरकार ने मई, 2020 में वंदे भारत मिशन की शुरुआत की. इस मिशन के अंतर्गत दुनिया भर से 14,800 भारतीयों को वापस भारत लाया गया. एयर इंडिया के विमानों ने कुल 64 उड़ानें भरीं. ऐसी पहली उड़ान की को-पायलट के रूप में जोया अग्रवाल को चुना गया था.
2021 में जोया ने नॉर्थ पोल पर 16 हजार किलोमीटर लंबी उड़ान भरी, जिसके बाद यूनाइटेड नेशंस ने उन्हें अपने जेनेरेशन इक्वैलिटी मिशन का स्पोक्सपर्सन बनाया.
जब जोया ने हवाई जहाज में मनाया पिता का जन्मदिन
एक सफल और काबिल पायलट होने के साथ-साथ जोया सुंदर, शोख और अपने परिवार से जुड़ी सामान्य लड़की भी हैं. अपना यह परिचय जोया खुद ही देती हैं. दो हफ्ते पहले 9 अगस्त को जोया ने अपने पिता के जन्मदिन पर अपने इंस्टाग्राम पर माता-पिता के साथ एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “10 साल में पहली बार मैं अपने माता-पिता के साथ उड़ान भर रही हूं. मैंने हमेशा इस दिन का सपना देखा है. और जब मैं ये कह रही हूं तो मुझे एहसास है कि किसी को यह बात कितनी सामान्य लग सकती है. कैप्टन होते हुए अपने पैरेंट्स के साथ हवाई जहाज में जाना कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन मेरे लिए यह बहुत ही खास दिन है और इसे मैं अपने जीवन की सबसे सुंदर स्मृति के रूप में हमेशा सहेजकर रखूंगी.”
जोया उस पोस्ट में आगे लिखती हैं, “उन्होंने हमेशा मेरे सपनों को बढ़ावा दिया है. मुझे आगे बढ़ाया है. दुनिया के सबसे अच्छे पिता को जन्मदिन बहुत-बहुत मुबारक हो. मुझमें और मेरे सपनों में यकीन करने के लिए आपका शुक्रिया. आप दोनों के बिना मैं कुछ भी नहीं.”
Edited by Manisha Pandey