बीमारी से लिया सबक, हर्बल प्रोडक्ट्स बना दे रहे सुरक्षा का भरोसा
February 19, 2018, Updated on : Thu Sep 05 2019 07:15:18 GMT+0000

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कितने लोग ऐसे होंगे, जो अपनी बीमारी में भी एक सकारात्मक संदेश ढूंढ सकें और उससे समाज के लिए कुछ बेहतर करने की प्रेरणा ले सकें। जॉन थॉमस ऐसे ही चुनिंदा लोगों की फेहरिस्त में शुमार होते हैं। जॉन ने 2011 में हर्बल स्ट्रैटजी नाम की एक कंपनी शुरू की थी, जो मच्छरों को भगाने, पालतू जानवरों के इलाज और साफ-सफाई के लिए दवाएं या प्रोडक्ट बनाती है। अब आप पूछेंगे कि इनमें नया और खास क्या है? आपको बता दें कि ये प्रोडक्ट पूरी तरह से नैचुरल और हर्बल हैं और यही इनकी खासियत है।

जॉन और उनके हर्बल प्रॉडक्ट्स
भारत में लोग अब केमिकल आधारित मॉस्क्यूटो रेपेलेंट्स के खतरों के बारे में जागरूक हो रहे हैं और इस वजह से लगातार इस तरह के हर्बल प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ रही है। सिर्फ भारत में कीटनाशकों का बाजार लगभग 3,600 करोड़ रुपए का है।
कितने लोग ऐसे होंगे, जो अपनी बीमारी में भी एक सकारात्मक संदेश ढूंढ सकें और उससे समाज के लिए कुछ बेहतर करने की प्रेरणा ले सकें। जॉन थॉमस ऐसे ही चुनिंदा लोगों की फेहरिस्त में शुमार होते हैं। जॉन ने 2011 में हर्बल स्ट्रैटजी नाम की एक कंपनी शुरू की थी, जो मच्छरों को भगाने, पालतू जानवरों के इलाज और साफ-सफाई के लिए दवाएं या प्रोडक्ट बनाती है। अब आप पूछेंगे कि इनमें नया और खास क्या है? आपको बता दें कि ये प्रोडक्ट पूरी तरह से नैचुरल और हर्बल हैं और यही इनकी खासियत है।
बीमारी से निकला आइडिया
जॉन एक सीरियल ऑन्त्रप्रन्योर हैं। सीरियल ऑन्त्रप्रन्योर वह होता है, जो एक ही समय पर एक से ज्यादा बिजनेस करता है। लंबे वक्त तक कई बिजनेसों में हाथ आजमाने और एक सीमा तक सफलता हासिल करने के बाद, जॉन की जिंदगी में एक ठहराव आया। इत्तेफाकन इस दौरान ही उन्हें सांस संबंधी बीमारी हुई। मेडिकल चेकअप से पता चला कि उन्हें यह बीमारी मॉस्क्यूटो रेपेलेंट्स में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स की वजह से हुई। जॉन ने अपनी बीमारी से प्रेरणा ली और मार्केट रिसर्च शुरू की। शोध के बाद उन्हें पता चला कि बाजार में इन केमिकल्स का कोई बेहतर और हर्बल विकल्प नहीं मौजूद है और उन्होंने ‘हर्बल स्ट्रैटजी’ की शुरूआत कर दी।
लॉन्च से पहले हर एक प्रोडक्ट पर गहरा शोध हुआ। उनका पहला प्रोडक्ट था, ‘जस्ट स्प्रे’, जो एक मॉस्क्यूटो रेपलेंट था। इसे एक साल से भी लंबे शोध के बाद लॉन्च किया गया था। टीम ने मच्छरों की 400 प्रजातियों पर 10 फॉर्मूले टेस्ट किए। इस दौरान उनकी टीम केरल तक पहुंची क्योंकि वहां पर मच्छरों की सबसे ज्यादा प्रजातियां पायी जाती हैं। कंपनी का सेंट्रल इन्स्टीट्यूट फॉर मेडिसिनल ऐंड अरोमैटिक प्लान्ट्स के साथ करार भी हुआ।
जॉन ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय से ऐक्वाकल्चर में एमएससी की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने कोचीन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। अपने काम की शुरूआत करने से पहले उन्होंने मार्केटिंग इंडस्ट्री का अनुभव लेने का फैसला लिया। उन्होंने दशकों तक कई कंपनियों में काम किया। 1991 में उन्होंने अपनी कंपनी ‘स्ट्रैटजी’ की शुरूआत की।
‘एक मेज और दो कुर्सियों से हुई शुरूआत’
अपनी पहली कंपनी के बारे में बात करते हुए जॉन कहते हैं, “जब यह कंपनी शुरू हुई, तब सिर्फ मैं और मेरा एक साथी ही इसका हिस्सा थे। हमें अपने काम की शुरूआत करनी थी, लेकिन क्या शुरू करना है, हम खुद ठीक तरह से नहीं जानते थे। हमने बेंगलुरु के नन्दीदुर्ग रोड पर एक ऑफिस लिया। हमने अपने पहले ऑफिस की शुरूआत एक मेज और दो कुर्सियों से की।”

जॉन और उनके दोस्त ने अपने सबसे पहले बिजनस के तौर पर स्विस ट्रेडिंग कंपनी लुई ड्रेफस के साथ पार्टनरशिप की और भारत में कॉफी की ट्रेडिंग शुरू की। भारत में एक सफल बिजनस जमाने के बाद जॉन ने अफ्रीका में भी इस कंपनी का बिजनस बढ़ाना शुरू किया।
इसके बाद जॉन और उनके पार्टनर ने ‘बारगेन्स बाजार’ के साथ रीटेल मार्केट में हाथ आजमाए, लेकिन यह सफल नहीं हो सका। 2008 में स्विस ट्रेडिंग फर्म के साथ जॉन की कंपनी का करार खत्म हुआ और जॉन अपने पार्टनर से भी अलग हो गए। जॉन इस समय को बेहद महत्वपूर्ण और चुनौतियों भरा बताते हैं। जॉन ने बताया कि इस दौरान ही हर्बल स्ट्रैटजी का आइडिया उभरा और उसके लिए शोध शुरू किया गया। हर्बल स्ट्रैटजी के लिए जॉन अपने परिवार और टीम को खासतौर पर धन्यवाद देते हैं।
‘बाजार में हैं अपार संभावनाएं’
हर्बल स्ट्रैटजी के भविष्य के बारे में बात करते हुए जॉन ने कहा कि भारत में लोग अब केमिकल आधारित मॉस्क्यूटो रेपेलेंट्स के खतरों के बारे में जागरूक हो रहे हैं और इस वजह से लगातार इस तरह के हर्बल प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ रही है। सिर्फ भारत में कीटनाशकों का बाजार लगभग 3,600 करोड़ रुपए का है। हर्बल स्ट्रैटजी ने पूरे बेंगलुरु में अपने फ्रैंचाइजी स्टोर्स खोल दिए हैं और अब अन्य शहरों में भी इन्हें शुरू करने की योजना बना रही है। हर्बल स्ट्रैटजी के प्रोडक्ट्स मध्य-पूर्व और अफ्रीका में भी उपलब्ध हैं। जॉन मानते हैं कि उनका सफर अभी शुरू हुआ है और अभी उन्हें बहुत आगे जाना है। जॉन कहते हैं, “मैं 58 साल का हूं, लेकिन मेरी ऊर्जा और हौसले किसी 25 साल के जवान आदमी से कम नहीं।”
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