ग्राहकों से गैरकानूनी ढंग से सर्विस टैक्स वसूले जाने के खिलाफ CCPA का सख्त निर्देश
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ग्राहक सेवा कर वसूल रहे होटलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का दिया निर्देश.
कई होटल और रेस्टोरेंट सरकार के निर्देश के बावजूद अभी भी उपभोक्ताओं से गैरकानूनी तरीके से ग्राहक सेवा कर (सर्विस टैक्स) वसूल रहे हैं, जिसके खिलाफ केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने सख्त कदम उठाया है.
CCPA ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि होटलों और रेस्त्राओं द्वारा सेवा कर लिए जाने के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें. साथ ही इस संबंध में कोई भी शिकायत मिलने पर जिला कलेक्टर जांच करके 15 दिनों के भीतर प्राधिकरण को रिपोर्ट सौंप सकते हैं.
CCPA ने देश भर के सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और जिला कलेक्टरों को उपभोक्ता हितों की रक्षा करने के लिए इन दिशा-निर्देशों के तत्काल कार्यान्वयन का आदेश दिया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि वे इन निर्देशों के व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करें. CCPA ने जिला कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि किसी भी स्थिति में रेस्टोरेंट और होटल नियम का उल्लंघन न कर पाएं.
जिला कलेक्टरों को CCPA की तरफ से जारी निर्देश पत्र में यह साफ कहा गया है कि उपभोक्ताओं से ग्राहक सेवा कर वसूलना सरकारी निर्देशों का उल्लंघन है. यह व्यापार करने का अनुचित तरीका है. ऐसा करने से उपभोक्ताओं के हितों को हानि पहुंचती है. इस पत्र में कहा गया है कि इस संबंध में उपभोक्ता की किसी भी शिकायत को तत्काल गंभीरता से लिया जाए और इस संबंध में उचित कार्रवाई की जाए.
सरकार की तरफ से ग्राहक सेवा कर वसूले जाने के खिलाफ दिशा-निर्देश जारी होने के बाद से कई उपभोक्ताओं ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर फोन करके अपनी शिकायत दर्ज की है. एक अप्रैल से लेकर 20 जून तक कुल 537 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं. इन शिकायतों में कहा गया है कि कुछ होटल और रेस्टोरेंट उपभोक्ताओं से जबरन सर्विस टैक्स वसूल रहे हैं. देने से मना करने पर वे दुव्यर्वहार करते हैं और उपभोक्ता को सार्वजनिक तौर पर शर्मिंदा करते हैं.
साथ ही कुछ इस तरह की शिकायतें भी आई हैं कि कुछ होटल सर्विस टैक्स को किसी और टैक्स के नाम से वसूलने की कोशिश कर रहे हैं. सर्विस टैक्स को लेकर यह शिकायतें मुख्य रूप से दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई, पुणे और गाजियाबाद शहर में दर्ज की गई हैं.
सीसीपीए की मुख्य आयुक्त श्रीमती निधि खरे ने स्पष्ट किया है कि यह दिशा-निर्देश महज एडवाइजरी नहीं हैं. यह कानून द्वारा पूरी तरह से लागू करने योग्य है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 18 (2) (एल) के तहत ये दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जो सीसीपीए को अनुचित व्यापार चलन को रोकने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का अधिकार देते हैं.
Edited by Manisha Pandey