महिलाओं को स्वस्थ करके पूरे परिवार को खुशहाल और देश को बेहतर बनाने में जुटी हैं राजलक्ष्मी
स्वस्थ परिवार सुखी जीवन का आधार. ये शायद आपको किसी विज्ञापन के पंच लाइन की याद दिलाता हो, लेकिन सच तो यही है की घर के सभी सदस्य सेहतमंद होंगे तभी जिंदगी की गाड़ी ठीक से चलेगी. घर की महिलाओं का भी फिट रहना उतना ही ज़रूरी जितना की पुरुषों का. लेकिन अकसर घर या ऑफिस के कामों में उलझी महिलाओं को अपनी फिटनेस पर ध्यान देने का मौका या फिर यूँ कहें समय नहीं मिलता. कामकाज़ी महिलाओं का सारा वक़्त, घर और ऑफिस के बीच तालमेल बिठाने की जद्दोज़हत में निकल जाता है और सेहत पर ध्यान देना सबसे गैरज़रूरी बात हो जाती है. आंकड़ों पर नज़र डालें तो पिछले कुछ सालों में डाइबिटीज़, हार्ट-अटैक, हाइपरटेंशन, कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित महिलाओं की संख्या में तेज़ी से इज़ाफा हुआ है. ऐसे वक़्त में ज़रूरी हो गया है की महिलाएं अपनी सेहत को लेकर सतर्क हो जाएँ. कुछ इन्हीं इरादों के साथ मुंबई में रहने वाली राजलक्ष्मी ने 2007 में शुरुआत की बीफिट ऑनली लेडीज जिम की. जिसका एक ही मकसद है, महिलाओं की सेहत और फिटनेस से जुडी सभी समस्याओं का समाधान करना।
राजलक्ष्मी ने योरस्टोरी से बातचीत में कहा,
"अगर घर की बेटी सेहतमंद होगी तो आनेवाली पीढियां भी स्वस्थ होंगी. महिलाएं घर चलाती हैं, उनका फिट रहना सबसे ज्यादा ज़रूरी है, फिर चाहे वो हाउस वाइव्स हों या कामकाजी. मैंने अपने घर में भी मेरी माँ और मेरी नानी को हर तरह की मुश्किलों का सामना करते देखा है. मेरा मानना है कि स्वस्थ और सुखी महिला ही एक खुशहाल परिवार बना सकती है. वैसे तो जिम चलाना कोई नई बात नहीं है. लेकिन मेरे जिम की ख़ास बात ये है की ये सिर्फ महिलाओं के लिए है जिसकी वजह से महिलाएं बिना किसी हिचक के वर्कआउट्स कर सकती हैं. ये सुबह के 6 बजे से रात के 9 बजे तक खुला रहता है. इसलिए कामक़ाज़ी महिलाओं के बीच ये काफी लोकप्रिय है और मेरी सफलता का कारण भी. इस सफलता ने ही मुझे 2012 में अपनी एक और शाखा खोलने का हौसला दिया. मेरा ये मानना है की उद्दम चलाना तैरने जैसा है...जितनी तेज़ लहरें होंगी आप उतनी ही तेज़ी से हाथ-पैर चलाएंगे."
राजलक्ष्मी ने फ़ूड, साइंस एंड न्युट्रीशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और 2016 में उन्हें एमबीए इन एंट्रीप्रनेरशिप की डिग्री भी मिल जाएगी. उन्होंने 1998 में मुंबई के घाटकोपर में फिटनेस वर्ल्ड से, बतौर न्युट्रीशनिष्ट अपने करियर की शुरुआत की. यहीं फिटनेस लेसंस के साथ-साथ राजलक्ष्मी को एकाउंट्स की भी थोड़ी बहुत जानकारी मिल गई. यहाँ काम करते-करते राजलक्ष्मी को अपना जिम शुरू करने का ख्याल आया. मन ही मन वो इस सपने को सींचने लगी. लेकिन उन्होंने इस सपने को अपने तक ही रखा और 2000 में मुंबई के जाने-माने फिटनेस सेंटर तलवलकर्स में काम करने लगी. फिटनेस के क्षेत्र में उनके अच्छे–खासे तजुर्बे की बदौलत 2004 में वो ब्रांच मैनेजर बनी और इसी दौरान उन्हें बिज़नेस में अच्छे-बुरे की समझ होने लगी. इस काम ने उन्हें अपना उद्दम शुरू करने की सबमे अहम बातें सिखाईं. फिर सही समय आने पर राजलक्ष्मी ने अपने दोस्त जगजीत सांघवाल को अपने इरादे के बारे में बताया. उन्होंने राजलक्ष्मी का हर मोड़ पर साथ देने का वायदा किया. 2005 में जगजीत और राजलक्ष्मी ने शादी कर ली. इसके बाद राजलक्ष्मी अपने सपने को साकार करने की कोशिशों में लग गईं. लेकिन शुरू-शुरू में उनके आसपास वालों को उनका ये फैसला पसंद नहीं आया और ज़्यादातर ने हौसला बढ़ाने की बजाये इससे होने वाले नुकसान ही गिनवाए।
राजलक्ष्मी कहती हैं,
"हम हमेशा यही सुनते थे की बिज़नेस ऐसे लोगों की जागीर है जिनके पुरखे भी उसी बिज़नेस में हो. अपना उद्दम चलाना मिडिल क्लास यानी हम जैसे लोगों के बस का नहीं है. मेरे माता-पिता को भी थोड़ी चिंता थी. लेकिन अपने तजुर्बे, विश्वास और वीमेन फिटनेस के क्षेत्र में कुछ अलग करने की चाह ने हौसला दिया और 2007 में मैंने बीफिट ऑनली लेडीज जिम की शुरुआत की. उद्दम में मेरे पति ने 75 प्रतिशत और पिता ने पच्चीस फीसदी इन्वेस्ट किया. रनिंग कॉस्ट, मैं अपनी सेविंग से मैनेज करती थी. एक अच्छी महिला ने हमसे बिना डिपाजिट लिए हमें जगह दी. शुरू में इक्विपमेंट्स की दिक्कत थी इसलिए मैं ज़्यादातर फिटनेस ट्रेनिंग खुद ही संभालती थी. अपनी मेहनत और लगन से मैंने जिम को एक मुनाफा देने वाला उद्दम बनाया और 2012 में दूसरी शाखा खोली।"
राजलक्ष्मी का बीफिट जिम नवी मुंबई के घंसोली से ऐरोली के बीच काफी लोकप्रिय है. जिम में कार्डियो, फ्लोर वर्क आउट्स, पिलाटीज़, योगा, थर्मल सेशंस, रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रीटमेंट्स, पैसिव स्लिमिंग की सुविधा है. यहाँ आनेवाली महिलाओं की अलग अलग परेशानियाँ होती हैं. कुछ को अधिक वज़न के कारण इससे जुडी दूसरी बीमारियों की शिकायत होती है तो कुछ को डिलीवरी के बाद अपनी फिटनेस वापस पाने की चाह है. राजलक्ष्मी बताती हैं की उनके जिम में एक कैंसर पेशेंट भी थी जिसे डॉक्टर ने कुछ हलके वर्क आउट्स करने और वज़न घटाने की सलाह दी थी. स्पा ट्रीटमेंट और पैसिव स्लिमिंग के ज़रिये राजलक्ष्मी ने वज़न घटाने और स्टैमिना बढ़ाने में उनकी मदद की. इसके अलावा राजलक्ष्मी बीफिट ट्रेनिंग अकादमी शुरू करने जा रही हैं जिसके ज़रिये महिलाओं को फिटनेस के क्षेत्र में अपना उद्दम शुरू करने के लिए ज़रूरी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राजलक्ष्मी कहती हैं..
"मैं चाहती हूँ की वीमेन फिटनेस में अपना उद्दम शुरू करने की चाह रखने वाली महिलाओं को ज़रूरी ट्रेनिंग मिले और उन्हें इसमें सफलता मिले. बीफिट टेनिंग अकादमी के ज़रिये हम ज्यादा से ज्यादा महिला उद्दमी बनाना चाहते हैं. मेरी ख्वाइश है की और राजलक्ष्मी हों जो वीमेन फिटनेस की क्षेत्र में कुछ अच्छा करें।"
बीफिट सदस्यों का व्हाट्स ऐप ग्रुप है और समय-समय पर इनके लिए पिकनिक, महिला दिवस, हल्दी कुमकुम जैसे दूसरे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. बीफिट लेडीज जिम का उद्दश्य महिलाओं की खुशहाली और फिटनेस को बनाए रखना है. और ये सोच हम सबके लिए भी बेहद ज़रूरी है क्योंकि एक स्वस्थ और सुखी महिला ही एक सफल और खुशहाल परिवार का आधार होती है।