चंद्रयान-2: नासा की तस्वीरों पर रिसर्च कर इस भारतीय इंजीनियर ने ढूंढ निकाला विक्रम लैंडर, नासा ने भी की तारीफ
कई महीनों से नासा और इसरो, दोनों मिलकर विक्रम के क्रैश होने की साइट (जगह) और मलबा ढूंढने में लगे हुए थे। अब जाकर नासा को इसमें सफलता हाथ लगी। बड़ी बात यह है कि इस सफलता के पीछे भी एक भारतीय इंजीनियर का हाथ है।
7 सितंबर 2019, वह तारीख जिस दिन करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों को एक झटका लगा था। इस दिन भारत के बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चांद की सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर पहले ही इसरो से संपर्क टूट गया और वह क्रैश हो गया था।
कई महीनों से नासा और इसरो, दोनों मिलकर विक्रम के क्रैश होने की साइट (जगह) और मलबा ढूंढने में लगे हुए थे। अब जाकर नासा को इसमें सफलता हाथ लगी। बड़ी बात यह है कि इस सफलता के पीछे भी एक भारतीय इंजीनियर का हाथ है।
जी हां, नासा को सबसे पहले विक्रम लैंडर के बारे में बताने वाले चेन्नई के एक मैकेनिकल इंजिनियर शानमुगा सुब्रमण्यम (शान) हैं। मंगलवार सुबह अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने एक ट्वीट किया जिसमें उसने साउथ पोल की तस्वीरें जारी कीं। साथ में नासा ने लिखा कि उनके मून मिशन ने चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को खोज लिया है।
साथ ही नासा ने इसका क्रेडिट शान को देते हुए लिखा,
'शानमुगा सुब्रमण्यम ने सबसे पहले मलबे की पहचान की जो मुख्य क्रैश स्थान से लगभग 750 मीटर की दूरी पर था।'
पहले नासा ने लूनर रेकॉन्सेंस ऑर्बिटर (LRO) द्वारा ली गईं चांद के साउथ पोल की कई तस्वीरें समय-समय पर जारी की थीं। इन तस्वीरों पर गहरा रीसर्च कर चेन्नई के इंजीनियर शान ने चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की क्रैश साइट का पता लगाया और इस बारे में नासा को सूचित किया। बाद में नासा ने भी इसकी पुष्टि कर दी।
एस. सुब्रमण्यम एक मैकेनिकल इंजीनियर और एक प्रोग्रामर हैं। नासा की पुष्टि के बारे मदुरै के रहने वाले शान ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी। ट्वीट में शानमुगा ने लिखा, 'चांद की सतह पर विक्रम लैंडर को खोजने के लिए नासा ने मुझे क्रेडिट दिया है।' ट्वीट के साथ उसने नासा से मिले मेल का स्क्रीनशॉट भी लगाया है।
ट्वीट होने के बाद से यह 8 हजार से अधिक बार रीट्वीट हो चुका है। शान ने अपने रिसर्च के लिए लूनर रेकॉन्सेंस ऑर्बिटर (LRO) द्वारा खींचे गए फोटोज पर काम किया। ये फोटो एलआरओ ने 17 सितंबर, 14-15 अक्टूबर और 11 नवंबर को लिए थे। इससे पहले भी शान ने क्रमश: 3 अक्टूबर और 17 नवंबर को दो ट्वीट किए थे। दोनों ही ट्वीट्स नासा और विक्रम लैंडर से संबंधित थे।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शान बताते हैं, 'नासा द्वारा जारी फोटोज में मैंने बाकी चीजों से हटकर कुछ अलग देखा। मैंने सोचा कि ये किसी चीज के टूटे हुए टुकड़े या अवशेष हैं। इस बारे में मैंने नासा को जानकारी दी और आज नासा से मुझे इस बारे में पुष्टि मिली।'
एनडीटीवी में छपी एक खबर के मुताबिक, शान ने अपनी खोज के बारे में नासा और इसरो, दोनों की सूचना दी थी लेकिन इसरो की ओर से कोई जवाब नहीं आया। लैंडर विक्रम को खोजने के लिए वह रोज 7 घंटे काम करते थे।
शानमुगा को अंतरिक्ष विज्ञान का शौक है। लैंडर विक्रम की क्रैशिंग साइट को खोजने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है। अब उसका फल मिलने पर वह काफी खुश और उत्साहित हैं। शान ने अपने ट्विटर अकाउंट बायो में I found Vikram Lander भी जोड़ लिया है।