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हाउसिंग सोसाइटी में रहने वालों के लिए वरदान है स्टार्टअप ADDA

बेंगलुरु स्थित ADDA स्वदेशी कम्यूनिटी और हाउसिंग सोसाइटी मैनेजमेंट प्लेटफ़ॉर्म है. इसकी स्थापना 2009 में सैन बनर्जी और उनके पति वेंकट कंडास्वामी ने की थी. ADDA भारत, अमेरिका, यूएई और मिडिल ईस्ट, सिंगापुर और मॉरीशस समेत 10 देशों में अब तक 17 लाख परिवारों को अपनी सेवाएं दे चुका है.

हाउसिंग सोसाइटी में रहने वालों के लिए वरदान है स्टार्टअप ADDA

Thursday September 26, 2024 , 6 min Read

हाइलाइट्स

ADDA सब्सक्रिप्शन-बेस्ड बिजनेस मॉडल पर काम करता है

ADDA रेजिडेंशियल कम्यूनिटीज को सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन मुहैया करता है

स्टार्टअप ने एक प्रॉपर्टी मैनेजमेंट प्रोडक्ट भी लॉन्च किया है

दुनिया भर के शहरों में हाउसिंग सोसाइटियों को रिहायश के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. ये सोसाइटियां तमाम सुख-सुविधाओं से लैस होती है. अब जब दुनिया दिन-ब-दिन निरंतर तरक़्क़ी कर रही है, इन सोसाइटियों ने भी ग़ज़ब की तरक़्क़ी की है. आज आप बेहद आसानी से तमाम सुख-सुविधाओं का लुत्फ़ उठा सकते हैं. महज चंद मिनटों में आपको अपनी ज़रूरत की हर चीज़ मिल जाती है. इन सब का श्रेय जाता है नए जमाने की टेक्नोलॉजी को. हाउसिंग सोसाइटियां अब अलग-अलग सॉफ़्टवेयर, वेबसाइट्स और ऐप्स के जरिए निवासियों का जीवन आसान बनाने की पुर-ज़ोर कोशिश कर रही हैं.

बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ADDA भी कुछ इसी नक़्श-ए-क़दम पर है. यह एक स्वदेशी कम्यूनिटी और हाउसिंग सोसाइटी मैनेजमेंट प्लेटफ़ॉर्म है. इसकी स्थापना 2009 में सैन बनर्जी (San Banerjee) और उनके पति वेंकट कंडास्वामी (Venkat Kandaswamy) ने की थी. ADDA भारत, अमेरिका, यूएई और मिडिल ईस्ट, सिंगापुर और मॉरीशस समेत 10 देशों में अब तक 17 लाख परिवारों को अपनी सेवाएं दे चुका है. सैन बनर्जी ADDA की को-फाउंडर और सीईओ हैं, जबकि वेंकट को-फाउंडर और सीटीओ (चीफ़ टेक्नोलॉजी ऑफिसर) हैं.

YourStory ने हाल ही में ADDA की को-फाउंडर और सीईओ सैन बनर्जी से बात की. वे स्टार्टअप के बिजनेस मॉडल के बारे में समझाते हुए बताती हैं, “ADDA का बिजनेस मॉडल सरल है — यह सब्सक्रिप्शन-बेस्ड सॉफ़्टवेयर-एज-ए-सर्विस (SaaS) प्रोडक्ट हैं. दुनिया भर में रेजिडेंशियल कम्यूनिटीज को उनकी कम्यूनिकेशन, मैनेजमेंट और अकाउंटिंग से जुड़ी ज़रूरतों के लिए अच्छे सॉफ़्टवेयर की ज़रूरत होती है. अपने एकमात्र फ़ोकस के माध्यम से, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम अपने यूजर को बेस्ट प्रोडक्ट और सपोर्ट दे पाएं. हमारा एकमात्र लक्ष्य कम्यूनिटी के सदस्यों की सफलता है. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मालिक/निवासी कम्यूनिटी मैनेजमेंट टीम से स्पष्ट संचार प्राप्त करने में सक्षम हों और उनकी सुविधा और गोपनीयता से किसी भी तरह से समझौता न किया जाए.”

सैन [बनर्जी] आगे बताती हैं, “यह लक्ष्य संभव नहीं है यदि आपको विज्ञापन प्रदाताओं के हितों को भी संतुष्ट करना है — जैसा कि भारत में हमारे कई प्रतिस्पर्धियों के मामले में है — जिनके बिजनेस का बड़ा हिस्सा विज्ञापन, प्रॉपर्टी ब्रोकरेज आदि पर निर्भर करता है.”

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कंपनी में व्यक्तिगत रूप से किए गए निवेश के बारे में बोलते हुए, सैन बताती हैं, “हम दोनों ही अमेरिका में जॉब कर रहे थे. ADDA को शुरु करने के लिए हमने हमारी जॉब से हमारी शुरुआती बचत का एक बड़ा हिस्सा कंपनी में निवेश किया था.”

आगे चलकर स्टार्टअप ने कुछ निवेशकों से एंजल फंडिंग जुटाई थी, जिसमें Sling Media से भूपेन शाह और रघु तर्रा, Nasscom products & iSpirt से शरद शर्मा, एक ग्लोबल इंवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म से तुषार पटेल और रियल एस्टेट और फिल्म प्रोडक्शन डोमेन से ज़हीर रैटनसे शामिल हैं.

ADDA का रेवेन्यू पूरी तरह से सॉफ़्टवेयर सब्सक्रिप्शन मॉडल पर आधारित है. को-फाउंडर का दावा है कि स्टार्टअप वर्तमान में लाभदायक है. वे बताती हैं, “हमारे प्लेटफ़ॉर्म के दुनिया भर में 21 लाख (2.1 मिलियन) यूजर हैं. एक साल में ADDA में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के हाउसिंग सोसाइटी बकाया से संबंधित चालान बनाए जाते हैं. हमारे ऐप के माध्यम से हर महीने 120 करोड़ रुपये की मेंटेनेंस फीस का भुगतान किया जाता है. कम्यूनिटी ऐप हर महीने 1.5 करोड़ विज़िटर चेक-इन, लगभग 4,00,000 से अधिक पड़ोस की बातचीत और एक साल में 20,000 से अधिक पड़ोस के सर्वे दर्ज करती है.”

इस बिज़नेस को खड़ा करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इस सवाल के जवाब में ADDA की सीईओ सैन बनर्जी कहती हैं, “ स्टार्टअप 2009 से हाउसिंग सोसाइटी मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर इंडस्ट्री में अग्रणी रहा है. भारत के बाजार में सबसे बड़ी समस्या फ्री सॉफ़्टवेयर का चलन रही है. कुछ कंपनियां आज भी इस फ्री बिजनेस मॉडल पर चल रही हैं — सॉफ़्टवेयर को फ्री या मामूली कीमत पर देना, और विज्ञापनों, निवासियों के डेटा का दुरुपयोग या कम्यूनिटी ऐप्स के आवश्यक फीचर की एक्सेस देने के जरिए पैसे बनाने की कोशिश करना — ऐसे फीचर जो एक सहज कम्यूनिटी लिविंग एक्सपीरियंस के लिए ज़रूरी हैं.”

सैन [बनर्जी] आगे बताती हैं, “एक बड़े पैमाने पर रेजिडेंशियल कम्यूनिटी को निश्चित रूप से एक अच्छे सॉफ़्टवेयर की ज़रूरत होती है. वर्तमान में, शुक्र है, एक एड-फ्री अच्छे ERP (Enterprise Resource Planning) टूल की मांग बढ़ रही है. ADDA में, हम सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी तरह से, किसी की भी गोपनीयता का उल्लंघन न हो, और हमारे यूजर की साइबर सुरक्षा बरकरार रहे. चाहे ADDA अनन्या नाना नानी होम्स (Ananya Nana Nani Homes) जैसे वरिष्ठ नागरिक घर के लिए समाधान विकसित कर रहा हो या संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के शाही परिवार के आइलेंड (द्वीप) की कम्यूनिटी को मैनेज करने में मदद कर रहा हो, हम एक बेस्ट-इन-क्लास कैटेगरी के रेजिडेंट ऐप और कम्यूनिटी मैनेजमेंट और अकाउंटिंग ERP समाधान मुहैया करने के साथ-साथ पूर्ण सुरक्षा, गोपनीयता सुनिश्चित करते हैं.”

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ADDA की टीम

ADDA के दुनिया के 10 देशों में लगभग 3,000 से अधिक पेड (paid) कस्टमर हैं.

VMR (Verified Market Reports) की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, सोसाइटी मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर मार्केट का आकार 2023 में 1.43 अरब डॉलर आंका गया था और इसके 2030 तक 4.08 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. यह 2024 से 2030 के दौरान 16.4% की CAGR (compound annual growth rate) से बढ़ रहा है.

अंत में, ADDA को लेकर अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा करते हुए को-फाउंडर और सीईओ सैन बनर्जी बताती हैं, “हमारी योजना अपने मौजूदा बाज़ारों — मुख्य रूप से भारत, अमेरिका और मिडिल ईस्ट में और आगे बढ़ने की है. हम इन बाज़ारों में सालाना आधार पर 15-20% की दर से वृद्धि करने की योजना बना रहे हैं. ADDA के कम्यूनिटी मैनेजमेंट प्रोडक्ट्स के अलावा, हाल ही में ADDA ने एक प्रॉपर्टी मैनेजमेंट प्रोडक्ट भी लॉन्च किया है. यह प्रोडक्ट अभी सिर्फ़ दुबई के बाज़ार के लिए उपलब्ध है. हम इस प्रोडक्ट के लिए भी बाज़ार में अच्छी पैठ देखने की योजना बना रहे हैं. भारत में लग्जरी हाउसिंग में तेज़ी से वृद्धि के साथ, हम अगले कुछ वर्षों में बाज़ार में कई गुना वृद्धि देखते हैं. वैश्विक स्तर पर भी, दुबई, यूएई में हाउसिंग सेगमेंट बढ़ रहा है. और वहां अच्छे सॉफ़्टवेयर की मांग भी बढ़ रही है.”

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