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CNG और PNG के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी, जानिए आपकी जेब पर कितना असर डालेंगे?

मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में वाहनों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल होने वाली कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (CNG) का खुदरा दाम बढ़कर 86 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. वहीं घरेलू पीएनजी का दाम 52.50 रुपये प्रति एससीएम होगा.

CNG और PNG के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी, जानिए आपकी जेब पर कितना असर डालेंगे?

Tuesday October 04, 2022 , 3 min Read

शहर गैस वितरण कंपनी महानगर गैस लि. (MGL) ने सीएनजी के दाम छह रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ा दिए हैं. इसके अलावा पाइप के जरिये आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस (PNG) की कीमतों में चार रुपये प्रति यूनिट (SCM) का इजाफा किया गया है. नई कीमतें मंगलवार मध्यरात्रि से लागू होंगी.

इसके साथ ही मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में वाहनों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल होने वाली कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (CNG) का खुदरा दाम बढ़कर 86 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. वहीं घरेलू पीएनजी का दाम 52.50 रुपये प्रति एससीएम होगा. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने कहा है कि सरकार ने एक अक्टूबर से गैस कीमतों में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिसकी वजह से उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है.

पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम मूल्य एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ ने 30 सितंबर को एक अक्टूबर से अगले छह माह के लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की कीमतों में 40 प्रतिशत की भारी वृद्धि की घोषणा की थी. इससे पहले एक अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय कीमतों का हवाला देते हुए गैस के दाम 110 प्रतिशत बढ़ाए गए थे.

सरकार साल में दो बार एक अप्रैल और 30 सितंबर को गैस कीमतों में संशोधन करती है. एमजीएल ने कहा है कि इस बढ़ोतरी के बाद सीएनजी और पेट्रोल के बीच मूल्य बचत घटकर 45 प्रतिशत रह गई है. वहीं पीएनजी और एलपीजी के बीच यह अंतर सिर्फ 11 प्रतिशत का रह गया है.

पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की गई दर को मौजूदा USD 6.1 से बढ़ाकर USD 8.57 प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर दिया गया है, जो देश में उत्पादित सभी गैस का लगभग दो-तिहाई हिस्सा है. इसके साथ ही, रिलायंस इंडस्ट्रीज और केजी बेसिन में बीपी संचालित डीपसी D6 ब्लॉक जैसे कठिन और नए क्षेत्रों से गैस की कीमत 9.92 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 12.6 अमेरिकी डॉलर प्रति MMBTU कर दी गई.

ये प्रशासित/विनियमित क्षेत्रों (जैसे मुंबई तट पर ओएनजीसी के बेसिन क्षेत्र) और मुक्त बाजार क्षेत्रों (जैसे केजी बेसिन) के लिए उच्चतम दरें हैं. साथ ही, अप्रैल 2019 के बाद से दरों में यह तीसरी वृद्धि होगी और यह अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मजबूती के कारण आई है. पाइप्ड नेचुरल गैस की कीमत पिछले साल 70 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है.

पुराने क्षेत्रों से गैस की कीमत, जो मुख्य रूप से ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसे सरकारी स्वामित्व वाले उत्पादकों की है, 1 अप्रैल से दोगुनी से अधिक 6.1 अमरीकी डालर प्रति MMBTU हो गई थी. इसी तरह, गहरे समुद्र केजी जैसे कठिन क्षेत्रों से गैस के लिए भुगतान की गई दरें- रिलायंस का D6, 1 अप्रैल से बढ़कर 9.92 अमेरिकी डॉलर प्रति MMBTU हो गया, जो 6.13 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू था.


Edited by Vishal Jaiswal