दिल्ली के किस इमारत में बनाया गया भारत में निर्मित पहला मेहराब और पहला गुंबद
दिल्ली के सबसे पुराने शहरों में एक है महरौली. महरौली में प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक कुतुब मीनार स्थित है. कुतुब मीनार परिसर के पास ही लगभग 200 एकड़ के क्षेत्र में फैला महरौली आर्कियालॉजिकल पार्क (Mehrauli Archeological park) है. महरौली पुरातत्व पार्क में मुगल और ब्रिटिश काल के 100 से अधिक संरचनाएं हैं. महरौली पुरातत्व पार्क न केवल वास्तुकला के विकास की कहानी कहता है बल्कि दिल्ली शहर के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक इतिहास को भी बयान करता है.
यह पार्क अपनी सुंदर सेटिंग और ऐतिहासिक संरचनाओं की विशाल रेंज के लिए घूमने के लायक है. पार्क के कुछ हिस्से जंगल हैं. इस पार्क में हर कदम पर एक नया वास्तुशिल्प अवशेष दिखाई देगा.
पार्क में कुली खान का मकबरा, राजों की बावली, मढ़ी मस्जिद, बहादुर शाह द्वितीय का जफर महल (लाल महल), अधम खान का मकबरा के साथ और कई इमारत मौजूद है. उनमें से कुछ ये हैं:
जमाली-कमाली मस्जिद
पार्क के अन्दर एक रास्ता विशाल मुगल-शैली का गेट जमाली-कमाली मस्जिद (Jamali Kamali Mosque) की ओर जाता है. 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में सूफी कवि शेख फज़ल अल-अल्लाह, जिसे जमाली के नाम से भी जाना जाता है, द्वारा निर्मित, मस्जिद इंडो-फ़ारसी डिज़ाइन का एक आदर्श फ्यूजन है.
कवि की कब्र मस्जिद से जुड़ी हुई है.
मढ़ी मस्जिद
जमाली कमाली मस्जिद से 500 मीटर दक्षिण में मढ़ी मस्जिद (Madhi Masjid) है. यह मस्जिद इस मायने में अद्वितीय है कि इसका प्रार्थना कक्ष एक खुली दीवार वाली मस्जिद के साथ-साथ एक ढकी हुई मस्जिद के तत्वों को दर्शाता है.
बलबन का मकबरा
यहां एक उल्लेखनीय मकबरा बलबन का मकबरा (Balban’s tomb) है. गयासुद्दीन बलबन दिल्ली सल्तनत के शासक इल्तुतमिश का तुर्की गुलाम था, जो बाद में नासिरुद्दीन महमूद के शासन काल में वजीर बना दिया गया था. क्योंकि नासिरुद्दीन कुतुबुद्दीन की वंशावली में अंतिम सुल्तान था, इसलिए नासिरुद्दीन की मृत्यु होने के बाद बलबन उसका उत्तराधिकारी बना. 24 वर्षो तक शाषन करने के बाद 1287 में उसकी मृत्यु हो गई.
अधम खान का मकबरा
हम सब जानते हैं कि अकबर की परवरिश महम अंगा ने की थी. महम अंगा के खुद के दो बेटे थे- एक अधम खान (Adham Khan), दूसरा कुली खान (Quli Khan). यह मकबरा अधम खान का है, जिन्हें 1567 में उनकी मां महम अंगा के साथ यहां दफनाया गया था. इस इमारत को ‘भुलभुलैया’ के रूप में भी जाना जाता है.
मुहम्मद कुली खान का मकबरा
अधम खान के मकबरे के पास, सबसे दिलचस्प कहानी वाला कुली खान का मकबरा है.
अंतिम मुग़ल शासक बहादुर शाह ज़फर के समय में ब्रिटिश का गवर्नर जनरल थॉमस टी. मेटकॉफ (Thomas Metcalfe) थे जो छुट्टियां बिताने दिल्ली के सिविल लाइन से महरौली पार्क में स्थित कुली खान के मकबरे को अपना घर बना लिया था. इसे यूरोपीय निवासों की सौंदर्य शैली में फिर से डिजाइन करवाया, जिसमें घर के चारों ओर बगीचे रखने को काफी महत्त्व दिया जाता है. क्योंकि इस जगह से क़ुतुब मीनार का शानदार दृश्य दिखाई देता था इसलिए यह जगह मेटकॉफ को इतनी पसंद आई थी कि उसने इसे “दिल-कुशा” का नाम दिया था, दिलकुशा मतलब “दिल की ख़ुशी."
राजों की बावली
पार्क में दिल्ली की बेहतरीन बावड़ी में से एक, राजों की बावली (Rajon ka baoli) भी है. 16वीं सदी की यह संरचना एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण कुआं है जिसका निर्माण सिकंदर लोधी के शासनकाल में हुआ था. इसका उपयोग पानी को स्टोर करने के लिए किया जाता था, हालांकि यह अब पूरी तरह से सूख चुका है.
Edited by Prerna Bhardwaj