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इस वित्‍त वर्ष की शुरुआत में भारत ने दर्ज की कोयले और लोहे के उत्‍पादन में रिकॉर्ड बढ़त

कोविड महामारी के असर से उभरने की कोशिश कर रही भारत की अर्थव्‍यवस्‍था का ग्राफ लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहा है. इस वर्ष अप्रैल-मई के महीने में कोल इंडिया लिमिटेड और एनएमडीसी दोनों ने रिकॉर्ड बढ़त दर्ज की है.

इस वित्‍त वर्ष की शुरुआत में भारत ने दर्ज की कोयले और लोहे के उत्‍पादन में रिकॉर्ड बढ़त

Thursday June 02, 2022 , 3 min Read

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बुधवार को शेयर बाजार को भेजी गई सूचना में वित्‍त वर्ष 2022-23 के अप्रैल-मई महीने में रिकॉर्ड कोयला उत्‍पादन की जानकारी दी है. शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अनुसार इस वर्ष में मई में कोल इंडिया लिमिटेड का उत्‍पादन बढ़कर 5.47 करोड़ टन हो गया है, जबकि पिछले साल 2021 में मई के महीने में सीआईएल ने 4.21 करोड़ टन कोयले का उत्‍पादन किया था.

कोल इंडिया लिमिटेड सरकारी स्‍वामित्‍व वाली सार्वजानिक क्षेत्र की कोल माइनिंग और रिफाइनरी कॉरपोरेशन कंपनी है, जिसका मुख्‍यालय कोलकाता में है. यह दुनिया की सबसे ज्‍यादा कोयला उत्‍पादन करने वाली कंपनी है. साथ ही यह दुनिया की सातवें नंबर की कंपनी है, जहां सबसे ज्‍यादा संख्‍या में कर्मचारी काम करते हैं.

आज की तारीख में कोल इंडिया लिमिटेड में तकरीबन दो लाख बहत्‍तर हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. भारत के कुल कोयला उत्‍पादन का 42 फीसदी कोल इंडिया लिमिटेड ही करती है.

आजादी के पहले भारत में कोयला खनन का काम निजी कंपनियों के हाथों में था. 1956 में नेशनल कोल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की स्‍थापना के साथ इसे सरकार के हाथों में लेने की प्रक्रिया शुरू हुई. 1971 में भारत सरकार ने सभी कोयला खनन कंपनियों का राष्‍ट्रीयकरण कर उसे सरकारी स्‍वामित्‍व में ले लिया. 1975 से लेकर 2011 तक कोल इंडिया लिमिटेड की 100 फीसदी इक्विटी भारत सरकार के पास थी.

कोविड महामारी की अर्थव्‍यवस्‍था पर मार झेलने के बाद अब जब भारत की अर्थव्‍यवस्‍था फिर से उठने की कोशिश कर रही है, ऐसे में कोल इंडिया लिमिटेड के उत्‍पादन में आ रही तेजी एक सुखद संकेत है. सीआईएल ने मौजूदा वित्त वर्ष के शुरू के दो महीनों में रिकॉर्ड कोयले का उत्‍पादन किया है.

इन दो महीनों में  कोल इंडिया लिमिटेड ने कुल 10.82 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया है. पिछले वर्ष के आंकड़ों से तुलना करें तो इस साल 28.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है. पिछले साल अप्रैल-मई के दौरान कंपनी ने 8.4 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया था.

इस वर्ष मई में सीआईएल ने बिजली क्षेत्र को 5.24 करोड़ टन कोयला सप्‍लाय किया. जबकि पिछले साल 2021 में यह आपूर्ति सिर्फ 4.45 करोड़ टन की थी.   

सीआईएल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल मई में उन्‍होंने बिजली क्षेत्र की आवश्‍यकता से अधिक कोयले की आपूर्ति की है. बिजली क्षेत्र की कोयले की मांग 16.6 लाख टन कोयले की थी, जबकि सीआईएल ने 16.9 लाख टन कोयले की आपूर्ति की. इस तरह बिजली संयत्रों में कोयले का प्रतिदिन का भंडार बढ़कर 16,000 टन का हो गया है.  

इसके अलावा लौह अयस्‍क के उत्‍पादन में भी वृद्धि दर्ज की गई है. खनन प्रमुख एनएमडीसी ने वित्त वर्ष 2022 के दूसरे महीने में 3.2 मिलियन टन लौह अयस्क का उत्पादन किया है. इस दौरान बिक्री 2.65 मिलियन टन रही है. इस वर्ष मई में लौह अयस्‍क का उत्‍पादन पिछले वर्ष मई के मुकाबले 14.3 फीसदी ज्‍यादा  है. पिछले साल मई में 2.8 मिलियन टन लौह अयस्‍क का उत्‍पादन किया गया था. मई 2022 तक एनएमडीसी का संचयी उत्पादन 6.35 मिलियन टन रहा, जो मई, 2021 के 5.91 मिलियन टन संचयी उत्पादन के मुकाबले 7.4% फीसदी ज्‍यादा है.  

 


Edited by Manisha Pandey