इस कंपनी को मिला सूरत मेट्रो रेल परियोजना का ठेका
चुनावी वर्ष में विकास की रफ़्तार का तेज हो जाना कोई नई बात नहीं है. इसी साल दिसम्बर महीने में गुजरात में विधानसभा चुनाव होना प्रस्तावित है. जिसके चलते विकास की गति भी तेज हो गयी है. 18 जून, 2022 को Gujrat Metro Rail Corporation ने Surat Metro Rail Project के लिए वित्तीय बिड की प्रक्रिया शुरू की थी. बिडिंग प्रक्रिया में जो कंपनी सबसे कम लागत से प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए आवेदन करती है, उसी कंपनी को टेंडर मिलता है. बिडिंग की प्रक्रिया के लिए पांच कंपनियों ने आवेदन किया था, जिसमे रणजीत बिल्द्कौन लिमिटेड(Ranjeet Buildcon Ltd) और दिलीप बिल्द्कौन लिमिटेड(Dileep Buildcon Ltd), डी.आर.ऐ बिल्द्कौन(DRA Buildcon Ltd (DBL), के.ई.सी इंटरनेशनल(KEC International), अशोका बिल्द्कौन लिमिटेड(Ashoka Buildcon Ltd), एल एंड टी प्राइवेट लिमिटेड(L&T Private Limited), जी आर इन्फ्राप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड(GR Infraproject Private Limited) शामिल थे.
3 अक्टूबर के दिन रणजीत बिल्द्कौन लिमिटेड ने एक बयान जारी कर बताया कि रणजीत बिल्द्कौन लिमिटेड के साथ उनके संयुक्त आवेदन को गुजरात मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन(जीएमआरसी) ने स्वीकृति दे दी है. अब 1,061 करोड़ रुपये की लागत से सूरत मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण कार्य रणजीत बिल्द्कौन लिमिटेड और दिलीप बिल्द्कौन लिमिटेड कंपनी करेगी.
इस मेट्रो रेल परियोजना के लिए गुजरात सरकार ने जनवरी, 2017 में ही मंजूरी दे दी थी. इसके बाद मार्च, 2019 में केन्द्रीय कैबिनेट ने भी इस परियोजना के लिए स्वीकृति दे दी थी.
सूरत मेट्रो रेल परियोजना में होंगे दो कॉरिडोर
सूरत मेट्रो रेल परियोजना 40.35 किलोमीटर लंबी है और इसमें कुल 37 मेट्रो स्टेशन होंगे. इसमें दो गलियारे शामिल होंगे, पहला कॉरिडोर जो सरथाना से ड्रीम सिटी लाइन तक होगा, उसकी लंबाई 21.61 किमी होगी, जिसमें से 6.47 किमी भूमिगत और बाकी एलिवेटेड होगा.
पहले कॉरिडोर में 20 मेट्रो स्टेशन होंगे जिनमें सरथाना, नेचर पार्क, कपोदरा, लाभेश्वर चौक एरिया, सेंट्रल वेयरहाउस, सूरत रेलवे स्टेशन, मस्कती अस्पताल, गांधी बाग, माजुरा गेट, रूपाली कैनाल और ड्रीम सिटी शामिल होंगे.
इसी तरह दूसरा कॉरिडोर की लम्बाई 18.74 किमी होगी, जो भेसन से सरोली मेट्रो कॉरिडोर तक होगा. इसे पूरी तरह से ऊंचा(elevated) किया जाएगा. इस कॉरिडोर में 18 स्टेशन होंगे जिनमें भेसन, उगाट वारीगृह, पालनपुर रोड, एलपी सवानी स्कूल, अदजन गाम, एक्वेरियम, माजुरागेट, कैमल गेट, मागोब और सरोली शामिल होंगे.
केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत की भागीदारी से होगा सूरत मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण कार्य
सूरत मेट्रो रेल परियोजना की मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी ड्रीम सिटी और भेसन डिपो की होगी. इस परियोजना के लिए केंद्र और राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत की भागीदारी करेगी. इस परियोजना के लिए कुछ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एजेंसियों से भी ऋण लिया जाएगा.
सूरत मेट्रो में सफ़र करने के लिए किराया कितना होगा इस बात की पुष्ठी अभी तक नहीं हुई है. निर्माण कार्य की शुरुआत होने के बाद ही किराए के बारे प्लान तैयार किया जाएगा. जीएमआरसी(GMRC) ऑटोमेटिक किराया लेने के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रही है, ताकि क्यूआर(QR) कोड और नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) फोन का इस्तेमाल कर लोग आसानी से पेमेंट कर सकें.