Sony और Zee के विलय का रास्ता साफ, 10 अरब डॉलर की यह कंपनी होगी भारत की सबसे ताकतवर एंटरटेनमेंट कंपनी
इन दोनों कंपनियों के मर्जर के साथ 10 अरब डॉलर की यह कंपनी भारत ही नहीं, बल्कि पूरे साउथ एशिया की टॉप एंटरटेनमेंट कंपनी बन जाएगी.
कई महीनों से चल रही सोनी (Sony Pictures Networks India) और जी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment Enterprises Limited or ZEEL) के विलय की अटकलों को पर अब विराम लग गया है. ताजा खबर के मुताबिक भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) ने मंगलवार को कुछ शर्तों के साथ सोनी और जी के विलय पर मंजूरी की मुहर लगा दी. फिलहाल मंजूरी के नियमों और शर्तों का खुलासा नहीं हुआ है. इस प्रस्तावित विलय की घोषणा पहली बार पिछले साल सितंबर में हुई थी.
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन (SET) जापान की कंपनी सोनी की सबसिडिअरी कल्वर मैक्स एंटरटेन्मेंट की कंपनी है, जिसकी भारत में शुरुआत 1995 में हुई. आज की तारीख में सोनी इंडिया के यूट्यूब चैनल के कुल 124 अरब व्यूज हैं, जो पूरी दुनिया का तीसरे नंबर का सबसे ज्यादा बार देखा गया यूट्यूब चैनल है. सोनी इंडिया के सब्सक्राइबर्स की संख्या में दुनिया में तीसरे नंबर पर है.
जी एंटरटेनमेंट भारत की मीडिया कंपनी है, जिसका विस्तार प्रिंट, टेलीविजन और न्यूज चैनल्स तक है. इसकी शुरुआत 1991 में हुई थी. पिछले साल सितंबर में जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने अपने सभी एसेट्स, जिसमें टेलीविजन चैनल, यूट्यूब चैनल, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के विलय का फैसला लिया और मर्जर की प्रक्रिया शुरू की. इन दोनों कंपनियों को मिलाकर तकरीबन 10 अरब डॉलर का विशाल एंपायर बन जाता.
मर्जर से पहले विवादों के घेरे में
लेकिन यह मर्जर डील पूरी होने से पहले ही विवादों के घेरे में आ गई. सोनी पिक्चर्स इंडिया लिमिटेड का नाम बदलकर उसकी पेरेंट कंपनी कल्वर मैक्स एंटरटेन्मेंट के नाम पर कर दिया गया. इस साल जुलाई में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने इस विलय को मंजूरी दे दी.
लेकिन मामला अटका हुआ था भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग के पास. आयोग का कहना था कि इस तरह के मर्जर से बाकी एंटरटेनमेंट मीडिया इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ेगा. यह स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने के बजाय किसी एक कंपनी को असीमित ताकत और अधिकार देने के बराबर होगा.
क्या होगा मर्जर के बाद
इन दोनों कंपनियों के मर्जर के साथ 10 अरब डॉलर की यह कंपनी भारत ही नहीं, बल्कि पूरे साउथ एशिया की टॉप एंटरटेनमेंट कंपनी बन जाएगी. यही वजह थी कि इस विलय को सीधे मंजूरी देने के बजाय प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने इसकी जांच करने का फैसला किया. जांच की प्रक्रिया में सोनी और जी दोनों कंपनियों ने अपनी तरफ से कुछ बदलाव के प्रस्ताव रखे. जांच के बाद आयोग इस नतीजे पर पहुंचा है कि विलय करे मंजूरी दी जा सकती है, लेकिन कुछ नियमों और शर्तों के साथ.
जी और सोनी ने अपनी तरफ से क्या बदलाव सुझाए थे और आयोग ने किन शर्तों के साथ इस विलय को मंजूरी दी है, इन तथ्यों का खुलासा अब तक नहीं हुआ है.
आयोग की मंजूरी मिलने के बाद अब दोनों कंपनियों के विलय का रास्ता साफ हो गया है. विलय के बाद नए बोर्ड का गठन होगा, जिसमें मेजर भागीदारी सोनी की होगी. जी नेटवर्क के सीईओ पुनीत गोयनका ही नई कंपनी के सीईओ होंगे. जी की तरफ से सिर्फ एक बोर्ड मेंबर होगा और वो पुनीत गोयनका ही रहेंगे. बाकी 5 बोर्ड मेंबर सोनी के होंगे और 3 स्वतंत्र बोर्ड मेंबर्स होंगे.
विलय के बाद यह कंपनी एंटरटेनमेंट सेक्टर का सबसे बड़ा नेटवर्क होगा. दर्शकों की 26 फीसदी हिस्सेदारी इस कंपनी के पास होगी. पूरे हिंदी बेल्ट का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा अकेले इस कंपनी के हिस्से में होगा. सिर्फ टेलीविजन ही नहीं, बल्कि सिनेमा में भी 63 परसेंट हिस्सेदारी इस इस नई कंपनी के पास होगी.
Edited by Manisha Pandey