कोरोना: देश में बन चुकी है ये किट, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया को दी जानकारी
इसके पहले रैपिड टेस्ट किट के परिणामों में गड़बड़ी पाई गई थी, जिसके बाद आईसीएमआर ने देश में रैपिड टेस्ट किट के उपयोग कर रोक लगा दी थी।
देशव्यापी लॉकडाउन घोषित होने के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी गति से लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। कोरोना वायरस संकट से लगातार जूझ रहे देश के लिए फिलहाल थोड़ी राहत भरी खबर सामने आई है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया है पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी आईजीजी एलिसा टेस्ट किट विकसित कर ली है। इस टेस्ट किट के जरिये मानव शरीर में कोरोना वायरस के एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाने में मदद मिलेगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार स्वदेशी तकनीक के जरिये बनी यह किट अब कोरोना वायरस के संपर्क में आने वाली आबादी के अनुपात की निगरानी में अहम भूमिका निभाएगी।
गौरतलब है कि भारत में इसके पहले रैपिड टेस्ट किट के परिणामों में गड़बड़ी पाई गई थी, जिसके बाद आईसीएमआर ने देश में रैपिड टेस्ट किट के उपयोग कर रोक लगा दी थी। इन सभी रैपिड टेस्ट किट को चीन से आयात किया गया था।
हाल ही में हैदराबाद की एक कंपनी ने सबसे सस्ती टेस्ट किट का निर्माण करने का दावा किया है। किट का निर्माण करने वाली कंपनी जेनोमिक्स बायोटेक का कहना है कि एक टेस्ट किट की कीमत महज 50 रुपये से 100 रुपये के बीच ही है, इसी के साथ इस खास टेस्ट किट से कोई भी अपने घर पर ही टेस्ट कर सकता है।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। खबर लिखे जाने तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 65 हज़ार 22 मामले पाये गए हैं, जबकि अब तक 20 हज़ार 315 लोग इससे रिकवर हो चुके हैं।