Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ घर पर मोती की खेती कर कमाने लगे लाखों रुपये, खुद पीएम मोदी कर चुके हैं इनके काम की तारीफ

मोती की खेती के साथ ही एग्रीकाश स्टार्टअप के तहत बकरी और मधुमक्खी पालन का काम भी किया जा रहा है। इतना ही नहीं, रोहित और उनके भाई इस समय स्थानीय किसानों को ना सिर्फ तकनीकी रूप से खेती करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं, बल्कि उन्हें रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं।

कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ घर पर मोती की खेती कर कमाने लगे लाखों रुपये, खुद पीएम मोदी कर चुके हैं इनके काम की तारीफ

Thursday June 10, 2021 , 3 min Read

अच्छी कंपनी में बढ़िया सैलरी वाली नौकरी होने के बावजूद रोहित अपने गाँव आकर अपने कुछ ऐसा करना चाहते थे जिससे उनके साथ उनके आस-पास के लोगों को भी लाभ मिल सके। रोहित को कॉलेज खत्म करते ही गुरुग्राम स्थित इनवेस्टमेंट बैंक एचएसबीसी कंपनी में नौकरी मिल गई थी, हालांकि इसके बाद उन्होंने एमबीए की डिग्री ली और उसके बाद बतौर एचआर रिलायंस इंडस्ट्रीज जॉइन कर ली।


इन सालों के दौरान के दौरान एक बात जो हमेशा उन्हें हमेशा परेशान करती रही वह उनके गाँव से हो रहे युवाओं का पलायन था, जो बेहतर मौकों की तलाश में लगातार गाँव छोड़ कर जा रहे थे।


रोहित इस समस्या को हल करना चाहते थे और तकनीक के साथ खेती करने के उनके विचार ने उन्हें उस पलायन को रोकने का भी एक अवसर दे दिया। बस इसी के बाद कई सालों तक बतौर एचआर काम करने के वाले रोहित ने अगस्त 2020 में अपनी कॉर्पोरेट नौकरी को अलविदा कह दिया।

f

शुरू किया एग्रीटेक स्टार्टअप

दरअसल नौकरी से इस्तीफा देने के दौरान रोहित लॉकडाउन के चलते अपने गाँव में ही थे। इसके बाद रोहित ने अपने भाई मोहित के साथ मिलकर एग्रीटेक स्टार्टअप ‘एग्रीकाश’ की स्थापना की। इसी के साथ रोहित ने अपने घर के पीछे बने हुए तालाब में मोती की खेती शुरू कर दी।


तालाब के माध्यम से सीप के जरिये पैदा किए जा रहे मोती को रोहित ने डीलरों को थोक में बेचना शुरू कर दिया। ये डीलर बाद में उन मोतियों को उनके आकर और क्वालिटी के अनुसार छाँटकर और पॉलिश कर उन्हें ज्वैलरी मार्केट में बेचने का काम करते हैं। रोहित ने इसमें 5 लाख रुपये का शुरूआती निवेश किया था, जबकि महज कुछ ही समय के भीतर वो अपने निवेश के तीन गुने से अधिक राजस्व अर्जित कर चुके हैं।


महज 4 हज़ार सीपों के साथ अपने इस व्यवसाय की शुरुआत करने वाले रोहित अब 12 हज़ार से अधिक सीपों को तालाब में इंस्टॉल कर चुके हैं। आज इन सीपों के रखरखाव और देखभाल के लिए उन्हें पास पूरी टीम है।

भुवनेश्वर जाकर ली बाकायदा ट्रेनिंग

शुरुआत में मोती की खेती का आइडिया आने के साथ ही रोहित ने इंटरनेट के जरिये इसके बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की, हालांकि उन्होंने मोती की खेती को ढंग से समझने के लिए भुवनेश्वर स्थित CIFA में बाकायदा ट्रेनिंग भी ली है।


मोती की खेती के साथ ही एग्रीकाश स्टार्टअप के तहत बकरी और मधुमक्खी पालन का काम भी किया जा रहा है। इतना ही नहीं, रोहित और उनके भाई इस समय स्थानीय किसानों को ना सिर्फ तकनीकी रूप से खेती करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं, बल्कि उन्हें रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं।


रोहित के अनुसार बीते डेढ़ सालों में वह और उनके भाई करीब 200 से अधिक लोगों को ट्रेनिंग दे चुके हैं, जिनमें वाराणसी के साथ ही बिहार और झारखंड के लोग भी शामिल हैं।

पीएम मोदी ने भी की तारीफ

रोहित और उनके भाइयों के इस काम की सराहना खुद पीएम मोदी भी कर चुके हैं। बीते साल पीएम मोदी ने बकायदा ट्वीट करते हुए वाराणसी के इन आत्मनिर्भर किसानों की तारीफ की थी। पीएम मोदी के ट्वीट के बाद एक ओर जहां इन भाइयों की चर्चा हर ओर होने लगी, वहीं दूसरी तरफ इन भाइयों ने अपनी लगातार मेहनत के बल पर अपने इस व्यवसाय को लगातार बढ़ाने का भी काम किया है। 


Edited by रविकांत पारीक