न्यायालय का सीएए के खिलाफ याचिकाओं पर केन्द्र को नोटिस, पहले से लंबित मामलों के साथ संलग्न किया
नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली नयी याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को केन्द्र को नोटिस जारी किये। ये याचिकायें केरल नदवातुल मुजाहिदीन, अंजुमन ट्रस्ट और दक्षिण केरल जमीयतुल उलेमा सहित 15 याचिकाकर्ताओं ने दायर की हैं।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने इन याचिकाओं पर केन्द्र और अन्य को नोटिस जारी किये तथा इन्हे पहले से ही लंबित 150 से ज्यादा याचिकाओं के साथ संलग्न कर दिया।
इन याचिकाओं पर मार्च महीने में सुनवाई होने की उम्मीद है।
संशोधित नागरिकता कानून में आस्था के आधार पर उत्पीड़न की वजह से 31 दिसंबर, 2014 तक अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आये गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों-हिन्दू, सिख, बौध, जैन, पारसी और इसाई समुदाय के सदस्यों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।
नागरिकता संशोधन कानून 10 जनवरी को अधिसूचित कर दिया गया था।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 दिसंबर को इस कानून की संवैधानिक वैधता पर विचार करने का निर्णय करने के साथ ही इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
न्यायालय ने 22 जनवरी को इन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान फिर स्पष्ट किया था कि नागरिकता संशोधन कानून पर रोक नहीं लगायी जायेगी। न्यायालय ने केन्द्र को इन याचिकाओं पर जवाब देने के लिये चार सप्ताह का वक्त दिया था।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि त्रिपुरा और असम के साथ ही उप्र से संबंधित मामले, जो नियम तैयार हुये बगैर ही इस कानून पर अमल कर रहा है, पर अलग से विचार किया जा सकता है।