इंफ्लुएंसर मार्केटिंग में नजर आएंगे ये ट्रेंड्स, अधिक ऑडियंस तक पहुंचने की चाह रखने वाले ब्रैंड रखें नजर
जैसे-जैसे इंडस्ट्री में बदलाव हो रहा है उस हिसाब से ये देखना भी जरूरी है कि इंफ्लुएंसर मार्केटिंग में किस तरह के नए ट्रेंड आ सकते हैं या बदलाव हो सकते हैं. नैनो-माइक्रो इंफ्लुएंसर से लेकर मशीन लर्निंग और एआई के इस्तेमाल जैसे नए ट्रेंड नजर आ सकते हैं.
बीते कुछ सालों में इंफ्लुएंसर मार्केटिंग को काफी पॉपुलैरिटी मिली है. अपना प्रोडक्ट प्रमोट करना हो या सर्विसेज या फिर ज्यादा से ज्यादा ऑडियंस तक पहुंचना हो इसके लिए इंफ्लुएंसर मार्केटिंग का कारगर तरीका साबित हो रहा है.
जैसे जैसे इंडस्ट्री में बदलाव हो रहा है उस हिसाब से ये देखना भी जरूरी है कि इंफ्लुएंसर मार्केटिंग में किस तरह के नए ट्रेंड आ सकते हैं या बदलाव हो सकते हैं.
आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आने वाले समय में इंफ्लुएंसर मार्केटिंग में कैसे ट्रेंड और चेंजेज नजर आने वाले हैं………….
माइक्रो-इंफ्लुएंसर्स का ट्रेंड आने वाले समय में भी उतना ही डिमांड में रहने वाला है. माइक्रो इंफ्लुएंसर के अमूमन कम फॉलोअर्स होते हैं.
मसलन 1000 से लेकर एक लाख तक फॉलोअर्स तक. नंबर भले ही कम हों लेकिन इनके और ऑडियंस के बीच ज्यादा भरोसेमंद रिश्ता होता है. कई मामलों में तो बड़े इंफ्लुएंसर के मुकाबले उनके ऑडियंस ज्यादा एंगेज और भरोसेमेंद होते हैं.
ब्रैंड्स भी अब इस ट्रेंड को पहचान रहे हैं क्योंकि माइक्रो इंफ्लुएंसर के साथ काम करना कंपनियों के लिए किफायती होने के साथ साथ अच्छे नतीजे भी दे सकता है.
इस लिहाज से आने वाले समय में अन्य और ब्रैंड्स को माइक्रो और नैनो इंफ्लुएंसर्स के साथ पार्टनरशिप करते हुए देख सकते हैं.
एक दूसरा ट्रेंड जो आहिस्ता आहिस्ता उभर रहा है वो है इंफ्लुएंसर मार्केटिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस औ मशीन लर्निंग का बढ़ता इस्तेमाल.
एआई और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल इंफ्लुएंसर कैंपेन की परफॉर्मेंस को ट्रैक करने और जरूरत के हिसाब से उसमें फेरबदल करने के लिए भी किया जा सकता है. इससे ब्रैंड् को इंफ्लुएंसर मार्केटिंग कैंपेन को और असरदार बनाने के लिए एक सोचा समझा कदम उठा सकते हैं.
WhizCo की को-फाउंडर और CMO प्रेरणा गोयल का कहना है कि इंफ्लुएंसर मार्केटिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने से ब्रैंड्स को अपने कैंपेन को सफल बनाने में मदद मिलेगी.
AI ड्रिवेन टूल्स का इस्तेमाल करके ब्रैंड्स ये पता कर सकेंगे कि कौन सा इंफ्लुएंसर उनके लिए सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रहा है. इस तरह वो कैंपेन में जरूरी बदलाव करके अहम फैसले ले सकेंगे और जैसे नतीजे चाहिए आपको चाहिए वो पा सकेंगे.
इसलिए अगर आप भी इंफ्लुएंसर मार्केटिंग स्ट्रैटजी को अपनाने की सोच रहे हैं तो इस टूल को भी जरूर ट्राई करें. इसके अलावा आप इंफ्लुएंसर मार्केटप्लेस का भी ट्रेंड देख सकते हैं. ये मार्केटप्लेस ब्रैंड्स को इंफ्लुएंसर्स के साथ कनेक्ट करते हैं.
इस तरह ब्रैंड्स को अपने प्रोडक्ट या सर्विस के लिए सही इंफ्लुएंसर चुन सकेंगे और अपना समय और संसाधन दोनों बचा सकेंगे. WhizCo की को-फाउंडर और COO आस्था गोयल कहती हैं, इंफ्लुएंसर मार्केटिंग का दायरा आने वाले समय में प्रोडक्ट प्रमोशन के अलावा काफी बढ़ जाएगा.
इंफ्लुएंसर ब्रैंड स्टोरीटेलिंग से लेकर ब्रैंड अवेयरनेस और विजिबिलिटी पर कुछ नए तरीके से काम करेंगे. सबसे ज्यादा कम्यूनिटी बिल्डिंग पर काम होगा.
ब्रैंड्स ऐसे इंफ्लुएंसर की तलाश करेंगे जो एक जबरदस्त कारगर ब्रैंड स्टोरी कहने में प्रभावी होंगे और फॉलोअर्स की लॉयल कम्यूनिटी बना सकेंगे. इंफ्लुएंसर्स को अपने तरीके में और स्ट्रैटजिक होना होगा और अपना पर्सनल ब्रैंड मजबूत करने के भी नए तरीके तलाशने होंगे.
कुल मिलाकर ये कह सकते हैं कि आने वाले समय में इंफ्लुएंसर मार्केटिंग में तरह-तरह के नए ट्रेंड देखने को मिलेंगे. जिनमें उपर बताए गए ट्रेंड काफी पॉपुलर रहेंगे.