‘स्टार्टअप इंडिया के लिए दिसंबर का महीना होगा खास, पीएम मोदी करेंगे अहम घोषणा’
अलग-अलग आइडिया और अलग तरह से काम करके बिजनेस की दुनिया में अपनी जगह बनाने के लिए देश में तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसकी औपचारिक शुरुआत भले ही पंद्रह अगस्त को प्रधानमंत्री के भाषण के बाद शुरू हुई हो, पर देखते ही देखते देश में स्टार्टअप्स में मानों नई ऊर्जा और नई चेतना आ गई है। यह मानना है देश के वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा का। जयंत सिन्हा का कहना है
“दिसंबर का महीना स्टार्टअप्स के काफी अहम साबित होने वाला है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टार्टअप्स के लिए अहम घोषणाएं करने वाले हैं। स्टार्टअप्स को और कैसे बेहतर बनाया जाए, उन्हें और आगे कैसे बढ़ावा जाए, इससे जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी। क्योंकि सरकार देश में स्टार्टअप और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध है।”
इस बात का ऐलान वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने TiECon 2015 में जाने माने प्रबंधन गुरू सी. के. प्रह्लाद स्मारक भाषण में किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में काफी मेहनत कर रही है कि उद्यमियों और स्टार्टअप के लिये कारोबार करना काफी सरल हो और साथ ही वित्तपोषण की सुविधा भी उपलब्ध हो।
वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने आश्वासन दिया कि सरकार आंत्रप्रेन्योर के लिए लगातार काम करने वाली है। आंत्रप्रेन्योर की बेहतरी के लिए और कई योजनाएं लागू करने वाली हैं। जयंत ने सिलसिलेवार समझाया कि किस तरह यह समय आंत्रप्रेन्योर के लिए सबसे अच्छा है।
मौजूदा दौर किस तरह से हमारे देश के आंत्रप्रेन्योर के लिए अहम है
हमारा देश आंत्रप्रेन्योर के कई दौर को देख चुका है। पहला दौर था एयरटेल, इन्फोसिस, विप्रो और इसी तरह की बड़ी आईटी और अन्य कंपनियों का। इसके बाद दूसरा दौर आया आंत्रप्रेन्योरशिप का। इस दौर में मेक माई ट्रिप, इन्फोएच और इसी तरह की इन्टरनेट कंपनियां सामने आईं। तीसरे दौर में वीपीओ कंपनी सामने आई। इसमें ईवैल्यू सर्व, जेनफैक जैसी कंपनियां वजूद में आईं। चौथे दौर में फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, क्विकर और इसी तरह की कई कंपनियां सामने आईं। लेकिन अब एक और लहर है आंत्रप्रेन्योरशिप में। ये लहर बाकी सभी दौर से अलग है। अलग इसलिए क्योंकि अब जो स्थिति है वो सबसे अच्छी है। इस दौर में मार्केट के लिए जो अवसर हैं वो सबसे ज्यादा हैं। यहां न सिर्फ मोबाइल फोन है बल्कि यह डिजीटाइजिंग इंडिया का दौर है। डिजीटल इंडिया के समानांतर है डिजीटाइजिंग इंडिया। डिजीटाइजिंग इंडिया में जन-धन के अलावा, आधार है, पैसों का ट्रांजैक्शन तुरंत है। इस दौर में एक मोबाइल के ज़रिए सारा काम हो सकता है। इसलिए डिजीटाइजिंग इंडिया में एक मोबाइल ने सबकी ज़िंदगी आसान कर दी है। यही वजह है मौजूदा दौर आंत्रप्रेन्योर के लिए सबसे अहम है।
आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए बेहतर मौके
देश में अगले कई दशकों तक अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखने की कूबत है। सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है। आर्थिक तौर पर भारत प्रोडक्टिव लेबल को कैसे बढ़ाए, इसको लेकर लगातार काम किया जा रहा है। सरकार का ज्यादा ध्यान सप्लाई को लेकर है, निवेश को लेकर है। यही वजह है कि देश अगले कई दशकों तक बेहतर विकास कर सकता है। बाज़ार बेहतर रहेगा और आंत्रप्रेन्योर को इसका सीधा लाभ मिलेगा। आंत्रप्रेन्योर के लिए मौके बहुत होंगे। वजह है मार्केट में निवेश के लिए पैसे काफी होंगे।
सरकार किस तरह का सहयोग करने वाली है आंत्रप्रेन्योर की बेहतरी के लिए...
एक समय था कि आंत्रप्रेन्योर के लिए हालात अच्छे नहीं थे। वो रिस्क फैक्टर से घबराते थे।लेकिन अब आंत्रप्रेन्योर के लिए एक कल्चर आया है। एक माहौल बना है। सरकार की नीतियां आंत्रप्रेन्योर को समझ में आ रही हैं। सरकार आंत्रप्रेन्योर के लिए नीतियों को आसान कर रही है ताकि उनका विकास हो, देश का विकास हो। यही वजह है भारत एक बेहतर प्लेटफॉर्म बन गया है आंत्रप्रेन्योर के लिए। दुनिया का बाज़ार भी इस बात को लगातार समझ रहा है। एक और क्षेत्र जहां सरकार काफी ध्यान दे रही है वह है नवोन्मेषी प्रयोगशालों के पूरे नेटवर्क के जरिये विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केन्द्रों में नवोन्मेष को बढ़ावा देना। इस साल के बजट में स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिये कई महत्वपूर्ण कदमों की घोषणा की गई। इसमें भारत आकांक्षा कोष और अटल नवोन्मेष मिशन की स्थापना करने की भी घोषणा की गई थी।
सरकार स्टार्टअप और आंत्रप्रेन्योर के लिए तीन तरह से काम कर रही है—
- स्टार्टअप और आंत्रप्रेन्योर के लिए बिजनेस करना ज्यादा से ज्यादा आसान कैसे हो
- स्टार्टअप और आंत्रप्रेन्योर के पास बिजनेस करने के लिए पैसे हों
- नवोन्मेषी प्रयोगशालों के पूरे नेटवर्क के जरिये विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केन्द्रों में नवोन्मेष को बढ़ावा देना