Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

खुद को आग के हवाले करने के बाद समझ आया जिंदगी का मकसद, जली हुई औरतों की करती हैं मदद

पति की यातनाओं से तंग आकर जब एक लड़की ने खुद को जला लिया तो क्या हुआ उसके साथ, आप भी जानें...

खुद को आग के हवाले करने के बाद समझ आया जिंदगी का मकसद, जली हुई औरतों की करती हैं मदद

Friday June 22, 2018 , 4 min Read

कहते हैं कि प्यार में इंसान अंधा हो जाता है। निहारी भी अपने प्यार में इस कदर अंधी हो गई थीं कि परिवार वालों के मना करने के बावजूद उन्होंने अपने प्रेमी से शादी कर ली। उनके लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा था।

निहारी मंडली

निहारी मंडली


शादी होने के कुछ दिनों बाद तक तो सब ठीक था। लेकिन कुछ ही दिनों बाद यह हसीन सपना किसी बुरे डरावने सपने में बदलता गया। निहारी के प्रेमी ने उन पर कई तरह के अत्याचार करने शुरू कर दिये।

आठ साल पहले निहारी मण्डली सिर्फ बीस साल की थीं जब वह एक लड़के से प्यार कर बैठीं। उस वक्त उनकी यह प्रेम कहानी उनके लिए किसी परियों की कहानी से कम नहीं थी। कहते हैं कि प्यार में इंसान अंधा हो जाता है। निहारी भी अपने प्यार में इस कदर अंधी हो गई थीं कि परिवार वालों के मना करने के बावजूद उन्होंने अपने प्रेमी से शादी कर ली। उनके लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा था। शादी होने के कुछ दिनों बाद तक तो सब ठीक था। लेकिन कुछ ही दिनों बाद यह हसीन सपना किसी बुरे डरावने सपने में बदलता गया। निहारी के प्रेमी ने उन पर कई तरह के अत्याचार करने शुरू कर दिये।

निहारी को समझ नहीं आ रहा था कि उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। उनका पति उन्हें हर रोज मारता पीटता और तरह-तरह की यातनाएं देता। इससे तंग आकर एक दिन निहारी ने गलत कदम उठा लिया। उन्होंने अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया। कुछ ही पलों में उनका पूरा शरीर जलने लगा। जिस वक्त उन्होंने आग लगाई उस वक्त वह गर्भवती थीं। आग की लपटों ने उन्हें बुरी तरह झुलसा दिया था। जिसके बाद उनका बचना मुश्किल था।

लेकिन शायद अब निहारी को समझ में आ गया था कि अब उनकी जिंदगी ऐसे ही चलने वाली है। अस्पताल में उनका इलाज तो हुआ लेकिन उन्हें कई सारी सर्जरी से गुजरना पड़ा। अब निहारी ने सोच लिया था कि वे अपनी बाकी जिंदगी दूसरों के लिए कुर्बान कर देंगी। उन्होंने अपनी जिंदगी की कहानी से दूसरों की जिंदगी रोशन करने का फैसला किया। 9 अलग-अलग बड़ी सर्जरी और महीनों तक अस्पताल के बेड पर बिताने के बाद निहारी ने अपनी जिंदगी को वापस सामान्य करने की कोशिश की।

निहारी ने 28 साल की उम्र में एक एनजीओ खोला। वह अपने ही जैसी कई स्त्रियों की मदद करना चाहती थीं। इस मकसद से उन्होंने एक ट्रस्ट की शुरुआत की जिसा नाम 'बर्न सर्वाइवर सेवियर ट्रस्ट' है। आंध्रप्रदेश के पुल्लिगुड़ा गाउन में रहने वाली निहारी अब हैदराबाद में रहती हैं। इस हादसे के कुछ ही साल बाद उन्होंने अपने पति से तलाक लिया और अलग हो गईं। साथ ही साथ उन्होंने कॉरेस्पोंडेंस से पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई भी की।

निहारी द्वारा शुरू किये गए "बर्न सर्वाइवर मिशन सेवियर ट्रस्ट" का मकसद ऐसी ही दूसरी औरतों को वापस एक नई जिंदगी जीने की उम्मीद देना है। पिछले दिनों में यह संस्था फैशन शो के ज़रिये इन महिलाओ को स्पॉटलाइट में लाने का काम कर रही है। इतना ही नहीं बल्कि मुफ्त इलाज द्वारा निहारी की कोशिश है कि वह उन सारी महिलाओ को सक्षम बना सके जो खुद को इस हादसे के बाद बोझ समझती हैं। निहारी कहती हैं कि ज़िन्दगी की ये मुश्किलें कभी उनके हौसलों को नहीं तोड़ सकीं। उनका मानना है की जंग जीतने का मतलब दुश्मन का विनाश नहीं बल्कि जंग जीतने का सही मतलब दुश्मन को जीतना होता है। तमाम अवार्ड की विजेता रही निहारी को हाल ही में "लेडी लेजेंड्स ऐकलेड" का खिताब हासिल हुआ है।

-प्रस्तुति: ज्योति झा

यह भी पढ़ें: अस्पताल में 12,000 महीने तनख्वाह पाने वाले कर्मचारी गरीबों के लिए बनवा रहे घर