फैक्ट्री में आग लगने पर इस महिला ने दिखाई बहादुरी, बचाई 21 मजदूरों की जान
इस 55 वर्षीय महिला ने बचाई 21 मजदूरों की जान...
बीते सप्ताह सोमवार की सुबह दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में एक जूते की फैक्ट्री में आग लग गई। आग लगने से दो सगे भाइयों समेत चार मजदूर मौत के मुंह में समा गए। फैक्ट्री में 21 मजदूर और थे जो अपनी जान बचाकर बाहर निकलने में कामयाब रहे। इन मजदूरों की जान बचाने में फैक्ट्री के पास ही रहने वाली 55 वर्षीय ज्योति वर्मा ने अहम भूमिका निभाई।
55 वर्षीय ज्योति को कहीं से चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई पड़ी। जब उन्होंने बाहर निकलकर देखा तो पास की चार मंजिल बिल्डिंग से काफी धुआं और आग की लपटें निकलती हुई दिखीं। बिल्डिंग का गेट बंद होने की वजह से कोई अंदर भी नहीं जा सकता था। ज्योति ने किसी तरह सीढ़ी मंगवाई और उसे दोनों बिल्डिंग के बीच में रख दिया।
बीते सप्ताह सोमवार की सुबह दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में एक जूते की फैक्ट्री में आग लग गई। आग लगने से दो सगे भाइयों समेत चार मजदूर मौत के मुंह में समा गए। फैक्ट्री में 21 मजदूर और थे जो अपनी जान बचाकर बाहर निकलने में कामयाब रहे। इन मजदूरों की जान बचाने में फैक्ट्री के पास ही रहने वाली 55 वर्षीय ज्योति वर्मा ने अहम भूमिका निभाई। आग लगने के बाद आसपास के सभी लोग वहां इकट्ठा हो गए, लेकिन किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि बिल्डिंग में फंसे मजदूरों को बाहर कैसे निकाला जाए।
दरअसल सोमवार की सुबह ज्योति को कहीं से चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई पड़ी। जब उन्होंने बाहर निकलकर देखा तो पास की चार मंजिल बिल्डिंग से काफी धुआं और आग की लपटें निकलती हुई दिखीं। बिल्डिंग का गेट बंद होने की वजह से कोई अंदर भी नहीं जा सकता था। ज्योति ने किसी तरह सीढ़ी मंगवाई और उसे दोनों बिल्डिंग के बीच में रख दिया। उन्होंने बताया, 'मेरे पड़ोसियों ने मुझे बताया कि पड़ोस वाली बिल्डिंग में आग लग गई है। बाहर निकलकर मैंने चारों तरफ काला धुआं देखा।' इस सीढ़ी के सहारे सभी मजदूर शीशा तोड़कर बाहर निकले।
ज्योति के पड़ोसी मुन्ना ने भी बिल्डिंग में फंसे इन मजदूरों को बाहर निकालने में काफी मदद की। उन्होंने पहले दूसरी मंजिल पर फंसे मजदूरों को सीढ़ी के सहारे बाहर निकाला। फिर वे भागकर तीसरी मंजिल पर गए और वहां फंसे आठ मजदूरों को बाहर निकालने में मदद की। जिस इलाके में यह फैक्ट्री चल रही थी वह काफी संकरा था इसलिए फायर ब्रिगेड को आने में भी काफी टाइम लगा। अगर सही समय पर ज्योति ने प्रयास नहीं किया होता तो हो सकता है कि सभी मजदूरों की जान चली जाती।
फायर ब्रिगेड ने पहुंचकर आग पर किसी तरह काबू पाने की कोशिश की। हालांकि बिजली नहीं कटने की वजह से आग बुझाने में काफी दिक्कत आई। बाद में बाहर निकले मजदूरों ने बताया कि वैसे रोज 40 मजदूर काम करते हैं लेकिन उस दिन सिर्फ 25 ही मजदूर थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह फैक्ट्री रिहायशी इलाके में अवैध रूप से चल रही थी। इस इलाके में कई सारी फैक्ट्रिया अवैध रूप से चल रही हैं, लेकिन शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती, जिसका खामियाजा ऐसे हादसों के रूप में भुगतना पड़ता है।
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