“MapMyTalent” बताएगा, आपमें क्या है सबसे अच्छा...
13-18 साल के बच्चों के लिए मददगारकोर्स और करियर को लेकर करता है गाइड“MapMyTalent” से 70 हजार छात्र और 40 स्कूल जुड़े
आज के जमाने हर बच्चा दूसरे बच्चे से आगे निकलना चाहता है, लेकिन समय रहते वो तय नहीं कर पता कि उसे क्या और कैसे करना है। ऐसे में हम अक्सर बात करते हैं कि इंटरनेट और प्रोद्योगिकी के मेल से किसी भी चीज का हल निकाला जा सकता है लेकिन उस ओर कुछ करते नहीं हैं। रोहित सहगल ने इस बात को समझा और उसे हकीकत में बदलने के लिए शुरू किया “MapMyTalent” । इसमें विशेषज्ञों की ऐसी टीम है जो ऑफलाइन चीजों को तकनीक की मदद से ऑनलाइन करने का प्रयास करती है। रोहित सहगल “MapMyTalent” में सीईओ और सह-संस्थापक भी हैं।
“MapMyTalent” ने कई ऐसे उत्पाद बनाये हैं जिनके जरिये छात्र ये जान सकते हैं कि उनकी असली ताकत क्या है? उनको किस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए? इसके अलावा छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए उनके साथ परामर्श भी किया जाता है। रोहित आईआईएम के पूर्व छात्र रह चुके हैं। उनके पास 14 साल का बिजनेस डवलपमेंट का अनुभव है। “MapMyTalent” के सह-संस्थापकों में रोहित के अलावा डॉ. अनुभूति सहगल और डॉ. इतिश्री मिश्रा भी हैं। अनुभूति ने मानव संसाधन में पीएचडी की है जबकि इतिश्री ने मनोविज्ञान में पीएचडी के लिए आवेदन किया है। ये लोग पिछले 10 सालों से छात्रों को उनके करियर को लेकर परामर्श देते हैं।
“MapMyTalent” मुख्य रूप से एक उत्पाद है जिसकी मदद से छात्र ना सिर्फ सही कोर्स का चुनाव करते हैं बल्कि सही दिशा में आगे बढ़ने में भी ये काफी मददगार है। रोहित के मुताबिक ये उनकी योग्यता है कि पिछले दस सालों से छात्र अपनी पसंद और इनकी सलाह से अपने कोर्स या करियर का चुनाव कर रहे हैं। ये उत्पाद 13 से 18 साल के बच्चों के लिए बनाया गया है ये वो उम्र होती है जब बच्चे तय नहीं कर पाते की उनको आखिर करना क्या है। ये लोग पहले बच्चे की योग्यता को परखते हैं उसके बाद उसके व्यक्तिव और बाद में उसकी पसंद के बारे में जानते हैं।
पिछले कई सालों में अनुभूति और इतिश्री ने पढ़ाई के दौरान काफी कुछ सीखा जिसको वो अपने इस उत्पाद में जोड़ना चाहते हैं। इनके मुताबिक छात्रों के जहन में पैसा महत्वपूर्म कसौटी होता है लेकिन अगर छात्र जान लें कि उनकी ताकत क्या है तो वो सही कोर्स या करियर का चुनाव कर तेजी से आगे बढ़ सकता है। पिछले कुछ सालों के दौरान छात्रों में बदलाव आया है। वो पहले से ज्यादा मुखर और अपने करियर को लेकर ज्यादा गंभीर हो गए हैं।
MapMyTalent दो साल पहले बी2बी मॉडल की शुरूआत की थी जबकि बी2सी की शुरूआत 6 महिने पहले हुई है। तब से अब तक करीब 70 हजार छात्र इन लोगों के साथ जुड़ चुके हैं और इनमें से काफी बड़ी संख्या में छात्र ऐसे हैं जो पैसा देकर इनके उत्पाद को इस्तेमाल कर रहे हैं। इतना ही नहीं MapMyTalent कार्यक्रम इस वक्त 40 विद्यालयों में चल रहा है। इस तरह के उत्पाद का सही पता लंबे वक्त बाद करीब 25-30 साल में लगता है। MapMyTalent में IndiaQuotient और Sasha Mirchandani’s Kae Capital ने भी निवेश किया है। IndiaQuotient के मधुकर सिन्हा के मुताबिक उन्होने कंपनी में निवेश का फैसला ये जानकर किया कि इनकी टीम में असाधारण प्रतिभाशाली लोग हैं और उनका अपना उत्पाद भी है। उन्होने बस इसे ऑनलाइन करने और इसका स्तर बढ़ाने में मदद की है। फिलहाल MapMyTalent की कोशिश अपने को मजबूती से खड़ा करने की है।