बैंक से लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या हुई कम, भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की लेटेस्ट रिपोर्ट कह रही है कि पिछले वित्त वर्ष (2021-22) में उसके पहले के वित्त वर्ष (2020-21) के मुकाबले बैंक से लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या में 0.09 फीसदी की कमी आई है.
भारत सरकार की कई योजनाएं महिलाओं को लोन लेने के लिए प्रोत्साहित करने वाली हैं, जिसमें ब्याज दरों में कटौती से लेकर ज्यादा आसानी से लोन मिल सकने से संबंधित कई सुविधाएं शामिल हैं. लेकिन इस प्रोत्साहन के बावजूद पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में बैंक से लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या में कमी आई है. वित्त वर्ष 2020-21 में जहां 22.65 फीसदी महिलाओं ने बैंक से लोन लिया था, वहीं वित्त वर्ष 2021-22 में यह संख्या घटकर 22.54 फीसदी हो गई. इस संख्या में 0.09 फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज की गई है.
हालांकि लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या में आई कमी के साथ-साथ लोन की राशि में 13.9 फीसदी की बढ़त भी दर्ज की गई है, जो 10.27 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 11.70 करोड़ रुपए हो गई है.
होम लोन और पर्सनल लोन का अनुपात
RBI की रिपोर्ट के अनुसार पिछले वित्त वर्ष बैंक से लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या 9.12 करोड़ थी, जबकि इस वित्त वर्ष में यह संख्या 8.66 करोड़ है. महिलाओं ने होम लोन से ज्यादा पर्सनल लोन लिया है. पिछले वित्त वर्ष में उनके द्वारा लिए गए पर्सनल लोन की राशि 6.64 लाख करोड़ रुपए है और हाउसिंग लोन की राशि 3.80 लाख करोड़ रुपए है.
साथ ही कृषि कार्यों में सक्रिय 4.28 करोड़ महिलाओं ने बैंक से लोन लिया. कृषि से जुड़े कामों के लिए महिलाओं द्वारा लिए गए लोन की राशि 3.28 लाख करोड़ रुपए है. वहीं उद्योगों से जुड़ी महिलाओं ने 33,350 करोड़ रुपए का लोन लिया है.
पुरुषों ने कितना लोन लिया
सभी भारतीय बैंक महिलाओं को ब्याज दरों में छूट देते हैं, इसके बावजूद बैंक से लोन लेने वाले पुरुषों की संख्या महिलाओं के मुकाबले हमेशा ज्यादा होती है. पिछले वित्त वर्ष में पुरुषों ने 40.20 लाख करोड़ रुपए का लोन लिया. उसके पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले यह संख्या 14.62 फीसदी ज्यादा है. पुरुषों ने 12.87 लाख करोड़ रुपए का होम लोन और 26.12 लाख करोड़ रुपए का पर्सनल
लोन लिया.
यदि महिलाओं और पुरुषों द्वारा बैंक से इस वित्त वर्ष में लिए गए कुल लोन की बात करें तो दोनों को मिलाकर कुल 26.59 करोड़ खातों को 51.90 लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया. उसके पिछले वित्त वर्ष में यह संख्या 45.34 लाख करोड़ रुपए थी.
Edited by Manisha Pandey