घर बैठे बैंकिंग की जरूरतों को पूरा करे ‘Dial-a-Bank’
18 शहरों में है ‘Dial-a-Bank’फोन पर भी ले सकते हैं ‘Dial-a-Bank’ की सेवाएं2011 में ‘Dial-a-Bank’ की शुरूआत
म्यूचुअल फंड क्या हैं ? म्यूचुअल फंड में निवेश जोखिम भरा होता है और निवेश करने से पहले स्कीम के दस्तावेज को सावधानी से पढ़ना चाहिए। ये चेतावनी हम अक्सर किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले जानते हैं लेकिन उसका असली मतलब क्या होता है उससे काफी लोग अनभिज्ञ रहते हैं। बहुत कम ऐसे उद्यमी होंगे जिसके पास जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा या वित्तिय सुरक्षा से जुड़ा ऐसा कोई उत्पाद होगा जो उनके मुश्किल वक्त में मदद कर सके। इसके पीछे पहला कारण ये है कि उनके पास इतना वक्त नहीं होता कि वो विभिन्न पॉलिसियों के बारे में रिसर्च कर अपनी जरूरत के मुताबिक उसे चुन सकें। दूसरा ये कि जब कोई इन पॉलिसियों के लेने के लिए बैंक से सम्पर्क करता है तो बैंक का दावा होता है कि वो आपको सबसे अच्छी पॉलिसी बेच रहा है। इन कारणों के अलावा ज्यादातर निवेशक अपने पैसे को इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने या प्रीमियम को चुकाने से अच्छा अपने स्टार्टअप में निवेश करना ज्यादा बेहतर समझते हैं।
उद्यमियों को कई बार ये समझाना मुश्किल होता है कि वो अपने पैसे को अपने स्टार्टअप के अलावा कहीं और निवेश करें। ‘Dial-a-Bank’ ऐसी ही समस्या को दूर करता है और आपकी जरूरतों के मुताबिक सही राय देता है। ‘Dial-a-Bank’ का दावा है की वो देश की पहली वित्तीय हेल्पलाइन है जहां पर लोग वित्तीय उत्पादों को पसंद कर सकते हैं फिर चाहे वो म्यूचुअल फंड हों, कहीं से ऋण लेना हो या किसी तरह की कोई पॉलिसी हो। ‘Dial-a-Bank’ का 90 बैंकों, 40 म्यूचुअल फंड और 20 इंश्योरेंस कंपनियों से करार है। ‘Dial-a-Bank’ की सेवाएं लेने के लिए कोई भी इनसे 60011600 पर सम्पर्क कर सकता है। फिलहाल इनकी मौजदूगी 18 शहरों में है। जहां से कोई भी निवेश से जुड़ी निष्पक्ष सलाह ले सकता है। फिर चाहे किसी को लोन लेना हो या उसकी निवेश की योजना हो।
गौरव खुराना जिन्होने इससे पहले सिटी बैंक, आईएनजी बैंक और कई दूसरी कई एमएनसी कंपनियों में बड़ी भूमिका निभाई थी। जिसके बाद उन्होने साल 2011 में ‘Dial-a-Bank’ की शुरूआत की। जब उन्होने देखा कि बैंके के कई उत्पादों को तीसरी पार्टी बेच रही है जो उसके योग्य नहीं हैं और ना ही उनको उस उत्पाद के बारे में पूरी जानकारी है। गौरव ने अपने करियर की शुरूआत ‘Xerox’ से की थी। जहां पर उन्होने देश भर में नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होने सिटी बैंक में नौकरी की। गौरव ने चंडीगढ़ में बैंक को अपनी पहली शाखा खोलने में मदद की। गौरव ने 30 साल की उम्र में ही सिटी बैंक में वीपी की पोस्ट पा ली थी। इसके बाद साल 2008 में उन्होने आईएनजी बैंक में नौकरी शुरू की।
गौरव का कहना है कि जब उन्होने अपने उद्यम की शुरूआत की थी तो उनके रास्ते में कई रूकावटें पेश आईं। खासतौर से बैंक उत्पादों के लिए वायस आधारिक कारोबार एक जटिल काम था। इसके विभिन्न घटकों को एकसाथ जोड़ने के लिए काफी वक्त की जरूरत थी। इसके अलावा विभिन्न शहरों में फोन के लिए एक प्लेटफॉर्म भी तैयार करना था। साथ ही उस वक्त बड़े बैंकों के साथ भागीदारी भी हो रही थी। गौरव का कहना है कि किसी भी उद्यमी के लिए ये सबसे अच्छी बात होती है कि उसकी मानसिक बाधाएं उसी दिन टूट जाती हैं जिस दिन वो अपनी शानदार नौकरी को छोड़ देता है। इसके बाद सिर झुकाकर नये सिरे से अपने कारोबार को खड़ा करना होता है। ये जिंदगी में एक तरह से लेगो खेल की तरह होता है।
खास बात ये है कि इस क्षेत्र में कई दूसरे खिलाड़ी भी मौजूद हैं जैसे BankBazaar.com, PolicyBazaar.com, ApnaPaisa.com और InsurancePandit.com। लेकिन इनमें से कोई भी वित्तीय उत्पादों की वायस अधारित जानकारी नहीं देता है। ऐसे में ग्राहक को किसी भी उत्पाद को समझने, उससे जुडे संदेह को दूर करने और प्रश्नों के जवाब मिलने में आसानी होती है। जबकि दूसरे कई पोर्टल चैट बॉक्स की सुविधाएं देते हैं बावजूद लोग वायस आधारित सुविधाओं पर ज्यादा भरोसा करते हैं। गौरव का कहना है कि प्रतियोगिता की वजह से काम में तेजी आती है, कारोबार में ऊंची छलांग लगाई जा सकती है, कठिन परिश्रम और मजबूत इंसान बनना पड़ता है। इस क्षेत्र में कई बड़े और पुराने खिलाड़ी मौजूद हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जिन्होने निवेश हासिल किया है और उनको पीछे करना काफी चुनौतीपूर्ण काम है।
व्यक्तिगत तौर पर उनका गौरव का मानना है कि ये बाजार काफी बड़ा है और इसमें कई खिलाड़ियों के लिए अच्छे मौके हैं। ‘Dial-a-Bank’ पिछले दो सालों के दौरान करीब दो लाख लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचा चुका है। वेबसाइनट पर हर रोज 32 सौ लोग हिट करते हैं इनमें से 5सौ लोग ऐसे हैं जो जानकारी पाने के लिए फॉर्म भरते हैं और 150 लोग हर इनको कॉल कर इनसे निवेश से जुड़ी जानकारी लेते हैं। गौरव का कहना है कि कभी भी वो चीज बेचने की कोशिश मत करो जो आपके पास है बल्कि वो बेचो जो ग्राहक की जरूरत है।