Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

एक कुली ने कैसे खड़ी कर ली 2500 करोड़ की कंपनी

एक कुली ने कैसे खड़ी कर ली 2500 करोड़ की कंपनी

Saturday August 12, 2017 , 3 min Read

मुथु इतने गरीब परिवार में पैदा हुए थे कि स्कूल जाना भी उनके लिए दूर के सपने जैसा था। लेकिन इसके बावजूद वह आज देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में गिने जाते हैं।

<b>एम जी मुथु</b>

एम जी मुथु


मृथु के पिता जमीदारों के यहां मजदूरी किया करते थे। इसलिए घर का गुजारा काफी मुश्किल से होता था। कई दिन तो ऐसे भी होता था कि उन्हें दोनों वक्त का खाना भी सही से नहीं मिलता था। 

 मुथु बताते हैं कि वह भी स्कूल गए लेकिन भूखे पेट पढ़ाई नहीं हो पाती थी, इसलिए कुछ ही दिनों में उन्होंने स्कूल को अलविदा कह दिया।

हम आपको आज ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी सफलता से आप प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकेंगे। ईमानदारी, सादगी और कठिन परिश्रम की बदौलत एमजी मुथु ने आज लाखों, करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया है। मुथु इतने गरीब परिवार में पैदा हुए थे कि स्कूल जाना भी उनके लिए दूर के सपने जैसा था। लेकिन इसके बावजूद वह आज देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में गिने जाते हैं।

मुथु ने एक कुली के तौर पर अपनी जिंदगी का सफर शुरू किया था। वह पोर्ट पर पानी के जहाजों से सामान उतारने चढ़ाने का काम करते थे। एमजीएम ग्रुप के संस्थापक मुथु का जन्म तमिलनाडु के एक अत्यंत गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता जमीदारों के यहां मजदूरी किया करते थे। इसलिए घर का गुजारा काफी मुश्किल से होता था। कई दिन तो ऐसे भी होता था कि उन्हें दोनों वक्त का खाना भी सही से नहीं मिलता था। जब मुथु 10 साल के थे तब वे गांव के बच्चों को स्कूल जाते हुए देखते थे। कई बार उन्हें भूखे पेट भी सोना पड़ता था। मुथु बताते हैं कि वह भी स्कूल गए लेकिन भूखे पेट पढ़ाई नहीं पाती थी। इसलिए कुछ ही दिनों में उन्होंने स्कूल को अलविदा कह दिया।

इतनी कम उम्र में उन्होंने अपने पिता के साथ हाथ बटाना शुरू कर दिया और उनके साथ ही मजदूरी करने लगे। लेकिन यहां उन्हें काफी कम पैसे मिलते थे इसीलिए 1957 में मुथु ने मद्रास पोर्ट पर कुली के तौर पर काम करने लगे। उनका व्यवहार काफी अच्छा था इसलिए उनकी लोगों से अच्छी खासी दोस्ती हो गई थी। उन्होंने अपनी मासिक सैलरी से ही कुछ पैसे बचाए। इन पैसों से उन्होंने बिजनेस शुरू किया। एक कुली के लिए पोर्ट का सामान उतारने के बिजनेस में कूदना काफी जोखिम भरा था, लेकिन मुथू काफी हिम्मती किस्म के व्यक्ति थे। वह काफी मेहनत करते थे और किसी को शिकायत का कोई मौका नहीं देते थे। इसी मेहनत के बल पर उन्होंने एमजीएम ग्रुप का साम्राज्य खड़ा कर लिया।

बेहतरीन सर्विसेज देने की वजह से ये कम समय में ही लॉजिस्टिक्स जगत का बड़ा नाम बन गए। आज एमजीएम कंपनी लॉजिस्टिक के मामले में देश की सबसे बड़ी कंपनियों में गिनी जाती है। लॉजिस्टिक के बाद मुथु ने खनिज की खदानों का ठेका लेना शुरू किया। उन्होंने इंटरनेशनल होटलों में भी काफी पैसा इन्वेस्ट किया। इतने कम समय में ही उन्होंने बड़ी सफलताएं अर्जित कीं। मुथु कहते हैं कि जहां चाह होती है वहां राह भी मिल जाती है। हाल ही में एमजीएम ग्रुप ने एक वोडका ब्रांड को भी खरीद लिया है जो तमिलनाडु के साथ अन्य राज्यों में भी फ़ैल रहा है. मुथू की कुल संपत्ति अब 2500 करोड़ हो चुकी है।

पढ़ें: IIM टॉपर ने सब्जी बेच कर बना ली 5 करोड़ की कंपनी