छत्तीसगढ़ का वो बीपीओ केंद्र जहां दूर होती हैं युवाओं की बेरोजगारी की समस्याएं
'आरोहण' सिर्फ बीपीओ केंद्र नहीं, बल्कि विश्वास और उम्मीदों का केंद्र भी है
यह लेख छत्तीसगढ़ स्टोरी सीरीज़ का हिस्सा है...
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में शुरू किये गए बीपीओ केंद्र ने न सिर्फ छत्तीसगढ़ राज्य बल्कि देश-भर के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। खासतौर से छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवाओं की बेरोज़गारी की समस्या को मिटाने के मकसद से शुरू किये गए इस केंद्र से कई सारी उम्मीदें हैं।
यह केंद्र 10 हजार स्क्वायर फीट क्षेत्र में फैला हुआ है और फिलहाल यहाँ एक हजार लोगों को प्रशिक्षण देने की सुविधा है। केंद्र में 100 सीटर ट्रेनिंग रूम के अलावा, 18 सीटर मीटिंग रूम, 7 वर्कस्टेशन रूम, 2 मैनेजेरियल कैबिन भी हैं।
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में शुरू किये गए बीपीओ केंद्र ने न सिर्फ छत्तीसगढ़ राज्य बल्कि देश-भर के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। बेरोजगारी की समस्या (खास तौर से छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवाओं की) को मिटाने के मकसद से शुरू किये गए इस केंद्र से कई सारी उम्मीदें हैं। ‘आरोहण’ जिसका मतलब है, आगे बढ़ना या फिर ऊंचा उठाना, के नाम से शुरू किये गए इस केंद्र की कई विशेषताएं हैं। लेकिन दस बड़ी विशेषताओं की वजह से यह सिर्फ आकर्षण का नहीं बल्कि उम्मीदों का केंद्र बन गया है।
राजनांदगांव के बीपीओ केंद्र की 10 विशेषताएं हैं:
1. यह केंद्र एक मायने में ग्रामीण बीपीओ है और राजनांदगांव के टेडेसरा में बनाया गया है। आमतौर पर भारत के ज्यादातर बीपीओ केंद्र महानगरों और बड़े शहरों में ही हैं, लेकिन धीरे-धीरे छोटे शहरों और गाँवों में भी बीपीओ की शुरुआत की जा रही है। छत्तीसगढ़ भी बीपीओ केंद्रों के मामले में किसी से पीछे नहीं रहना चाहता है और इसी वजह से टेडेसरा गाँव में बीपीओ केंद्र की शुरुआत की गयी है।
2. बीपीओ केंद्र गाँव में है, लेकिन यहाँ सुविधाएं शहरों जैसी हैं। एक बीपीओ केंद्र में जिस तरह की सुविधाएं होती हैं वैसी सभी सुविधाएं यहाँ मौजूद हैं। कंप्यूटर सिस्टम भी अत्याधुनिक हैं। यहाँ पर लेनोवो कंपनी के सेवेंथ जनरेशन के अत्याधुनिक डेस्कटॉप मौजूद हैं।
3. यह केंद्र 10 हजार स्क्वायर फीट क्षेत्र में फैला हुआ है और फिलहाल यहाँ एक हजार लोगों को प्रशिक्षण देने की सुविधा है। केंद्र में 100 सीटर ट्रेनिंग रूम के अलावा, 18 सीटर मीटिंग रूम, 7 वर्कस्टेशन रूम, 2 मैनेजेरियल कैबिन भी हैं।
4. ‘आरोहण’ में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़िया है और 500 एमबीपीएस लाइन के साथ शत-प्रतिशत पॉवर बैकअप की सुविधा भी है।
5. बड़ी बात यह भी है कि केंद्र में चिकित्सा की भी सुविधा है। किसी दुर्घटना की स्थिति में लोगों को प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था की गयी है। अग्नि-दुर्घटना की स्थिति से निपटने के प्रबंध भी हैं।
6. सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं और चौबीसों घंटे सुरक्षा-कर्मी मौजूद रहते हैं।
7. अभी से देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने इस केंद्र में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है। नामचीन कंपनियों के सीईओ भी इस केंद का दौरा कर चुके हैं।
8. कनाडा की कंपनी पल्सस ने राजनांदगांव के इस केंद्र में एक हजार युवाओं को रोजगार देने का निर्णय लिया है।
9. आने वाले दिनों में ‘आरोहण’ में काम करने वाले युवाओं को ‘स्पोकन इंग्लिश’ का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सामान्यतः यही देखने में आया है कि अंग्रेजी पर पकड़ मजबूत न होने की वजह से ग्रामीण परिवेश के आने वाले युवा और विद्यार्थी कई मामलों में शहरी युवाओं से पीछे रह जाते हैं। ग्रामीण युवाओं को भी शहरी युवा के बराबर लाकर खड़ा करने के मकसद से ‘स्पोकन इंग्लिश’ का प्रशिक्षण देने का फैसला लिया गया है।
10. राजनांदगांव में बीपीओ केंद्र शुरू करने से पहले राज्य सरकार ने दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में भी बीपीओ केंद्र शुरू कर स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करने की कोशिश शुरू की थी, जोकि कामयाब हो रही है। राजनांदगांव के बीपीओ की वजह से स्थानीय युवाओं में रोजगार को लेकर विश्वास बढ़ा है, नयी उम्मीदें जगी हैं।
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