बड़े नोटों पर पाबंदी ‘साहसिक कदम’ पर यही काफी नहीं: चीनी मीडिया
भारत में 1000 और 500 रपये के नाटों पर पाबंदी के मोदी सरकार के निर्णय को ‘आश्चर्यजनक और साहसिक’ बताते हुए चीन के सरकारी मीडिया ने कहा है कि इससे कालेधन और भ्रष्टाचार से लड़ने की प्रतिबद्धता प्रकट होती है पर यह कदम ‘ जरूरत से बहुत कम है।’ चीनी मीडिया ने साथ ही यह भी कहा कि भारत सरकार को कुछ और ‘तरीकों’ की जरूरत महसूस हो सकती है और इसके लिए वह भष्ट्राचार के खिलाफ चीन की कार्रवाई से कुछ विचार ले सकती है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में एक लेख में बड़े नोटों का चलन से हटाने की आठ नवंबर की मोदी की घोषणा को ‘चांैकाने वाला आकस्मिक कदम’ बताया है और कहा है कि ‘यह दर्शाता है कि वह कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिक जोरदार लड़ाई के लिए सचमुच प्रतिबद्ध हैं।’ लेख में कहा गया है कि ‘‘ मोदी की सोच ठीक है और उनका निर्णय भारत की वास्तविकताओं पर आधारित है’ क्योंकि देश में ज्यादातर अवैध धंधे 500 और 1000 के नोटों से किए जाते हैं और इन नोटों का हिस्सा कुल प्रवाहमान नकदी में 80 प्रतिशत से ज्यादा है। बावजूद इसके ये नए नियम भ्रष्टाचार को शायद ही निर्मूल कर सकेंगे।
लेख के अनुसार इस मामले में मोदी को चीन में भ्रष्टाचार निवारण के खिलाफ कार्रवाई से कुछ ‘संकेत’ मिल सकते हैं। लेख में कहा गया है कि सत्ता में आने के बाद से मोदी ने भ्रष्टाचार, कालाधन और कर चोरी के खिलाफ कई कदम उठाए हैं पर इनमें से बहुत से उपाय ‘नख-दंत विहीन’ है जो मोदी के सामने इन समस्याओं की सतह तक खुरच नहीं सकते। लेख के अनुसार नोटों पर पाबंदी की भारत की नयी नीति ‘जोखिम भरी पर एक साहसिक और निर्णयक कार्रवाई है’ बावजूद इसके एक भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने के लिए इसके अलावा भी उपाय करने होंगे। उन्हें प्रणालियों को सुधारना होगा। इसके लिए भारत सरकार को चीन से कुछ सीखने को मिल सकता है। चीन के राष्ट्रपति शी चिन फिंग ने 2012 में चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव का पद ग्रहण करने और राष्ट्रपति तथा सेना प्रमुख का पद संभालने के बाद से रिश्वत खोरी बंद करने के कई कदम उठाए और उन्हें आलोचनाएं झेलनी पड़ी कि वह माओ के बाद सबसे ताकतवर नेता बनने के लिए इन उपयों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पर इन वषरें में चीन ने भ्रष्टाचार के लिखाफ कार्रवाई के नए कानून बना कर, प्रणाली में सुधार करके के लगातार कदम उठाए हैं ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। उदाहरण के लिए चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने 12 शीर्ष अधिकारियों के परिवारों के बारे में सूचनाएं प्रकाशित की हैं। यह भ्रष्टाचार से लड़ाई के हिस्से के तहत किया गया है।