टशन के लिए टैटू बनवाओ, दूसरों के लिए टेंशन बन जाओ
दिल्ली से कारोबार करती है लीकइंक ऑफ लाइन बाजार में जल्द देगी दस्तक
शरीर पर टैटू बनवाने का शौक मॉडर्न जेनरेशन के सिर चढ़ कर बोल रहा है। बात किसी भी शहर के युवाओं की करें, आजकल के युवा लड़के लड़कियां टैटू बनवाते हैं भीड़ में सबसे अलग अपनी एक पहचान बनाने के लिए। लेकिन कुछ साल पहले तक छोटे शहरों में ही नहीं, बड़े शहरों में भी टैटू आर्टिस्ट ढूंढे नहीं मिलते थे। पिछले एक दशक के दौरान युवाओं में टैटू बनवाने को लेकर इतना शौक बढ़ा कि आज कई शहरों में टैटू स्टूडियों को युवाओं से अटा हुआ देखा जा सकता है। ये टैटू स्टूडियों ना सिर्फ बड़े महानगरों में बल्कि टायर टू शहरों में भी खूब देखने को मिल जाएंगे।
हालांकि जब बात अस्थायी टैटू बनवाने की आती है तो टायर टू और टायर थ्री महानगरों में लोगों के पास अब भी बहुत कम विकल्प हैं। रांची में एक एनजीओ चलाने वाले प्रतीक राज के मुताबिक "खास मौकों के लिए जब मैं अस्थायी टैटू बनवाने के बारे में सोचता हूं तब मुझे एक भी सही स्टोर देखने को नहीं मिलता इस बात को लेकर मुझे हैरत भी होती है।"
प्रतीक जैसे लोगों की परेशानियों को देखते हुए पंजाब की आईएक्सपोज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड अस्थायी टैटू बनवाने के लिए कई सारे विकल्प लेकर आई है। लीकइंक नाम की ये कंपनी ईटेल के माध्यम से लोगों को अपनी सुविधाएं देती हैं। लीकइंक की स्थापना देवेंद्र गोयल और शुभम गुप्ता ने मिलकर की थी। इनकी अपनी एक टीम है जो बदलते स्टाइल, लोगों के झुकाव और उनकी जरूरतों को ध्यान में रख काम करती है। देवेंद्र गोयल के मुताबिक "लीकइंक मानता है कि टैटू का मतलब जो आप चाहते हैं। खासतौर से अगर आप आधुनिक फैशन से प्रेरित हैं और कुछ अलग हट कर पसंद करते हैं।"
अस्थायी टैटू की खूबसूरती ही यही है कि जब मन भर गया उसको हटा दिया। लीकइंक उन लोगों के लिए ऐसा शानदार विकल्प है जो अनोखे, बड़े और तीखे डिजाइन अस्थाई टैटू में ढूंढते हैं। लीकइंक अपने डिजाइन पर खास मेहनत करता है जो नये और युवाओं को अचंभित करने वाले तो हो हीं हैं, साथ ही सभी डिजाइन हर तरह के मिजाज और मौके के अनुकूल होते हैं।
लीकइंक से पहले इस जोड़ी ने ई-कॉमर्स के माध्यम से जुलाई, 2013 से अपना काम शुरू किया और अपुन का डील डॉट कॉम से इस क्षेत्र में कदम रखा लेकिन मार्च 2014 में अपुन का डील डॉट कॉम बंद होने के कारण इन लोगों ने दूसरे विकल्पों की तलाश शुरू कर दी। और एक दिन इन्होने सोचा कि क्यों ना अस्थायी टैटू बनाने के बाजार में कुछ नया किया जाए। अपने सपनों का सच करने के लिए दूसरे उद्यमियों की तरह इनको अपने माता-पिता को समझाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। बावजूद इनके सामने इससे बड़ी चुनौती थी सीमित साधनों के साथ छोटे शहरों में अपने कारोबार का कैसे बढ़ाया जाए और किस पैमाने पर किया जाए। मन में कुछ करने की सोच के साथ इन लोगों ने शुरूआत में पंजाब के खन्ना इलाके से अपना कारोबार शुरू किया उसके बाद चंडीगढ़ से काम करना शुरू किया। काम में बरकत हो रही थी बावजूद चंड़ीगढ़ जैसी जगह भी इन लोगों को छोटी लगने लगी। जिसके बाद इन लोगों ने रूख किया दिल्ली का और अपना कारोबार यहीं से शुरू कर दिया।
आज ये कंपनी हर दिन अपने यहां आने वाले ग्राहकों को संतुष्ट कर रही है। शुभम के मुताबिक "हमारी कोशिश है कि हम सोशल मीडिया में लीकइंक का आक्रमक ढंग से प्रचार करें ताकि लोग जान सकें कि लीकइंक क्या है।" इसके साथ ही साथ ये कंपनी ऑफ लाइन बाजार में भी प्रवेश करने का इरादा रखती है इसके लिए कंपनी खास तरीके अपनाना चाहती है। जैसे पार्टनरशिप और फ्रेंचाइजी स्टोर। जिनके माध्यम से ये लोगों तक अपनी सीधी पहुंच बना सके।