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मिस्त्री के चार साल के कार्यकाल में कंपनी का मूल्य दोगुना

चार साल पहले साइरस मिस्त्री का आना और अब अचानक से चले जाना आश्चर्यजनक रहा।

मिस्त्री के चार साल के कार्यकाल में कंपनी का मूल्य दोगुना

Monday October 24, 2016 , 3 min Read

टाटा समूह के चेयरमैन पद से आज हटाए गए साइरस मिस्त्री के चार साल के कार्यकाल में कंपनी का बाजार पूंजीकरण यानी शेयरों की बाजार कीमत के हिसाब से कंपनी का मूल्य दोगुना हो गया जबकि उनके पूर्ववर्ती चेयरमैन रतन टाटा के लंबे कार्यकाल में समूह की कंपनियों की बाजार हैसियत करीब 57 गुना बढ़ी थी।

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टाटा समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का शेयर बाजार में मूल्य (बाजार पूंजीकरण) 125 अरब डॉलर से अधिक यानी करीब साढ़े आठ लाख करोड़ रुपये है।

समूह की सॉफ्टवेयर और सेवा कंपनी टीसीएस का अकेले का बाजार पूंजीकरण ही 4.8 लाख करोड़ रुपये है।

मिस्त्री दिसंबर 2012 में जब चेयरमैन बने थे उस समय कुल पूंजीकरण 4.6 लाख करोड़ रुपये था। रतन टाटा के 21 साल के नेतृत्व में 1991 से 2012 के बीच समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का कुल पूंजीकरण 8,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 4.62 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था।

साइरस मिस्त्री को चार साल पहले भारत के विशाल टाटा उद्योग समूह शीर्ष पद के लिए नेतृत्व के लिए चुने जाने की खबर आश्चर्यजनक थी। उन्हें थोड़े ही समय में चेयरमैन पद से हटाने का टाटा सन्स का आज का निर्णय उससे भी ज्यादा अप्रत्याशित रहा।

मिस्त्री ने रतन टाटा से कंपनी की बागडोर संभाली थी। रतन टाटा के उत्तराधिकारी के चयन के लिए बनी समिति में वह भी शामिल थे। आज समूह के निदेशक मंडल ने उनके उत्तराधिकारी के लिए जो पांच सदस्यीय समिति बनायी है उसमें रतन टाटा को भी रखा गया है। रतन टाटा को टाटा समूह का अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है। नए चेयरमैन की खोज के लिए चयन समिति को चार महीनों का समय दिया गया है।

रतन टाटा के 75 वर्ष की आयु पूरे करने पर 29 दिसंबर 2012 में उनकी सेवानिवृत्ति के बाद अब 48 वर्ष के हो चुके मिस्त्री को उनके उत्तराधिकारी के तौर पर चुना गया था। वह इस पद पर नियुक्त होने वाले दूसरे ऐसे सदस्य थे जो टाटा परिवार से नहीं थे। उनसे पहले टाटा खानदान से बाहर के नौरोजी सक्लतवाला 1932 में कंपनी के प्रमुख रहे थे। हालांकि इस पद को संभालने के बाद ही मिस्त्री को घरेलू और वैश्विक बाजारों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसमें समूह की कंपनी टाटा स्टील के ब्रिटेन के कारोबार की बिक्री करने का फैसला और समूह की ही दूरसंचार कंपनी टाटा डोकोमो में जापानी सहयोगी डोकोमो के साथ कानूनी विवाद का बढ़ना शामिल है।

गौरतलब है, कि मिस्त्री टाटा समूह में अकेली सबसे बड़ी हिस्सेदार शापूरजी पालोनजी से संबद्ध हैं। इस समूह की टाटा समूह में 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि 66 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा परिवार से जुड़े ट्रस्टों के पास है।