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दुबई और अबू धाबी में रोडशो करेंगी सरकारी रक्षा कंपनियां, निवेशकों को लुभाने की योजना

भले ही इन रोडशोज में केंद्र सरकार कोई शेयर ऑफरिंग नहीं करेगी लेकिन इससे भविष्य में सरकार द्वारा हिस्सेदारी बेचने का रास्ता खुल जाएगा. एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि ये रोडशो इन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बेचने की सरकार की रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं.

दुबई और अबू धाबी में रोडशो करेंगी सरकारी रक्षा कंपनियां, निवेशकों को लुभाने की योजना

Tuesday September 13, 2022 , 3 min Read

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपना बिजनेस और फाइनेंशियल प्लान शेयर करने के लिए केंद्र सरकार ने दुबई और अबू धाबी में सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनियों (Defence PSUs) को रोडशो आयोजित करने के लिए कहा है.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL), भारत डायनामिक्स (BDL) भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL), गार्डेन रिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) और मिश्रा धातु निगम (MIDHANI) ने स्टॉक एक्सचेंजेज को बताया है कि वे 12-15 सितंबर तक निवेशकों तक पहुंचने का प्रोग्राम आयोजित करेंगी और नॉन-डील रोडशो में हिस्सा लेंगी और संभावित निवेशकों के साथ बैठक भी करेंगी.

भले ही इन रोडशोज में केंद्र सरकार कोई शेयर ऑफरिंग नहीं करेगी लेकिन इससे भविष्य में सरकार द्वारा हिस्सेदारी बेचने का रास्ता खुल जाएगा. एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि ये रोडशो इन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बेचने की सरकार की रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं.

रोड शो आयोजित कराने का केंद्र सरकार का यह कदम सार्वजनिक उपक्रमों को बातचीत में सक्रिय रूप से शामिल होने और संभावित निवेशकों को उनके प्रदर्शन से अवगत कराने के लिए प्रेरित करने के लिए है. इसके माध्यम से सरकार PSUs को प्राइवेट कंपनियों के बराबर लाना चाहती है.

बता दें कि, प्राइवेट कपनियों की तुलना में PSUs की कम कीमत आंकी जाती है और सरकार PSUs में निवेशकों का भरोसा लौटाने के लिए कई कदम उठा रही है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने सरकार के साथ सार्वजनिक उपक्रमों के समझौता ज्ञापन (MoU) में नए मानदंड शामिल किए हैं. इनमें तिमाही आय की घोषणा के बाद निवेशक सम्मेलन बुलाना और मैनेजमेंट की भविष्य की योजनाओं को साझा करना शामिल है.

हालांकि, अप्रैल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पिछले साल अक्टूबर में आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) के दायरे से बाहर गठित की गईं 7 रक्षा कंपनियों में से 6 ने अपने ऑपरेशन के शुरुआती छह महीनों के दौरान अस्थायी लाभ दर्ज किया है.

नई रक्षा कंपनियों के प्रदर्शन के बारे में रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड, आर्मर्ड वेहिकल्स निगम लिमिटेड, एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड, ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड, इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड ने क्रमशः 28 करोड़ रुपये, 33.09 करोड़ रुपये, 4.84 करोड़ रुपये, 26 करोड़ रुपये, 60.44 करोड़ रुपये और 1.32 करोड़ रुपये का अस्थायी लाभ दर्ज किया है.

सिर्फ एक रक्षा कंपनी यंत्र इंडिया लिमिटेड ने एक अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 की अवधि में लाभ की सूचना नहीं दी है. इसने वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 111.49 करोड़ रुपये का नुकसान होने की जानकारी दी है. पुनर्गठन के पहले छह महीनों में नई रक्षा कंपनियों ने 8,400 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है.

इसके पहले सरकार ने 16 जून, 2021 को लगभग 200 साल पुराने ओएफबी के पुनर्गठन के लिए लंबे समय से विचाराधीन प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. भारतीय सेनाओं के लिए गोला-बारूद एवं अन्य रक्षा उपकरण बनाने वाली 41 कंपनियों को सात नई कंपनियों में वर्गीकृत कर दिया गया था.


Edited by Vishal Jaiswal