फ्लिपकार्ट की तारीखों में टालमटोल से स्टार्टअप पर प्रभाव
नयी पीढी की कंपनियाँ यानी स्टार्टअप अब तक रोज़गार चाहने वालों की पसंदीदा रही हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि फ्लिपकार्ट की घटना के बाद प्रबंधन व प्रौद्योगिकी स्नातक हो सकता है कि ‘सुरक्षित कंपनियों’ में नौकरी को वरीयता दें।
उल्लेखनीय है कि प्रमुख ईकामर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने हाल ही में आईआईएम अहमदाबाद व आईआईटी से कैंपस नियुक्तियों के लिए काम पर आने की तारीखों को टाल दिया। कंपनी ने कहा कि वह अपने परिचालन का पुनर्गठन कर रही है। इसको लेकर कालेजों व उद्योग में कंपनी की खूब आलोचना हुई।
रपटों का कहना है कि ईकामर्स व सम्बद्ध क्षेत्रों से जुड़ी फ्लिपकार्ट केवल एक ही कंपनी नहीं है, जिसने कैंपस भर्तियों में ‘ज्वाइनिंग’ तारीखों को टाल दिया। इस तरह का कदम उठाने वाली कंपनियों में इनमोबी, कारदेखो व होप्सकोच शामिल है।
उद्योग व मानव संसाधन विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना से सम्बद्ध शिक्षण संस्थानों की साख व सफलता भी दबाव में आ जाएगी क्योंकि इससे उनका नियोजन (प्लेसमेंट) रिकार्ड भी खराब होगा।
वहीं स्टार्टअप को भरोसा है कि यह संकट का दौर समाप्त होगा और उनका आकषर्ण बहाल होगा।
इकामर्स फर्म जोपर के सीईओ नीरज जैन ने कहा,‘निसंदेह रूप से इससे स्टार्टअप का आकषर्ण प्रभावित होगा। हालांकि प्रत्येक उद्योग इस दौर से गुजरता है- उत्साह के बाद शांति का माहौल व उसके बाद हालात स्थिर होंगे। उनमें स्थिरता के बाद स्टार्टअप आकषर्क हो जाएंगे।’
भाषा स्टाफिंग सेवा फर्म टीमलीज सर्विसेज के सह उपाध्यक्ष सुदीप सेन ने कहा,‘ इस ‘विफलता’ से स्टार्टअप की चमक निश्चित रूप से फीकी पड़ेगी।’ (पीटीआई)