सौ किमी रोड बनवाने वाले डीएम ने संवार दी मासूम की जिंदगी
नागा लोगों के ज़ेमे समुदाय से आने वाले मणिपुर के ‘मिरेकल मैन’ आर्मस्ट्रोंग पामे ऐसे जिला कलेक्टर हैं, जिनकी मदद से एक गरीब बालक की जिंदगी संवर गई। इतना ही नहीं, उन्होंने फेसबुक पर पेज खोलकर दान के चालीस लाख रुपए जुटा लिए, जिस पैसे से मणिपुर को नागालैंड और असम से जोड़ने वाली सौ किमी की 'पीपुल्स रोड' का निर्माण हुआ। इसके लिए उन्हे कैलिफोर्निया के फेसबुक मुख्यालय में आमंत्रित किया गया था।
हमारे देश के सबसे प्रतिष्ठित आईएएस अधिकारी आर्मस्ट्रोंग पामे ऐसे जिला कलेक्टर हैं, जिनकी आर्थिक मदद ने मिज़ोरम के गांव ज़ेहतात के कटे होठ वाले 11 वर्षीय गरीब बालक लालरिंडीका की जिंदगी ही बदल दी। ‘मिरेकल मैन’ के नाम से मशहूर पामे को बच्चों से इतना प्यार है कि वह हर शुक्रवार को स्कूली बच्चों को इसलिए अपने घर पर रात का खाना खिलाते हैं कि खाली वक्त में वह तसल्ली से उनसे मुलकात, बातचीत कर उनके सपनों और उनके विचारों को पंख लगा सकें। पामे उन बच्चों से अपने जिले के भविष्य पर चर्चाएं करते हैं। उनसे पूछते हैं कि आने वाले समय में वे अपने जिले को किस तरह देखना चाहते हैं।
आर्मस्ट्रांग पामे नागा लोगों के ज़ेमे समुदाय से हैं। उन्होंने वर्ष 2005 में सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद 2007 में सिविल सेवा परीक्षा के बाद सबसे पहले कस्टम और सेंट्रल एक्साइज विभाग में नियुक्त हुए। वर्ष 2008 में यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद वह आइएएस बने। वर्ष 2012 में उन्हें लोक सेवा श्रेणी में सीएनएन-आइबीएन की ओर से वर्ष के सर्वश्रेष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के रूप में सम्मान मिला। उसके बाद वर्ष 2015 में उनको अमिताभ बच्चन के टॉक शो 'आज की रात है जिंदगी' के नौवें एपिसोड में 'हीरो' के रूप में आमंत्रित किया गया।
स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले शो में उन्हें बॉलीवुड अभिनेता ओमान ईरानी के साथ प्रख्यात गीत गिव मी सम सनशाइन का प्रदर्शन करते देखा जा सकता है। आर्मस्ट्रांग ग्लोबल शेपर्स कम्युनिटी के संस्थापक क्यूरेटर भी हैं, जो वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के तहत इम्फाल हब है। उन्हें विश्व आर्थिक मंच द्वारा घोषित 2018 का युवा ग्लोबल लीडर भी घोषित किया जा चुका है। मणिपुर को नागालैंड और असम से जोड़ने वाली 100 किमी की 'पीपुल्स रोड' का निर्माण कराने के लिए 'मिरेकल मैन' की उपाधि मिली। इस निर्माण में उन्होंने अगस्त 2012 में फेसबुक पेज के माध्यम से 40 लाख रुपए दान में जुटाए थे। इसके लिए उन्हें कैलिफोर्निया के फेसबुक मुख्यालय में आमंत्रित किया गया था। इस निर्माण के लिए उन्होंने सरकार से कोई वित्तीय मदद नहीं ली थी।
मिजोरम के लुंगलेई जिले में जिन दिनो वह चुनाव पर्यवेक्षक थे, उसी दौरान उनकी गरीब बालक लालरिंडीका से मुलाकात हुई। उनके प्रयासों से वह चुनाव दिलचस्प हो गया था, जिसे चुनावी मॉडल के रूप में भी कोट किया जाता है। लालरिंडीका के होंठ कटे हुए थे। उसको बोलने और खाना खाने में दिक्कत होती थी। उसके घर वालों के पास इतना पैसा नहीं था कि वे उसका इलाज करा पाते। पामे ने अपने पैसे से इम्फाल में उसकी सर्जरी निर्णय लिया। फैसला किया।
लालरिंडीका के परिवार इम्फाल भी पामे की गाड़ी से गए। वहाँ शिजा अस्पताल में पहले से पामे की टीम मौजूद थी। इतना ही नहीं, पूरे चिकित्सा बिल का भुगतान कराने के बाद आइजोल से उन्होंने अपने खर्च पर बालक को उसके परिवार के साथ उनके गांव भेजा। लालरिंडीका के पिता वनलालसीमा कहते हैं कि 'ये दयालु आईएएस अधिकारी हमारे लिए भगवान बनकर आए हैं। उनके बेटे का ठीक हो जाना एक चमत्कार है। मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने इस आदमी को हमारे पास भेजा।'
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