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DPIIT ने स्टार्टअप्स के लिए शुरु किया 'स्टार्टअपशाला' फ्लैगशिप एक्सेलेरेटर प्रोग्राम

स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 40 यूनिकॉर्नों के साथ गोलमेज बैठक की. इस दौरान छात्रों, इच्छुक उद्यमियों के लिए 'स्टार्ट अप कैसे करें' विषय पर वेबिनार आयोजित किए गए.

DPIIT ने स्टार्टअप्स के लिए शुरु किया 'स्टार्टअपशाला' फ्लैगशिप एक्सेलेरेटर प्रोग्राम

Wednesday January 31, 2024 , 4 min Read

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन सप्ताह के दौरान देश में यूनिकॉर्न के विकास का उत्सव मनाने और यूनिकॉर्नों के विकास में सहायता करने को लेकर एक सहयोगात्मक तरीका अपनाने के लिए एक यूनिकॉर्न गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की. इसमें प्रतिभागी 40 यूनिकॉर्नों ने अपने अनुभव से हासिल सीख और उन कारकों को रेखांकित किया, जिन्होंने उनके विकास को सक्षम बनाया.

इसके अलावा भारतीय इकोसिस्टम के विकास को बढ़ावा देने के लिए उन क्षेत्रों की पहचान की, जो देश को वैश्विक स्टार्टअप नेता के रूप में उभरने में सहायता कर सकते हैं. पीयूष गोयल ने यूनिकॉर्न से एक साथ आने और एक यूनिकॉर्न क्लब या एसोसिएशन स्थापित करने का अनुरोध किया, जो देश में स्टार्टअप्स के लिए पूंजी तक पहुंच के समाधान के रुप में साथ आएगा. यह बातचीत स्टार्टअप अनुकूल वातावरण को और अधिक बढ़ावा देने के लिए नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, टियर-2/3 शहरों में पहुंच बढ़ाने व निजी क्षेत्र में वित्तीय संस्थानों के सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों से सीखने पर केंद्रित था.

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने 10 से 18 जनवरी, 2024 तक पूरे देश में नवाचार और उद्यमिता पर देश के प्रमुख स्टार्टअप्स, उद्यमियों, निवेशकों, नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों के एक साथ आने का उत्सव मनाया. इसमें कई प्रमुख घोषणाएं और लॉन्चिंग की गईं. इनमें स्टार्टअप इंडिया का एक्सेलेरेटर कार्यक्रम- 'स्टार्टअपशाला' भी शामिल है. यह शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स के लिए 3 महीने का एक्सेलेरेटर कार्यक्रम है, जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए जरूरी जानकारी, नेटवर्क, धनराशि और मार्गदर्शन तक पहुंच प्रदान करता है. इस कार्यक्रम का हर एक समूह एक विशेष क्षेत्र पर केंद्रित होगा. इसमें पहला क्लीनटेक होगा और हर समूह से 20 स्टार्टअप्स को आवेदन के लिए एक ओपन कॉल के जरिए विशेषज्ञों की ओर से चुना जाएगा. इसके लिए 10 जनवरी 2024 से स्टार्टअप इंडिया हब पर आवेदन किए जा सकते हैं.

छात्रों और इच्छुक उद्यमियों को प्रेरित करने पर 'उभरते उद्यमियों के लिए मार्ग मेंटरशिप श्रृंखला' शीर्षक से 'स्टार्टअप कैसे करें' पर केंद्रित 5 समर्पित वेबिनार आयोजित किए गए. उद्योग जगत के नेताओं और सलाहकारों ने स्टार्टअप शुरू करने की बुनियादी बातों के बारे में जानकारी और महत्वपूर्ण सीखों को साझा किया. इन सभी सत्रों को स्टार्टअप इंडिया सोशल मीडिया हैंडल के साथ-साथ युवा उद्यमियों के लिए मायभारत पोर्टल पर लाइव होस्ट किया गया.

स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन सप्ताह के 75 से अधिक कार्यक्रमों ने उद्यमिता के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करने के साथ भारत के समृद्ध इकोसिस्टम को प्रदर्शित किया और अनगिनत महत्वाकांक्षी संस्थापकों के सपनों को प्रज्जवलित किया. इस सप्ताह में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने वाली कार्यशालाओं से लेकर इनक्यूबेटर चैंपियनों के लिए प्रशिक्षण क्षेत्र तक के सलाहकारों और प्रशिक्षुओं ने जानकारी साझा की, जिससे महत्वाकांक्षी अग्रदूतों के मस्तिष्क में उत्साह का संचार किया गया. कई शहरों में हितधारकों के साथ चर्चा सहित कई विचारशील गोलमेज बैठकें आयोजित की गईं और गठबंधन बनाया गया, जो भविष्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम को आकार देगा.

इसके अलावा कारोबारियों के साथ स्टार्टअप्स की वन-टू-वन मेंटरशिप भी इस सप्ताह की शुरुआत में लॉन्च की गई थी. इस श्रृंखला में वित्तीय ऋण व सहायता, संचालन, टिकाऊ नवाचार और नई टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कारोबारियों के साथ शॉर्टलिस्ट किए गए स्टार्टअप के लिए विशेष सहायता व मार्गदर्शन शामिल था. इसमें शामिल कॉरपोरेट साझेदार कंपनियों में एचसीएल, एचएसबीसी इंडिया, क्वालकॉम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और टीसीएस फाउंडेशन शामिल थी.

नवाचार व स्थायित्व के बारे में और अधिक जागरूकता उत्पन्न करने के लिए स्टार्टअप इंडिया के वैश्विक भागीदारों के साथ एक वर्चुअल पैनल चर्चा आयोजित की गई. इस पैनल ने इन्क्यूबेशन, वित्तीय पोषण व वित्तीय सहायता, सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल, बाजार पहुंच और सरकारी बुनियादी ढांचे के रूप में नवाचार के 5 प्रमुख आधारों पर अपना ध्यान केंद्रित किया. सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पर स्टार्टअप्स को उपलब्ध लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए महाराष्ट्र के मुंबई में एक समर्पित कार्यशाला आयोजित की गई. इसके अलावा 9 जनवरी, 2024 को तेलंगाना स्थित हैदराबाद विश्वविद्यालय में सार्वजनिक खरीद पर एक सफल कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें 70 से अधिक उद्यमियों ने हिस्सा लिया.