डीपीआईआईटी कर रहा है स्टार्टअप को ऋण गारंटी और शुरुआती पूंजी से जुड़ी योजनाओं पर काम
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) देश में स्टार्टअप के समर्थन के लिए दो योजनाओं पर काम कर रहा है। ये योजनाएं ऋण गारंटी और शुरुआती पूंजी से जुड़ी हैं। डीपीआईआईटी के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र ने यह जानकारी दी।
महापात्र ने कहा कि इन दोनों योजनाओं के तौर-तरीके तय करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श की प्रक्रिया चल रही है।
महापात्र ने पीटीआई-भाषा से कहा,
‘‘हम ऋण गारंटी और शुरुआती पूंजी योजना पर काम कर रहे हैं। दोनों पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श चल रहा है।’’
उन्होंने कहा कि ऋण गारंटी योजना के लिए एक कोष है जिसे बैंकों को दिया जाएगा। बैंक इसका इस्तेमाल स्टार्टअप को कर्ज देने के लिए कर सकते हैं। महापात्र ने कहा कि इससे बैंकों को ऋण देने में सुविधा होगी। यह ऋण के लिए होगा, उद्यम पूंजी के लिए नहीं।
शुरुआती पूंजी की योजना पर महापात्र ने कहा कि ज्यादातर स्टार्टअप को विचार के स्तर पर धन जुटाने में परेशानी आती है। सचिव ने कहा, ‘‘गुजरात और केरल जैसे कुछ राज्यो में शुरुआती पूंजी की योजना है, लेकिन यह काफी छोटी है। केंद्र सरकार के मंत्रालयों की भी योजना है। लेकिन हम अखिल भारतीय स्तर की योजना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि दोनों योजनाओं के लिए वित्त मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी। उसके बाद डीपीआईआईटी दोनों योजनाओं के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की अनुमति लेगा। महापात्र ने कहा कि कुछ स्टार्टअप ने कर्मचारी शेयर विकल्प योजना (इसॉप) को लेकर कुछ मुद्दे उठाए हैं। हमने इसे राजस्व विभाग को भेज दिया है।
(सौजन्य से- भाषा पीटीआई)