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ड्राइवर पिता की बेटी पहली बार लेगी पैरा ओलंपिक में हिस्सा, टाइक्वांडो में करेंगी देश का प्रतिनिधित्व

अरुणा देश की पहली टाइक्वांडो एथलीट हैं जो पैरा ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रही हैं।

ड्राइवर पिता की बेटी पहली बार लेगी पैरा ओलंपिक में हिस्सा, टाइक्वांडो में करेंगी देश का प्रतिनिधित्व

Thursday June 24, 2021 , 3 min Read

"आज सफलता का शिखर चूम रहीं अरुणा के लिए उनका शुरुआती जीवन इतना आसान नहीं था। अरुणा के पिता एक बस ड्राइवर हैं, हालांकि वे शुरुआत से ही चाहते थे कि उनकी बेटी खेल की दुनिया में देश का नाम रोशन करे। अरुणा जब महज 8 साल की थीं तब ही उन्होने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी।"

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फोटो साभारा : सोशल मीडिया

21 साल की अरुणा तंवर जल्द ही टोक्यो पैरा ओलंपिक में हिस्सा लेंगी। खास बात यह है कि अरुणा देश की पहली टाइक्वांडो एथलीट हैं जो पैरा ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रही हैं। मालूम हो कि अरुणा को वाइल्ड कार्ड एंट्री के जरिये पैरा ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका मिला है। 


हरियाणा के भिवानी जिले में जन्मी अरुणा तंवर को बचपन से ही मार्शल आर्ट के प्रति खासा लगाव था। मीडिया को दिये एक इंटरव्यू में अरुणा ने बताया कि उन्होने एथलेटिक्स से शुरुआत की थी, लेकिन उन्हें उससे संतुष्टि नहीं मिल रही थी। अरुणा के अनुसार मार्शल आर्ट उन्हें खेल के प्रति संतुष्टि प्रदान करती है और इसी के चलते उन्होने टाइक्वांडो की प्रैक्टिस शुरू की।


आज सफलता का शिखर चूम रहीं अरुणा के लिए उनका शुरुआती जीवन इतना आसान नहीं था। अरुणा के पिता एक बस ड्राइवर हैं, हालांकि वे शुरुआत से ही चाहते थे कि उनकी बेटी खेल की दुनिया में देश का नाम रोशन करे। अरुणा जब महज 8 साल की थीं तब ही उन्होने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी।

पैरा ओलंपिक में स्वर्ण पदक है लक्ष्य

निम्न मध्यमवर्गीय घर पर पैसों की तंगी के चलते अरुणा का शुरुआती जीवन काफी मुश्किलों से भरा हुआ रहा है, हालांकि बावजूद इसके उनकी लगन में कभी कोई कमी नहीं आई और आज उनकी यह कड़ी मेहनत रंग ला रही है। अरुणा फिलहाल चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में बीपीएड की छात्रा भी हैं।


पैरा टाइक्वांडो में 5 बार की नेशनल चैंपियन रह चुकी अरुणा इसी के साथ साल 2019 में टर्की में हुए विश्व पैरा टाइक्वांडो चैंपियनशिप में कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं। अपने खेल में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहीं अरुणा आज विश्व की नंबर चार पैरा टाइक्वांडो खिलाड़ी हैं। अब अरुणा का सपना है कि वो पैरा ओलंपिक खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक लेकर आयें। 


अरुणा के अनुसार उनके परिवार से लेकर उनके कोच और विश्वविद्यालय में उनके शिक्षक सभी शुरुआत से ही उनकी इस यात्रा में उनके समर्थक रहे हैं और अब वो इन सभी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए पैरा ओलंपिक में स्वर्ण लाने के लिए दिन-रात एक करते हुए कड़ी मेहनत कर रही हैं। इस वक्त अपनी तैयारियों के लिए अरुणा फिलहाल दिल्ली, लखनऊ और हरियाणा में आयोजित कैंप में भी भाग ले रही हैं। गौरतलब है कि टोक्यो पैरा ओलंपिक का आयोजन 24 अगस्त से लेकर 5 सितंबर तक किया जाना है।

बन गईं हैं रोल मॉडल

मीडिया को दिये एक इंटरव्यू में अरुणा की माँ ने बताया कि अरुणा जब पैदा हुईं थी तो उनके दोनों ही हाथ सामान्य नहीं थे, लेकिन अरुणा ने आगे बढ़ते हुए आने वाले समय में कभी इसकी शिकायत नहीं की, बल्कि उन्होने मार्शल आर्ट की मदद लेते हुए अपनी इन शारीरिक बाधाओं को खुद से दूर रखने का प्रयास किया है।


अरुणा की माँ का मानना हैं कि पैरा ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही अब अरुणा कई बच्चों और खास कर उन लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल बन गई हैं, जिन्हें लड़कों की तुलना में कमतर आँका जाता है और उन्हें उनकी प्रतिभा को दिखने का मौका नहीं दिया जाता है। 


Edited by Ranjana Tripathi