कोरोना वायरस के मरीजों को दी जाएगी ये दवा, नेशनल टास्क फोर्स ने दिया सुझाव
इस दवा से संबन्धित अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एंटीमाइक्रोबायल में प्रकाशित की गई है। चिकित्सकों की मानें तो इस दवा के साइड इफेक्ट भी कम पाये गए हैं।
कोरोना वायरस से संक्रमित हाई रिस्क वाले मरीजों के लिए अब दवा का चुनाव कर लिया गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित हाई रिस्क वाले मरीजों को हाइडॉक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल किया जाएगा।
यह आमतौर पर मलेरिया के लिए इस्तेमाल की जाती है। गौरतलब है कि बिना डॉक्टर की सलाह के यह दवा लेने से मना किया गया है।
इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इस संबंध में ट्वीट कर कोरोना वायरस के संबन्धित दवाओं को सबके सामने पेश किया था। राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने ट्वीट में हाइडॉक्सीक्लोरोक्विन और एजिथ्रोमाइसिन को गेमचेंजर बताया था।
इसके पहले आईएमए के पूर्व अध्यक्ष और हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखते हुए इस दवा के उपयोग के लिए मंजूरी मांगी थी।
इस दवा को लेकर किए अध्ययन में पाया गया है कि हाइडॉक्सीक्लोरोक्विन मरीजों पर अधिक तेजी से काम करती है। इससे संबन्धित अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एंटीमाइक्रोबायल में प्रकाशित की गई है। चिकित्सकों की मानें तो इस दवा के साइड इफेक्ट भी कम पाये गए हैं।
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए मरीजों की संख्या सोमवार शाम 6 बजे तक 437 पहुँच चुकी है, जबकि इस महामारी की चपेट में आकर देश में 9 मौतें भी हो चुकी हैं।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के साथ कई राज्यों व देश भर के कुल 75 जिलों में भी लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है। कोरोना वायरस के चलते देश में डोमेस्टिक फ्लाइट्स पर भी बंद कर दी गई हैं।