ई-कॉमर्स स्टार्टअप Cashify ने NewQuest, Prosus के नेतृत्व में जुटाए 704 करोड़ रुपये
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ने हाल ही में अपने सीरीज़ ई फंडिंग राउंड 90 मिलियन डॉलर (करीब 704 करोड़ रुपये) जुटाए हैं. 0इस राउंड का नेतृत्व मुख्य रूप से NewQuest Capital Partners ने किया था. इस फंडिंग राउंड में Prosus ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.इस राउंड में कुछ दूसरे वेंचर कैपिटलिस्ट्स और फंड मैनेजमेंट कंपनियों जैसे Blume Ventures और Olympus Capital ने भी भाग लिया. ये पहले से ही कंपनी में इन्वेस्टर हैं. Paramark Ventures ने पहली बार इस कंपनी की फंडिंग में हिस्सा लिया.
Cashify एक स्टार्टअप है जो लोगों के इस्तेमाल किए गए फोन और दूसरे कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदता है, उन्हें रिपेयर करता है और उन्हें बेच देता है. कंपनी की स्थापना 9 साल पहले 2013 में हुई थी. इसका हेड ऑफिस गुरुग्राम, हरियाणा में है.
कंपनी ताजा फंडिंग का इस्तेमाल मुख्य रूप से टीम को बेहतर बनाने और नए लोगों को हायर करने के लिए करेगी. अपनी टेक्नोलॉजी और इसके फ्रेमवर्क को सुधारने की भी योजना बना रहे हैं.
यह कंपनी को मिली अब तक की सबसे बड़ी फंडिंग है. इससे पहले, 10 महीने पहले, कंपनी ने 15 मिलियन डॉलर जुटाए थे.
कंपनी के फाउंडर और सीईओ मनदीप मनोचा ने कहा कि Cashify के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की मांग बढ़ी है. हमारा लक्ष्य देश भर के कम से कम 100 एरिया में ऑपरेट करना है. भारत भर में 50 शहरों में नए स्टोर खोलने की भी योजना है.
फाउंडर ने यह भी कहा कि लोगों के घरों में कई इलेक्ट्रॉनिक टूल्स हैं जिनका उपयोग नहीं किया जा रहा है. इनपर धूल जमा हो रही है. Cashify का प्लेटफॉर्म लोगों को उचित मात्रा में इन टूल्स से छुटकारा पाने की अनुमति देता है. उन्हें किफायती कीमत पर भी बेचा जाता है ताकि लेनदेन में शामिल सभी लोगों को फायदा मिले सके.
Cashify की खरीद और बिक्री की रणनीति के साथ, कंपनी का कहना है कि उनका सर्कुलर मूवमेंट उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट को कम करने में सक्षम बनाता है. यह पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है. इसके साथ ही, लोगों को सस्ती कीमत पर क्वालिटी वाले कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स मिल सकते है.
कंपनी का लगभग 90% बिजनेस स्मार्टफोन रि-सेलिंग से आता है, जबकि बाकी अधिकतर लैपटॉप रि-सेलिंग से मिलता है.