‘नया करने और कभी हार न मानने वाला ही होगा सफल स्टार्टअप’- निकेश अरोड़ा
कहते हैं जो बेचैन है, वही जीवित है और जो जीवित है वो कुछ न कुछ तो करेगा। यह कुछ न कुछ ही एक दिन बड़ा रूप ले लेता है। किसी स्टार्टअप के लिए यही सबसे बड़ी पूंजी है। अगर सफल बनना है, अपने आइडिया को सफल बनाना है, अगर ओला कैब, फ्लिपकार्ट और ऐसी ही कई कंपनियों के संस्थापकों जैसा आपको बनना है तो निरंतर सोचना होगा, ईमानदार कोशिश करनी होगी और खुद को साबित करना होगा। यह कहना है सॉफ्ट बैंक के प्रेसिडेंट और सीईओ निकेश अरोड़ा का।
एक कार्यक्रम के दौरान अपने वक्तव्य रखते हुए निकेश ने माना कि मौजूदा पीढ़ी में कुछ अलग करने का वो जज़्बा है जो सिलिकॉन वैली में है यही वजह है कि देश में फिलहाल जो माहौल है वो बिलकुल सिलिकॉन वैली जैसा है। उन्होंने स्टार्टअप्स को कई महत्वपूर्ण सलाह दिए।
बिजनेस प्लान क्या है?
स्टार्टअप के लिए सबसे अहम है कि उनका प्लान क्या है? वो किस तरह की चीज़ को आगे लाने की सोच रहे हैं? अपने आइडिया के बारे में आपने क्या-क्या किया है? इस दौरान बस ध्यान इतना रखना है कि आप सेटेल डाउन न हो जाएं अपने आइडिया को लेकर। मतलब ये कि आप सिर्फ यह सोचकर तसल्ली न कर लें कि बस मुझसे तो इतना ही हो सकता है। अब आगे नहीं होगा। इसलिए बिजनेस प्लान बनाते समय अपने आइडिया के बारे में लगातार सोचें। क्योंकि सोचने का काम, उसको फलीभूत करने का काम आपका ही है।
आइडिया कितना बड़ा और अहम है?
हमेशा कहा जाता है कि बीस छोटे-छोटे आइडियाज़ को मिलाकर एक बड़ा आइडिया नहीं बनाया जा सकता है। इसलिए आइडिया कितना बड़ा और अहम है, यह सोचना बहुत ज़रूरी है। ओला कैब के संस्थापक भवेश अग्रवाल का उदाहरण देना समीचीन है। भावेश ने जब ओला कैब की शुरुआत की तो उनके पिताजी ने पूछा कि क्या तुम ट्रैवेल एजेंट बन गए? ज़ाहिर है इसका उत्तर आज सबके पास है। ओला कैब का आइडिया कितना अहम और बड़ा है इसके बारे हम जानते हैं। आधी रात को भी अगर आपको टैक्सी की ज़रूरत है तो सिर्फ पांच मिनट के अंतराल पर एक टैक्सी आपका इंतज़ार कर रही है, ज़रूरत है सिर्फ फोन उठाने और टैक्सी बुक करने की। इसलिए आपका आइडिया कितना अहम है उसका ध्यान किसी और को नहीं आपको ही रखना है। अहम का मतलब साफ है कि वो एक साथ कितने लोगों को प्रभावित करता है। अगर उसका फायदा बड़ी तादाद तक पहुंचता है तो तय है कि आइडिया बड़ा है। बस उसे बेहतर तरीके से एक्जीक्यूट करने की ज़रूरत है।
ई-कॉमर्स का इस्तेमाल
अपने आइडिया के साथ आप यह ज़रूर सोचे कि ई-कॉमर्स का इस्तेमाल किस तरह से हो सकता है। अगर ई-कॉमर्स का इस्तेमाल हो सकता है तो यक़ीनन आपका आइडिया तेज़ी से बड़ी तादाद तक पहुंचेगा। अगर नहीं है तो उसका असर एक सीमित इलाके तक सिमट जाएगा। अभी त्यौहार का मौसम है और आज हालत ये है कि अखबारों में ख़बरें पहले नहीं दूसरे नहीं तीसरे या चौथे पेज से शुरू हो रही है। वजह है ई-कॉमर्स का बढ़ता असर। इन शुरुआती पन्नों में ई-कॉमर्स और उनसे जुड़े प्रचार की भरमार है। इसलिए स्टार्टअप के लिए जो भी आइडिया सोचे उसमें ई-कॉमर्स की भागीदारी पर ज्यादा ज़ोर दें।
आप सोचे, आप एक उपभोक्ता हैं
आइडिया के बारे में जब भी आप सोचे उसकी तह में यह बात होनी चाहिए कि आप एक उपभोक्ता हैं। मतलब ये कि आप अपने आइडिया को इस तरह से सोचे कि आप एक उपभोक्ता हैं और ये आइडिया किसी और का है। उसके बाद सोचे कि यह आइडिया एक उपभोक्ता के नाते आप पर किस तरह का असर डालता है। अगर परिणाम अच्छा है तो आगे बढ़ें वरना जो कमियां उपभोक्ता के तौर पर नज़र आ रही है उसको दूर करें।
कैसे मिलेगी सफलता?
यह अब लगभग तय है कि भारत में स्टार्टअप के लिए इससे अच्छा माहौल कभी नहीं था। ऐसे में स्टार्टअप कल्चर का विस्तार हो रहा है। इसमें सफलता के लिए कुछ चीज़ें ज़रूरी हैं—
• आपका आइडिया अपने आसपास की दुनिया को कैसे बदल रहा है-इसपर ज़रूर सोचे। अगर इसपर आपने गहन चिंतन और रिसर्च कर लिया तो सफलता मिलेगी।
• आइडिया को एक्जीक्यूट करने के लिए आपके पास अच्छे लोग हों। अच्छे लोगों का सीधा मतलब है अच्छी टीम। जो आपको उचित समय पर ईमानदार सलाह दे।
• आपका आइडिया हमारी संस्कृति का कितना ख्याल रखती है, यह समझना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि आउटऑफ बॉक्स सोचने में कई बार लोग संस्कृति के खिलाफ सोचते हैं। ऐसे में ख़तरा होता है बड़ी तादाद तक न पहुंचने की।
रिस्क फैक्टर के लिए तैयार रहें
स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ी सलाह यह है कि वो ख़तरों के लिए हमेशा तैयार रहें। ख़तरे बताकर नहीं आते। इसलिए इतना मानकर चलिए कि आपका आइडिया बड़ी तादाद तक पहुंचने में वक्त ले सकता है। ऐसे में आपको यह सोचना होगा कि इस दौरान पैसे की व्यवस्था कैसे की जाएगी। हालात को संभालने के लिए क्या ज़रूरी एहतियात आपने बरते हैं। अगर आपने इतना तय किया है और आप इसके लिए तैयार हैं तो तय है सफलता मिलेगी और आप भी एक दिन कई सारे स्टार्टअप्स के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगे।