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पटेल से बाज़ार की अपेक्षाओं की सूची काफी लंबी है!

पटेल से बाज़ार की अपेक्षाओं की सूची काफी लंबी है!

Monday August 22, 2016 , 4 min Read

 भारतीय रिजर्व बैंक के निवर्तमान गवर्नर रघुराम राजन की छवि जहां मुखर व ‘रॉकस्टार’ नियामक की थी वहीं नए मनोनीत गवर्नर उर्जित पटेल को ‘मृदुभाषी लेकिन प्रभावी’ अधिकारी माना जाता है। उद्योग व बाजार को पटेल से करेंसी नोट पर उनके हस्ताक्षर के अलावा उनसे बड़ी उम्मीदें हैं। एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने कहा,‘लाक्षणिक व प्रतीकात्मक रूप से रिज़र्व बैंक के शीर्ष पद पर व्यक्तित्व क बदलाव उद्योग व बैंकों के लिए बहुत राहत भरा दिखा रहा है, जो राजन की नीतिगत कार्रवाई के निशाने पर रहे हैं।’ सरकार द्वारा पटेल को राजन का उत्तराधिकारी चुने जाने पर चौतरफा सराहना हो रही है पर प्रमुख उद्योगपतियों, बैंकों और बाजार के लोग अभी दिल थाम कर अपने मन में सवाल कर रहे हैं कि राजन के साथ ‘मुद्रास्फीति के खिलाफ योद्धा’ की तरह दिखने वाले पटेल अपनी छवि को नये पद पर भी कायम रखेंगे या कंपनी जगत में वित्त बाजार के अनुभवों के साथ वह मुद्रास्फीति और वसूली में फंसे ऋणों को को लेकर रिज़र्व बैंक के ‘सख्त रवैए’ में कुछ नरमी लाएंगे।

विशेषज्ञों का कहना है कि ‘पटेल’ से बाजार की अपेक्षाओं की सूची लंबी है। इनमें ब्याज की निम्न दर, बैंकों व कर्जदारों के प्रति नरम रख, बैंकिंग लाइसेंस देने में उदार रवैया, विदेशी मुद्रा भंडार को बचाये रखना व उसे बढाना जैसी उम्मीदें शामिल हैं। इनमें सभी लक्ष्यों को पूरा करना कोई आसान काम नहीं है।

यहां उद्योग जगत की एक बैठक में उद्योग जगत की एक बड़ी सख्शियत ने कहा कि विडंबना यह है कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई में राजन ने पटेल को ‘ब्रह्मास्त्र’ के रूप में प्रयोग किया। केंद्रीय बैंक काम काम वृद्धि को प्रभावित किए बिना ही मुद्रास्फीति पर काबू पाना होता है। नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उद्योग जगत की निरंतर मांग से पार पाना राजन के लिए बड़ी चुनौती रही थी। एक और बड़ी चुनौती बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां या एनपीए था।

इस पदाधिकारी के अनुसार बैठक में अनौपचारिक उद्योगपतियों व बैंकरों की राय में राजन भी चाहते थे कि पटेल उनके उत्तराधिकारी हों ताकि उनकी विरासत बनी रहे और मौद्रिक नीति में सततता, निरंतरता हो।

सरकार भी मुद्रा, बाजार व शेयर बाजारों पर किसी तरह के झटके से बचाने तथा और नकारात्मक प्रचार के लिए इससे सहमत दिखी। उर्जित पटेल भारतीय रिज़र्व बैंक के नये गवर्नर होंगे। वे रघुराम राजन की जगह लेंगे जो चार सितंबर को इस पद से हट रहे हैं।

आरबीआई गवर्नर पद पर उर्जित पटेल की नियुक्ति नीतिगत निरंतरता का संकेत: नोमुरा

वित्तीय सेवा क्षेत्र की दिग्गज जापानी कंपनी नोमुरा ने कहा है कि अगले आरबीआई गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल की नियुक्ति नीतिगत निरंतरता को लेकर मोदी सरकार की वरीयता और कम महंगाई दर रखने के प्रति इस सरकार की प्रतिबद्धता के संकेत देती है ।

नोमुरा ने कहा, ‘‘आरबीआई के मौजूदा डिप्टी गवर्नर को तरक्की देने का सरकार का फैसला नीतिगत निरंतरता और महंगाई दर कम रखने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता के संकेत देता है, और यह ऐसा कदम है जिसे आरबीआई की आजादी संरक्षित रखने के तौर पर देखा जाएगा ।’’

पटेल का शानदार रिकार्ड उन्हें रिजर्व बैंक की अगुवाई में मदद करेगी: विशेषज्ञ

विशेषज्ञों और प्रख्यात अर्थशास्त्रियों ने रिजर्व बैंक का अगला प्रमुख उर्जिट पटेल को बनाये जाने के कदम को ‘बेहतरीन चयन’ बताया और कहा कि शानदार रिकार्ड तथा अनुभव इन चुनौतीपूर्ण समय में केंद्रीय बैंक की अगुवाई के लिये उन्हें पूरी तरह उपयुक्त बनाता है।

भारतीय मूल के ब्रिटिश राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘यह बेहतरीन चयन है।। उर्जिट पटेल नई मौद्रिक नीति के वास्तुकार हैं जिस पर वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक सहमत है। काफी तेज़ और अनुभवी हैं। मैं सरकार को बेहतरीन चयन के लिये बधाई देता हूं।’’ इसी प्रकार की राय जाहिर करते हुए वित्त मंत्रालय में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार इला पटनायक ने कहा, ‘‘मैं यह देखकर बहुत खुश हूं कि सरकार ने उर्जिट पटेल को गवर्नर नियुक्त किया है। उर्जित ने मुद्रास्फीति को लक्ष्य बनाने के मसौदे को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। मुझे विश्वास है कि वह निरंतर मसौदे को मजबूत बनाएंगे।

रिजर्व बैंक में अपने अनुभव तथा शैक्षणिक रूप से शानदार रिकार्ड को देखते हुए वह चुनौतीपूर्ण समय में रिजर्व बैंक की अगुवाई करने के लिये पूरी तरह उपयुक्त हैं।’’ फ्रांस की अर्थशास्त्री गाई सोरमैन ने पटेल की नियुक्ति को भारत के लिये अच्छा बताया और कहा कि रघुराम राजन के जाने के बाद मुद्रास्फीति नीति को लेकर आशंका हो सकती थी जो भारत के लिये अच्छा नहीं होता और विदेशी निवेशकों के लिये गलत संदेश जाता।- पीटीआई