छत्तीसगढ़ का कबीरधाम जिला बना खुले में शौचमुक्त, प्रधानमंत्री भी कर चुके तारीफ
स्वच्छ भारत अभियान: दृष्टिहीन महिला को शौचालय जाने के लिए किया अनोखा उपाय
यह लेख छत्तीसगढ़ स्टोरी सीरीज़ का हिस्सा है...
कबीरधाम जिला लगातार स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ता चला गया। साल 2015-16 में 23840 शौचालय बनाने का लक्ष्य मिला, उस वर्ष 10853 शौचालय बनाए गए। 53 गांव ओडीएफ हो गए।
जिले को स्वच्छ बनाने का संकल्प ऐसे ही पूरा नहीं हुआ, प्रत्येक ग्रामीण, शहरी, स्कूली बच्चे, महिलाएं, युवा, बुजुर्गों ने अपनी सहभागिता निभाई और इसी समर्पण ने जिले को यह तमगा दे दिया।
स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2019 तक देश को ओपन डिफेकेशन फ्री बनाने का आह्वान किया। उनके इस आह्वान पर छत्तीसगढ़ ने भी कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की हामी भरी और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 2019 से एक साल पूर्व ही 2 अक्टूबर 2018 तक प्रदेश को ओडीएफ बना लेने का संकल्प लिया है। इस दिशा में कबीरधाम जिले ने भी अपनी सकारात्मक सहभागिता निभाई। अब कबीरधाम खुले में शौचमुक्त जिला घोषित हो चुका है। जिले को स्वच्छ बनाने का संकल्प ऐसे ही पूरा नहीं हुआ, प्रत्येक ग्रामीण, शहरी, स्कूली बच्चे, महिलाएं, युवा, बुजुर्गों ने अपनी सहभागिता निभाई और इसी समर्पण ने जिले को यह तमगा दे दिया।
इस संकल्प में जंतरीबाई का परिवार भी भागीदार रहा। जनपद पंचायत पंडरिया अंतर्गत ग्राम कुआंमालगी निवासी श्रीमती जंतरी बाई कुर्रे दृष्टिहीन है। 70 वर्षीया जंतरी बाई पति श्री भागवत प्रसाद कुर्रे अपनी झोपड़ी में पति एवं पोते-पोतियों के साथ रहती हैं। जंतरी बाई जन्म से दृष्टि हीन नहीं थी। लगभग 10 से 15 वर्ष पहले गंभीर बीमारी होने के कारण उनकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई। आंखों की रोशनी जाने से जंतरी बाई को अपने रोजमर्रा के कामों में बहुत तकलीफ हुई।
जंतरी बाई बताती हैं कि ‘मोर आंखी नइ दिखय। त मोला अपन रोज के काम-बुता म बहुत तकलीफ होवय। सबले ज्यादा मोला बाहिर-बट्टा जाए म तकलीफ होवय। पहिली मोर नतनीन हा मोला बाहिर-बट्टा लेगय। फेर जब ले मोर घर म शौचालय बने हे, तब ले मोला अकेल्ला बाहिर बट्टा जाए म सुविधा हो गे हे।’ स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायत कुआंमालगी ने जंतरी बाई को शौचालय बनाकर दिया। जंतरी बाई के घर में शौचालय बन जाने से बहुत सुविधा हुई। घर में बने शौचालय के कारण उन्हें बाहर जाने की तकलीफ से छुटकारा मिल गया।
अपनी पंचायत को खुले में शौचमुक्त करने के लिए जैतपुरी के बच्चों ने जो रास्ता बनाया, बाकी पूरे कबीरधाम जिले के स्कूली बच्चे भी उसी राह पर चल पड़े। अब यह पंचायत 100 फीसदी ओडीएफ है। यहां तक जैतपुरी के बच्चों के प्रयास का जिक्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने “मन की बात” में भी की। बेंदरची पंचायत के जैतपुरी गांव के ही बच्चों ने पालकों को शौचालय बनवाने के लिए पत्र लिखने की शुरुआत की। इसके बाद ही जिले के सवा लाख से ज्यादा बच्चों ने अपने मां-बाप को शौचालय बनाने चिट्ठी लिखी। यह बात जब प्रधानमंत्री जी को पता चली, तो उन्होंने भी बच्चों के इस काम की हौसला अफजाई की।
कबीरधाम जिला लगातार स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ता चला गया। साल 2015-16 में 23840 शौचालय बनाने का लक्ष्य मिला, उस वर्ष 10853 शौचालय बनाए गए। 53 गांव ओडीएफ हो गए। इसके बाद 2016-17 में 58694 शौचालय का लक्ष्य मिला। पिछला साल के लक्ष्य को मिलाकर 66674 शौचालय बनाए गए। 901 गांव ओडीएफ हो गए। 2017-18 में भी बचे हुए 9 गांव ओडीएफ हो गए। इस तरह 97065 ग्रामीण परिवारों को खुले में शौचमुक्त परिवार बना दिया गया।
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