EaseMyTrip ने 800 जिलों में लखपति दीदी योजना के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ समझौता किया
समझौते के अनुसार, ईज़मायट्रिप इस पहल के तहत भारत में 800 जिलों में प्रति प्रखंड 1 एसएचजी सदस्या को प्रशिक्षण देकर उनका सशक्तिकरण करेगा.
भारत के अग्रणी ऑनलाइन ट्रैवल टेक प्लैटफॉर्म में से एक,
.com ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है. ब्रांड के इस कदम का उद्देश्य दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के महिला स्व-सहायता समूहों (SHGs) की सदस्यों को लखपति दीदी योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान करना है. यह प्रशिक्षण महिला-नीत कौशल विकास पर केन्द्रित होगा, जिससे इन महिलाओं को अपनी उद्यमिता कौशल को विकसित करने और वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनने की क्षमता हासिल होगी.ग्रामीण विकास मंत्रालय की लखपति दीदी योजना का लक्ष्य सदस्याओं को प्रशिक्षित करना है. ज्ञातव्य है कि इन्हें लोग प्यार से दीदी कह कर बुलाते हैं. इससे ग्रामीण महिलाओं को अपने-अपने गाँवों में सूक्ष्म-उद्यम स्थापित करने और अपनी उद्यमिता कौशल का लाभ उठा कर प्रति परिवार कम से कम 1 लाख रुपये वार्षिक की सतत आय अर्जित करने में मदद मिलेगी. समझौता ज्ञापन के अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय एसएचजी सदस्याओं को संगठित करेगा और तयशुदा उद्देश्य के लिए ईज़मायट्रिप द्वारा प्रशिक्षण के लिए उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करेगा. दीदियों के चयन हेतु पात्रता का मानदंड यह होगा कि उन्हें अंग्रेजी/हिंदी पढ़ना और लिखना आना चाहिए और कंप्यूटर का प्रयोग तथा इन्टरनेट ब्राउज करने का ज्ञान होना चाहिए.
समझौते के अनुसार, ईज़मायट्रिप इस पहल के तहत भारत में 800 जिलों में प्रति प्रखंड 1 एसएचजी सदस्या को प्रशिक्षण देकर उनका सशक्तिकरण करेगा. सदस्याओं को रेलगाड़ियों, बसों, होटलों, और हवाई उड़ानों सहित सभी आवश्यक वर्गों में यात्रा का आरक्षण करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा, ईज़मायट्रिप उन्हें आवश्यक डिजिटल साधन मुहैया करेगा और सर्च करना, बुकिंग करना, भुगतान करना तथा ग्राहकों की ओर से टिकटों को प्रिंट करना जैसे अनिवार्य पहलों पर शिक्षा प्रदान करेगा. चयनित सदस्याओं को “टिकट वाली दीदी” कहा जा सकता है.
इस प्रोजेक्ट के आरम्भ से रोमांचित, निशांत पिट्टी, सीईओ और को-फाउंडर, ईज़मायट्रिप ने कहा कि, “हमारा दृढ़ विश्वास है कि देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण एक अपरिहार्य (अनिवार्य) शर्त है. उद्यमिता के क्षेत्र में महिलाओं की भादीगारी धीरे-धीरे बढ़ रही है और वे अपनी बहुआयामी कुशलताओं से इस उपक्रम में उत्कृष्टता का प्रदर्शन कर रही हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी शक्ति और संभावनाओं को उन्मुक्त करना अभी बाकी है. लखपति दीदी योजना जैसी पहलों से ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण होगा, उन्हें अपनी अन्तर्निहित उद्यमिता कुशलताओं का लाभ उठाकर वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी. ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ इस ऐतिहासिक समझौते के माध्यम से हमारा लक्ष्य स्व-सहायता समूहों की सदस्याओं को प्रशिक्षित करना, सुसज्जित करना और महिला उद्यमिता के भविष्य का निर्माण करना है.”
समझौते के हिस्से के रूप में ईज़मायट्रिप ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चिन्हित जिलों में 10 प्रखंडों प्रायोगिक परियोजना का संचालन करेगा. इन जिलों में पटना, बेगुसराय, वड़ोदरा, राजकोट, सूरत, भोपाल, उज्जैन, अयोध्या और वाराणसी शामिल हैं. शुरुआती दौर में निर्दिष्ट स्थानों में परीक्षण किया जाएगा, और उसके बाद इसे विधिवत पूरी तरह आरम्भ किया जायेगा. समझौते में यह भी बाध्यकारी है कि सदस्याओं द्वारा किये गए प्रत्येक बुकिंग पर ईज़मायट्रिप प्राप्त आमदनी में उनकी हिस्सेदारी देगा जिससे कि वे वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बन सकें. इसके अलावा, ईज़मायट्रिप का प्लैटफॉर्म चयनित सदस्या के लिए उपलब्ध और सुलभ रहेगा. अगले 3 सप्ताहों में बाकी नौ प्रखंडों को भी शामिल कर लिया जाएगा.
इस साझेदारी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री, गिरिराज सिंह ने कहा कि, “हम ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए वचनबद्ध हैं. लखपति दीदी योजना महिलाओं के सशक्तिकरण और बुनियादी स्तर पर उद्यमिता के पालन-पोषण के प्रति हमारे समर्पण का प्रमाण है. ईज़मायट्रिप के साथ इस रणनैतिक साझेदारी से पूरे देश में महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को बहुमूल्य प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करेगा. इससे इन महिलाओं को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनने और अपने समुदायों में सार्थक योगदान करने की क्षमता हासिल होगी.”