स्वच्छ भारत अभियान के तहत कचरे से बिजली उत्पादन के 6 संयंत्र होंगे स्थापित
पीटीआई
स्वच्छ भारत अभियान के तहत कचरे से बिजली के उत्पादन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर अगले साल करीब 74 मेगावाट की क्षमता वाले छह संयंत्र काम करना शुरू कर देंगे। इनमें से दो राष्ट्रीय राजधानी में स्थापित किए जाएंगे।
शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने वेस्ट-टू-वेल्थ :कचरे से दौलत: योजना शुरू की है जिसके लिए कुल 73.6 मेगवाट विद्युत उत्पादन के लिए इन वेस्ट-टू-एनर्जी संयंत्रों की शुरूआत को लेकर कदम उठाए गए हैं।’’ ठोस कचरा प्रबंधन :एसडब्ल्यूएम: स्वच्छ भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
जहां गाजीपुर में बनने वाला वेस्ट-टू-एनर्जी संयंत्र हर दिन 2,000 टन कचरे के प्रस्ंस्करण द्वारा 12 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा वहीं नरेला-बवाना में बनने वाला संयंत्र हर दिन 24 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा।
वहीं जबलपुर :मध्यप्रदेश: और हैदराबाद में 11-11 मेगावाट जबकि तेलंगाना के नलगोंडा में 12.6 मेगावाट और चेन्नई में तीन मेगावाट उत्पादन क्षमता वाले वेस्ट-टू-एनर्जी संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। ये संयंत्र अगले साल से काम करना शुरू कर देंगे।
अधिकारी ने कहा कि एसडब्ल्यूएम परियोजनाओं को व्यवहारिक बनाने के लिए बाजार विकास सबंधी सहायता उपलब्ध करायी जाएगी और सरकार राज्य विद्युत बोर्ड के लिए इन संयंत्रों से बिजली खरीदने को अनिवार्य भी कर देगी।