एडटेक इंडस्ट्री में आ रहे ये 5 बड़े बदलाव
यहां हम पांच ऐसी चीजों के बारे में बात करेंगे जो एडटेक सेक्टर को प्रभावित कर रही हैं और एडटेक कंपनियों को अपनी अगली रणनीति तय करने से पहले इन्हें ध्यान में रखना चाहिए.
पिछले कुछ सालों में एडटेक सेक्टर के एजुकेशन-टू-एम्प्लॉयमेंट (एजुकेशन से लेकर रोजगार दिलाने तक पर काम करने वाले) सेगमेंट में बेहद तेज वृद्धि देखने को मिली है. इन एजुकेशन-टू-एम्प्लॉयमेंट एडटेक कंपनियों का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है, क्योंकि मौजूदा कंपनियों ने बड़ी संख्या में पूंजी लगा रखी है और हजारों नई कंपनियों मार्केट में उतर रही हैं. इस दौरान इंवेस्टर्स पूछ रहे हैं कि भविष्य में उनका यह निवेश कहां तक ले जाएगा. अब दर्जनों ऐसे एडटेक यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स हैं जिनकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर से अधिक है.
यहां हम पांच ऐसी चीजों के बारे में बात करेंगे जो एडटेक सेक्टर को प्रभावित कर रही हैं और एडटेक कंपनियों को अपनी अगली रणनीति तय करने से पहले इन्हें ध्यान में रखना चाहिए.
1. 2010 की तुलना में 40 गुना बढ़ा निवेश
बेहद तेजी से हो रहे तकनीकी बदलावों और कंपनियों के डिजिटलीकरण कई कंपनियां अपने वर्कफोर्स को लगातार अपस्किल करना चाहती हैं. इस दौरान ब्रॉडबैंड एक्सेस और डिस्टेंस एजुकेशन टेक्नोलॉजी कहीं अधिक एडवांस्ड हो गए हैं. इन्होंने एडटेक सेक्टर में उछाल में सहयोग किया.
इन सब को देखते हुए वेंचर कैपिटलिस्ट (VCs) ने दुनियाभर में साल 2021 में एडटेक सेक्टर में 20.8 अरब डॉलर (करीब 17 खरब रुपये) का निवेश कर दिया. यह साल 2010 में किए गए निवेश का 40 गुना है. इस हिसाब से देखें तो एडटेक सेक्टर आगे भी बहुत तेजी से बढ़ेगा.
2. एडटेक कंपनियों का विलय पर फोकस
एडटेक कंपनियां कस्टमर्स को लुभाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं. फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स से पता चलता है कि हाल के सालों में कई बड़ी कंपनियों के सेल्स और मार्केटिंग खर्च उनकी कुल रिवेन्यू का 20 से 60 फीसदी पहुंच गया है.
3. कर्मचारियों की रिस्किलिंग और अपस्किलिंग पर फोकस
बड़ी संख्या में छंटनी के दौरान कंपनियां नौकरी छोड़ने वालों से भी परेशान हैं और ऐसे में उनके लिए टैलेंट को रोकना बड़ी चुनौती बन गई है.
, , Target और जैसे बड़े नियोक्ताओं ने टैलेंग गैप को भरने के लिए वर्कफोर्स एजुकेशन और डेवलपमेंट प्रोग्राम में बड़े निवेश की घोषणा की है. वहीं, अपस्किलिंग के डिमांड को भरने के लिए ऑनलाइन एजुकेशन कंपनियां बड़े पैमाने पर ऑफर दे रही हैं.4. एडटेक में भारत बना लीडर
साल 2010 में अमेरिका करीब एक तिहाई ग्लोबल वीसी फंडिंग ले रहा था. हालांकि, अब एक दशक बाद निवेशकों ने भारत का रुख कर लिया है. Udacity, Coursera और edX जैसी बड़ी एडटेक कंपनियों ने भारत में निवेश करना शुरू कर दिया था.
साल 2020 में चीनी मार्केट को 63 फीसदी एडटेक फंडिंग मिल रहा था जो कि 2021 में कम होकर 13 फीसदी रह गया. वहीं, भारत में जहां 5 साल पहले एडटेक फंडिंग 16 अरब रुपया था तो वहीं वह 2021 में बढ़कर 3 खरब डॉलर हो गया, जो कि ग्लोबल निवेश का 18 फीसदी है. भारत में इंग्लिश स्पोकन की भारी मांग को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय एडटेक कंपनियां बिना अपने कंटेंट को ट्रांसलेट किए हुए बड़ी सफलता की कहानी लिख सकती हैं.
जैसी भारतीय एडटेक कंपनी अरबों डॉलर की वैल्यूएशन पर पहुंच गई है और अमेरिका में कंपनियों का अधिग्रहण कर रही है.5. नौकरी पाने में मदद करने पर फोकस
साल 2021 में McKinsey ने 3500 से अधिक एडटेक स्टूडेंट्स का सर्वे किया था. एडटेक प्रोवाइडर्स बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी औऱ कंटेंट पर बड़े पैमाने पर निर्भर नहीं रह सकते हैं. लर्नर्स पर्सनलाइज्ड मेंटरिंग, इंटरव्यू के लिए तैयारी और नौकरी पाने में मदद जैसे वैल्यू एडेड सर्विसेज चाहते हैं. उदाहरण के लिए भारत में अपग्रेड अपने स्टूडेंट्स को नौकरी पाने में मदद करने के लिए एक रिक्रूटिंग और स्टाफिंग एजेंसी का अधिग्रहण किया है.
Edited by Vishal Jaiswal