एडटेक यूनिकॉर्न Unacademy ने खर्च में की भारी कटौती, जनवरी तक प्रॉफिटेबल बनने का लक्ष्य
पिछले कुछ महीने में कंपनी ने सैकड़ों कर्मचारियों को निकालने के साथ ही डिजिटल मार्केटिंग खर्च को कम करने और कई अन्य तरह के खर्चों पर लगाम लगाई है.
सॉफ्टबैंक
समर्थित एजुकेशन-टेक्नोलॉजी (एडटेक) यूनिकॉर्न अनअकेडमी ने अपने मासिक खर्च को 200 करोड़ से कम करके 50-60 करोड़ तक सीमित कर दिया है और इसके साथ ही वह प्रॉफिटेबिलिटी की ओर भी बढ़ रही है.मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, फंडिंग की गति धीमी होने और निवेशकों के संभलकर निवेश करने के कारण एडटेक प्लेटफॉर्म ने यह कदम उठाया है. पिछले कुछ महीने में कंपनी ने सैकड़ों कर्मचारियों को निकालने के साथ ही डिजिटल मार्केटिंग खर्च को कम करने और कई अन्य तरह के खर्चों पर लगाम लगाई है.
कैलेंडर ईयर 2022 के लिए कुल मिलाकर समूह का राजस्व पहले से ही 10 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है और कंपनी को उम्मीद है कि इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक इसका राजस्व 15 प्रतिशत बढ़ेगा. पिछले साल की तुलना में ग्रोथ धीमी है, लेकिन कंपनी के लिए यह अभी भी ग्रोथ है.
प्राप्त आंतरिक अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 (2021-22) के लिए, अनएकेडमी को उम्मीद है कि उसका अर्जित राजस्व 700 करोड़ रुपये से अधिक होगा, जबकि वित्त वर्ष 2022 के लिए कलेक्शन रिवेन्यू 1,100 करोड़ रुपये से अधिक था. सूत्रों ने कहा कि Unacademy को जनवरी तक प्रॉफिटेबल बनने की उम्मीद है.
बता दें कि, साल 2015 में गौरव मुंजाल, रोमन सैनी और हेमेश सिंह द्वारा शुरू की गई अनअकेडमी सितंबर, 2020 में ही यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गई थी. हालांकि, कोवि-19 महामारी के दौरान भारी उछाल देखने के बाद अब एडटेक मार्केट में भारी उतार दिख रहा है और फंडिंग का संकट भी पैदा हो गया है.
जापान की सॉफ्टबैंक समर्थित एडटेक यूनिकॉर्न Unacademy ने अगस्त से 6 महीने के लिए अपने कई डाउट सॉल्विंग टीचरों का कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल कर दिया है. एडटेक कंपनी के ये टीचर्स नीट और आईआईटी-जेईई से जुड़े डाउट्स को सॉल्व कराते थे. अभी तक, साल 2022 में अनअकेडमी ने अपनी सेल्स, मार्केटिंग और अन्य टीमों ने 750 लोगों को निकाल चुकी है. उसने उन सैकड़ों टीचरों को भी निकाल दिया या कॉन्ट्रैक्ट पर हायर किए थे.
जुलाई महीने में मुंजाल ने कहा था कि आक्रामक तरीके से कॉस्ट कटिंग करने के लिए टॉप मैनेजमेंट और फाउंडर्स की सैलरी में कटौती के साथ ही ट्रैवल पर भी पाबंदी लगा दी है. वहीं, कंपनी को मुनाफे में लाने के लिए उन्होंने ऑफिस में कॉम्प्लिमेंटरी फूड सेवाओं पर भी पाबंदी लगा दी है.
मुंजाल ने कहा था कि कंपनी ने अपनी परफॉर्मेंस मार्केटिंग खर्च को भी प्रति माह 18 करोड़ रुपये से घटाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया है. मुंजाल ने अगले साल से IPL (Indian Premier League) के विज्ञापनों पर भी खर्च रोकने की बात कही थी.
Edited by Vishal Jaiswal