आठ महीने की गर्भवती डॉक्टर आराम की जगह लगातार कर रही हैं कोरोना मरीजों की सेवा, महत्वपूर्ण जगह पर है तैनाती
कोरोना महामारी के चलते प्रभावित हुए लोगों की परेशानी को देखकर डॉ. शिवानी शर्मा खुद को उन सभी की सेवा करने से रोक नहीं पाई और आठ महीने की गर्भवती होने के बावजूद वह लगातार अपनी ड्यूटी निभाते हुए लोगों की जान बचाने का काम कर रही हैं।
"30 साल की डॉ. शिवानी वर्तमान में पंजाब और जम्मू-कश्मीर सीमा पर स्थित कठुआ जिले के लखनपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी ड्यूटी निभा रही हैं। डॉ. शिवानी का मानना है कि कोरोना महामारी भारत के लिए युद्ध सरीखी है और भारत के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण क्षण हैं।"
कोरोना वायरस महामारी ने फ्रंटलाइन वर्करों, जिसमें खासकर कोरोना मरीजों का उपचार करने वाले डॉक्टरों को सीधे तौर पर प्रभावित किया है, इसके बावजूद देश भर के डॉक्टरों ने तमाम कठिन व विपरीत परिस्थितियों के बावजूद जरूरतमंद लोगों के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ऐसा ही एक नाम डॉ. शिवानी का भी है, जो गर्भवती हैं और जल्द ही माँ बनने वाली हैं, लेकिन अपनी इस स्थिति के बावजूद वह इस समय एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जरूरतमन्द लोगों की सेवा में लगातार लगी हुई हैं।
कोरोना महामारी के चलते प्रभावित हुए लोगों की परेशानी को देखकर डॉ. शिवानी शर्मा खुद को उन सभी की सेवा करने से रोक नहीं पाई और आठ महीने की गर्भवती होने के बावजूद वह लगातार अपनी ड्यूटी निभाते हुए लोगों की जान बचाने का काम कर रही हैं।
30 साल की डॉ. शिवानी वर्तमान में पंजाब और जम्मू-कश्मीर सीमा पर स्थित कठुआ जिले के लखनपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी ड्यूटी निभा रही हैं। डॉ. शिवानी का मानना है कि कोरोना महामारी भारत के लिए युद्ध सरीखी है और भारत के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण क्षण हैं।
खुद को मानती हैं धन्य
न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए डॉ. शिवानी ने बताया है कि जब उन्होने इस अस्पताल को जॉइन किया था तब वह साढ़े पाँच महीने की प्रेगनेंट थीं, जबकि अब उनका आठवाँ महीना चल रहा है। डॉ. शिवानी के अनुसार ऐसी स्थिति में सभी आम महिलाओं की तरह थोड़ी-बहुत परेशानी तो उन्हें भी उठानी पड़ रही है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते लगातार बदतर होते हालात उन्हें लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
डॉ. शिवानी का कहती हैं कि उन्हें अपने बच्चे की भी चिंता है, लेकिन वह ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहती हैं कि फिलहाल उनका बच्चा उनकी इस महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी से दूर जाने का कारण बने।
इस मामले में डॉ. शिवानी खुद को धन्य मानती हैं कि इस वैश्विक महामारी के दौरान जब लोग ऐसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं, ऐसे में उन्हे इन लोगों को बचाने का सौभाग्य हासिल हुआ है। डॉ. शिवानी को यह आशा है कि देश जल्द ही कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जीत हासिल कर लेगा।
क्षेत्र में है डॉक्टरों की कमी
डॉ. शिवानी के अनुसार आज जरूरी है कि हम सभी एक दूसरे के लिए मौजूद रहें और इसी उद्देश्य के साथ उन्होने बड़े स्तर पर जरूरतमंद लोगों की मदद करने के उद्देश्य से इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपनी सेवाएँ देने का फैसला लिया है। डॉ. शिवानी के अनुसार सीमा पर स्थित होने के चलते इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अधिक मरीज आते हैं और क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी को ध्यान में रखते हुए वह फिलहाल नौकरी से छुट्टी नहीं लेना चाहती थीं।
कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में आठ महीने की गर्भवती होने के बावजूद लोगों की लगातार मदद करने की हिम्मत का श्रेय डॉ. शिवानी अपने परिवार को देती हैं। डॉ. शिवानी के पति खुद भी एक डॉक्टर हैं और वो भी उन्हे लगातार जरूरतमन्द लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। आज डॉ. शिवानी के लिए उनकी प्रेग्नेंसी से कहीं अधिक महत्वपूर्ण काम लोगों की मदद करना बन गया है।
Edited by Ranjana Tripathi