साल की पहली तिमाही में ही 1 प्रतिशत से बढ़कर 4.35 प्रतिशत हुई electric vehicle की बिक्री
सीईईडब्ल्यू-सेंटर फॉर एनर्जी फाइनेंस (CEEW Centre for Energy Finance) के अनुसार, आग लगने की विभिन्न घटनाओं के बावजूद, तिमाही-दर-तिमाही आधार पर देखें तो electric vehicle की बिक्री में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटनाओं की खबर हमें आये दिन सुनने को मिलती हैं पर इन चिंताओं के बावजूद इलेक्ट्रिक वाहनों (electrical vehicle) की बिक्री में, पिछले वर्ष की पहली तिमाही की तुलना में, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 600 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई.
यह जानकारी आज जारी हुए सीईईडब्ल्यू-सेंटर फॉर एनर्जी फाइनेंस (CEEW Centre for Energy Finance) मार्केट हैंडबुक के नए संस्करण में दी गई है. हैंडबुक के अनुसार, आग लगने की विभिन्न घटनाओं के बावजूद, तिमाही-दर-तिमाही आधार पर देखें तो ईवी की बिक्री में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. इस तिमाही में बिक्री होने वाले कुल नए वाहनों में ईवी की हिस्सेदारी बढ़कर 4.35 प्रतिशत हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में एक प्रतिशत से भी कम थी.
रिन्यूएबल एनर्जी के कन्जम्पशन में बढ़ोतरी
सीईईडब्ल्यू-सीईएफ मार्केट हैंडबुक में दिए गए जानकारी के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.3 गीगावॉट बिजली उत्पादन क्षमता जोड़ी गई, जिसमें रिन्यूएबल एनर्जी की हिस्सेदारी 98 प्रतिशत रही. जिसकी प्रमुख वजहों में एनर्जी के क्षेत्र में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने के अलावा, क्षमता बढ़ोतरी में इस तेज उछाल के लिए पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में लो बेस इफेक्ट भी रहा है.
रिन्यूएबल एनर्जी के विस्तार को देखें तो इसमें सोलर एनर्जी का बोलबाला रहा. 4.2 गीगावॉट के कुल रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता विस्तार में सोलर एनर्जी का हिस्सा 89 प्रतिशत रहा. इसके लिए ग्रिड-स्केल और रूफटॉप सोलर की मजबूत मांग भी एक महत्वपूर्ण वजह रही.
हालांकि, पवन ऊर्जा क्षमता में वृद्धि सिर्फ 430 मेगावॉट की रही. लेकिन कुछ उत्साहजनक संकेत भी हैं. हाल ही के सप्ताहों में पवन ऊर्जा को एक नियामकीय समर्थन भी मिला है. इसमें पहला कदम, पवन ऊर्जा से उत्पादित बिजली के लिए कम से कम टैरिफ (बिक्री दर) के लिए होने वाली रिवर्स नीलामियों पर रोक लगाना है. दूसरा कदम, मार्च 2022 के बाद शुरू हुई पवन ऊर्जा क्षमता के लिए एक समर्पित रिन्यूएबल परचेज ऑब्लिगेशन (आरपीओ) की शुरूआत करना है.
सीईईडब्ल्यू-सीईएफ की हैन्डबुक में दर्ज रिन्यूएबल एनर्जी के आंकडें लोगों के बदलते मिजाज़ की तरफ इंगित करती है. इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री के आंकड़ों को देखकर इसे पर्यावरण के मद्देनज़र एक सकारात्मक संकेत माना जा सकता है. मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ईवी की बिक्री, पिछले वित्त वर्ष में कुल बिके ईवी के लगभग आधे हिस्से तक पहुंच गई है. दोपहिया और तिपहिया (ई-रिक्शा सहित) वाहनों की कुल बिक्री में, बैटरीचालित दोपहिया वाहनों का हिस्सा 3.7 फीसदी और तिपहिया वाहनों का हिस्सा 54.9 प्रतिशत रहा है.
सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम
इस तिमाही में ईवी की सुरक्षा के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ईवी बैटरी के प्रदर्शन मानकों को जारी किया है.
इसके अलावा, नीति आयोग ने अग्रिम लागत घटाने और कम जगह में ईवी चार्जिंग के लिए बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी किया. इन उपायों का मकसद ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है.