एमिरेट्स एयरलाइंस ने बताया कि विमान में सीटें खाली छोड़ने के क्या नुकसान हैं!
महामारी से पहले एमिरेट्स ने 60,000 कर्मचारियों को नौकरी पर रखा हुआ था, जिनमें 4,300 पायलट और लगभग 22,000 केबिन क्रू शामिल थे।
कोरोना वायरस महामारी के बाद लागू किए गए लॉकडाउन में अब छूट मिलनी चालू हो गई है, इसी के साथ विमान सेवाओं को भी फिर से शुरू करने की ओर कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके बाद विमान कंपनियों से विमान के भीतर सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन सुनिश्चित कराने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन क्या यह एयरलाइन कंपनियों के हित में है?
दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनियों में शुमार एमिरेट्स एयरलाइंस ने कहा है कि कोरोनोवायरस के प्रसार पर रोक लगाने के उद्देश्य से सीटें खाली छोड़ कर विमान पर सोशल डिस्टेन्सिंग स्थापित करना अवास्तविक था, क्योंकि इससे एयरलाइन की लागत बहुत अधिक बढ़ जाएगी, जिसे वहन करना कंपनी के लिए असंभव सा होगा।
मध्य पूर्व की सबसे बड़ी कंपनी ने मार्च के अंत में वैश्विक शटडाउन के साथ ही वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपनी सेवाओं का संचालन को रोक दिया था।
एमिरेट्स का कहना है कि विमान के संचालन कि लागत तभी निकलती है जब विमान में सीटें पूरी तरह से भरी हों, ऐसे में अगर ग्राहक अधिक भुगतान करने के लिए तैयार नहीं हैं, तब तक यह कोई बेहतर विकल्प नहीं है।
गौरतलब है कि महामारी के चलते इस बड़ी एयरलाइन ने अपने कार्यबल का दसवां हिस्सा छाँट दिया है, जो 15 प्रतिशत तक जा सकता है और इससे करीब 9 हज़ार नौकरियों पर संकट आ गिरेगा।
महामारी से पहले एमिरेट्स ने 60,000 कर्मचारियों को नौकरी पर रखा हुआ था, जिनमें 4,300 पायलट और लगभग 22,000 केबिन क्रू शामिल थे।