Amazon की छंटनी के खिलाफ कर्मचारियों ने की शिकायत, लेबर ऑफिस ने भेजा नोटिस
नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इम्प्लॉयीज सीनेट (The Nascent Information Technology Employees Senate) ने एक शिकायत में कहा कि औद्योगिक विवाद अधिनियम के अनुसार, कोई कंपनी उपयुक्त सरकार से पूर्व अनुमति के बिना, कंपनी के मस्टर रोल पर रखे गए कर्मचारी की छंटनी नहीं की जा सकती है.
पुणे के लेबर कमिश्नर ऑफिस ने दिग्गज अमेरिकी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन को एक नोटिस भेजा है. नोटिस में अमेजन को 17 जनवरी को आयुक्त कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया था. एक समूह ने आरोप लगाया है कि ई-कॉमर्स दिग्गज ने अवैध रूप से एक स्वैच्छिक अलगाव नीति और छंटनी की घोषणा की है.
नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इम्प्लॉयीज सीनेट (The Nascent Information Technology Employees Senate) ने एक शिकायत में कहा कि औद्योगिक विवाद अधिनियम के अनुसार, कोई कंपनी उपयुक्त सरकार से पूर्व अनुमति के बिना, कंपनी के मस्टर रोल पर रखे गए कर्मचारी की छंटनी नहीं की जा सकती है.
NITES ने कहा कि एक कर्मचारी जिसने कम से कम एक साल तक लगातार सेवा की है, उसे तब तक नहीं हटाया जा सकता जब तक कि तीन महीने पहले नोटिस नहीं दिया जाता है और उचित सरकार से पूर्व अनुमति नहीं मिलती है.
एनआईटीईएस की वेबसाइट के अनुसार, यह आईटी क्षेत्र के कर्मचारियों के अधिकारों के लिए काम करता है. उक्त आवेदन के जवाब में कंपनी को इस तरह की छंटनी के कारणों को बताना होगा.
एनआईटीईएस के जनरल सेक्रेटरी हरप्रीत सलूजा ने कहा, हालांकि, अमेजन ने साफ तौर पर मौजूदा भारतीय लेबर कानूनों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है, जो कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने हैं. लागू की गई स्वैच्छिक अलगाव नीति को कभी भी श्रम मंत्रालय को समीक्षा के लिए प्रस्तुत नहीं किया गया, जो मौजूदा श्रम कानूनों का उल्लंघन है.
नोटिस मिलने पर प्रतिक्रिया को लेकर अमेजन को एक ईमेल भेजकर जवाब मांगा गया लेकिन अमेजन ने अभी तक उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
नवंबर में लेबर मिनिस्ट्री ने किया था तलब
वालंटरी सेपरेशन प्रोग्राम के तहत भारतीय कर्मचारियों को कुछ मॉनिटरी बेनिफिट्स के बदले कंपनी से बाहर निकलने का आग्रह करने पर भी पिछले साल नवंबर में श्रम मंत्रालय ने भी अमेजन को तलब किया था.
तब सुनवाई में कर्मचारियों की छंटनी को लेकर कंपनी ने श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) को सफाई दी थी कि
India ने किसी कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया है, जितने भी इस्तीफे हुए हैं वो सभी स्वैच्छिक हैं.कंपनी ने बताया था कि वह हर साल अपने कर्मचारियों की समीक्षा करती है इस बात की जांच करती है कि क्या उन्हें फिर से व्यवस्थित करने की जरूरत है. कंपनी ने बताया कि सभी वर्कर्स रीअलाइन्मन्ट स्कीम को स्वीकार करने या अस्वीकार करने के लिए स्वतंत्र थे. यदि वे योजना को स्वीकार करते हैं, तो उन्हें "उचित विच्छेद पैकेज" (fair severance package) मिलेगा.
कंपनी ने आगे कहा था कि किसी भी कर्मचारी को नौकरी छोड़ने के लिए नहीं कहा गया था, बल्कि उन्हें अपने हिसाब से फैसला लेने की सलाह दी गई थी. कंपनी ने मई में दावा किया था कि उसने भारत में 11.6 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित की हैं. 2025 तक, इसने देश में 2 करोड़ नौकरियां देने का संकल्प लिया है.
अमेजन ने 18 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है
बता दें कि, अमेजन ने पिछले साल के अंत में अपने ग्लोबल वर्कफोर्स के 18 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी. 31 दिसंबर 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक, Amazon में फुल-टाइम और पार्ट-टाइम मिलाकर करीब 16 लाख कर्मचारी काम करते हैं.
इससे भारत में उसके वर्कफोर्स का 1 फीसदी प्रभावित होगा जिनकी संख्या लगभग 1000 होगी. बता दें कि, भारत में अमेजन के 10 हजार के करीब कर्मचारी काम करते हैं.
18 नवंबर को, Amazon के सीईओ एंडी जेसी (Andy Jassy) ने ये भी कहा कि साल 2023 की शुरुआत तक कंपनी में छंटनी की प्रक्रिया जारी रहेगी. वहीं, अमेजन ने भारत में अपने एजुकेशन सर्विस, फूड डिलीवरी और डिस्ट्रीब्यूशन सर्विस को भी बंद करने का फैसला कर लिया है.
Edited by Vishal Jaiswal