बकरी पालन से लाखों कमाता है ये वैज्ञानिक
बकरी पालन के लिए इस भारतीय वैज्ञानिक ने अमेरिका की नौकरी छोड़ शुरू किया बिज़नेस, अब कमाते हैं लाखों
महाराष्ट्र के अभिषेक भराड ने अमेरिका में प्रतिष्ठित नौकरी छोड़कर गांव लौटकर बकरी पालने का काम शुरू किया और आज लाखों रुपये का कारोबार करते हैं।
अमेरिका में अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर वापस अपने देश लौटना कई लोगों को खटक सकता है क्योंकि न जाने कितने युवाओं की हसरत होती है कि वे विदेश में जाकर पढ़ें और वहीं पर नौकरी भी करें, लेकिन अभिषेक उनमें से नहीं थे।
उन्हें एक बकरी बेचने पर लगभग 10 हजार रुपये मिलते हैं। इस तरह से उन्हें हर साल लगभग 10 लाख रुपये की आमदनी होती है। वे बताते हैं कि अगर 7 लाख रुपयों से निवेश करें तो हमें हर साल 3 से 4 लाख रुपये आराम से मिल सकते हैं।
आमिर खान की फिल्म '3 इडियट्स' में एक डायलॉग है कि 'काबिल बनो, कामयाबी झक मार के पीछे आएगी'। महाराष्ट्र के बुलढाड़ा जिले के रहने वाले डॉ. अभिषेक भराड ने इसे सच साबित कर दिया है। उन्होंने अमेरिका में प्रतिष्ठित नौकरी छोड़कर गांव लौटकर बकरी पालने का काम शुरू किया और आज लाखों रुपये का कारोबार करते हैं। अभिषेक ने पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ से 2008 में बीएससी करने के बाद अमेरिका से लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी से मास्टर्स (एमएस.) और फिर वहीं से अपनी पीएचडी पूरी की।
पीएचडी के बाद उन्हें वैज्ञानिक के तौर पर अमेरिका में ही नौकरी मिल गई। उन्होने 2 साल तक नौकरी की, लेकिन उन्हें घर की याद सताती थी। इसलिए वे अपने देश लौटकर यहीं पर कुछ करना चाहते थे। उन्होंने एक दिन फैसला ले ही लिया और नौकरी छोड़कर वापस अपने गांव लौट आए। उनके पिता भागवत भराड सिंचाई विभाग में इंजिनियर थे। इसलिए घर की ओर से भी अच्छी नौकरी का थोड़ा सा दबाव था। लेकिन अभिषेक ने घरवालों से सीधए कह दिया कि वे अब और नौकरी नहीं कर पाएंगे। घरवालों ने भी उनकी बात मान ली और वे वापस वतन लौट आए।
अमेरिका में अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर वापस अपने देश लौटना कई लोगों को खटक सकता है क्योंकि न जाने कितने युवाओं की हसरत होती है कि वे विदेश में जाकर पढ़ें और वहीं पर नौकरी भी करें, लेकिन अभिषेक उनमें से नहीं थे। वे गांव लौटकर वे एग्री बिजनेस शुरू करना चाहते थे। तभी उन्हें बकरीपालन के बारे में मालूम चला। लेकिन इसे शुरू करने के लिए काफी जमीन की आवश्यकता थी। उन्होंने लगभग 20 एकड़ जमीन लीज पर ली। इस बिजनेस को शुरू करने में उन्हें 12 लाख का निवेश भी करना पड़ा।
अभिषेक ने 120 बकरियों के साथ इस एग्री बिजनेस की शुरुआत की थी। लेकिन सिर्फ एक साल के अंदर ही उनके बकरियों की संख्या दोगुनी हो गई। आज उनके पास 350 से भी ज्यादा बकरियां हैं। वे बताते हैं कि बकरियों को सही खुराक देनी पड़ती है और समय पर उनके चारे की व्यवस्था करनी पड़ती है। वह उनकी साफ-सफाई का भी ख्याल रखते हैं। उन्होंने बकरियों के चारे के लिए 6 एकड़ की जमीन पर मक्का और बाजरा जैसी फसलें भी बोई हैं। उनके पास आठ प्रकार के बकरियां हैं, जैसे अफ्रीकी बोर, बेतट, जमुनीपरी, सिरोही यह अन्य व्यवसायियों को बकरियों के पार से सीमा प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।
उन्हें एक बकरी बेचने पर लगभग 10 हजार रुपये मिलते हैं। इस तरह से उन्हें हर साल लगभग 10 लाख रुपये की आमदनी होती है। वे बताते हैं कि अगर 7 लाख रुपयों से निवेश करें तो हमें हर साल 3 से 4 लाख रुपये आराम से मिल सकते हैं और जैसे-जैसे बकरियों की संख्या बढ़ेगी, आमदनी भी बढ़ती चली जाएगी। रोजगार के साथ ही अभिषेक अपने गांव व उसके आस-पास के युवाओं की शिक्षा पर भी ध्यान देते हैं। वे अपनी पढ़ाई को जाया नहीं होने देना चाहते, उन्होंने युवाओं को आगे पढ़ाई के लिए प्रेरित भी किया है। उन्होंने गांव के किसानों का ग्रुप बनाया है और लोगों को वैज्ञानिक तरीके से खेती कराने पर जोर दे रहे हैं।
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